मां ही तो इस श्रृष्टि की जननी है, माँ ही बच्चे की प्रथम गुरु होती है। माँ बच्चे को शिक्षा, सुविधा क़े साथ संस्कार जरूर दे सोनपुर। भारतीय सनातन धर्म में हर त्यौहार व मनोरंजन का अलग-अलग महत्व है। त्योहार व मनोरंजन मनाने से धार्मिक, सांस्कृतिक, मानसिक चेतना व अच्छे स्वास्थ्य निरोगी काया रहे इसके लिए त्यौहार या लोग आपसी प्रेम बने रहे इसके लिए मनोरंजन या त्यौहार मनाया जाता हैं. ऐसा ही एक आपसी प्रेम व रिस्ता में मजबूती बनी रहे इसके लिए मदर्स डे क़े रूप में हर साल 11 मई को मनाया जाता है । इस खास दिन को लोग अपनी मां को अनेकों प्रकार के उपहार देकर उनका आशीर्वाद लेते और उनके साथ खुशियां मनाते है। सोनपुर प्रखंड के अंतर्गत भरपुरा में मदर्स डे के अवसर पर धूमधाम के साथ कोचिंग सेंटर में मदर्स डे मनाया गया। जिसमें सभी बच्चों क़े उपस्थिति में बृद्ध माँ व बच्चे क़े माँ को बुलाकर मौके पर केक कटवाकर मदर्स डे मनाया गया। मां की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए साक्षी कुमारी ने कहीं कि मां ही तो श्रृष्टि की जननी है। यहां तक कि ईश्वर को भी पृथ्वी पर अवतरित होने के लिए मां की आवश्यकता पड़ी थी। उन्होंने यह भी कहा कि आज कल हमारे समाज में बच्चो को अच्छी खान पान पहनावे,सुविधाएं और भाषा में पाश्चात्य सभ्यता का विस्तार हो रहा है लेकिन संस्कार नहीं देने क़े कारण वही बच्चे बड़ो -छोटे को कद्र नहीं कर रहे है जिसके कारण शिक्षित होते हुए भी अज्ञानता क़े कमी लोगो क़े बीच दर्शाता है। इसलिए हर माँ को चाहिए की शिक्षा क़े साथ बच्चो को संस्कार दे क्योंकि माँ ही बच्चे की प्रथम गुरु होती है। जो संदेश बच्चे को देती है, वही संदेश वह बच्चा दुनिया को देता है। वही शिक्षिका बिभा देवी ने मदर्स डे पर कहीं कि माँ सदैव शिक्षक की भूमिका निभाती है, और उसकी शिक्षाएँ बच्चो क़े पूरे जीवन सफर में मार्गदर्शन का काम करती है। मातृत्व शक्ति के बिना हमारी कल्पना नहीं की जा सकती है। मां व बड़ो को सदैव सम्मान तथा सेवा करने की जरूरत है।बच्चो क़े लिए मां का जीवन सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र उपहार है। उनकी महिमा में उनके प्रेम समर्पण त्याग साथ की अनमोल भावना छिपी होती है। मां का प्रेम असीम, उनका समर्थन - अद्वितीय और उनका समर्पण अद्भुत है। उनकी महिमा में समस्त सृष्टि का सम्मान और प्रेम छुपा हुआ है। उनकी शक्ति संवेदनशीलता और साहस अनगिनत कहानियों में दिखता हैं। मां की महिमा को शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं है।जिस घर में नारी की सम्मान मिलेगी उस घर क़े जीवन खुशहाल होगा। मौके पर उपस्थित रहे अनिल कुमार, गोपाल कुमार,रेशमी देवी,नीलम देवी,बबली देवी,रीना देवी,शुभम कुमार,सूर्या कुमार,सत्यम कुमार, रवि कुमार, आरती कुमारी, लवली कुमारी,साक्षी कुमारी, आकांक्षा कुमारी सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।