नौलखा मंदिर में श्री बालाजी वेंकटेश श्री पद्मावती का हुआ कल्याण महोत्सव संपन्न गजेंद्र मोक्ष देवस्थानम सोनपुर के उत्तराधिकारी बने वैष्णव दास भगवान के महोत्सव में शामिल होने वाले लोग सभी चिंताओ से मुक्त हो जाते हैं--जगतगुरु स्वामी लक्ष्मणाचार्य सोनपुर। विश्व विख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर के प्रसिद्ध श्री गजेंद्र मोक्ष देवस्थानम नौलखा मंदिर में शुक्रवार को श्री बालाजी वेंकटेश श्री पद्मावती का कल्याण महोत्सव संपन्न हुआ। सुबह से यज्ञ अनुष्ठान दोपहर बाद तक चलता रहा । प्रातः काल अखिल भारतीय संत परम पूज्य श्री श्री जीयर स्वामी जी महाराज भगवान श्री गजेंद्र मोक्ष ,श्री बालाजी वेंकटेश्वर ,श्री श्री देवी ,श्री भू देवी ,श्री महालक्ष्मी देवी पूजन दर्शन के पश्चात श्री गजेंद्र मोक्ष देवस्थानम के उत्तराधिकारी के लिए श्री गजेंद्र मोक्ष पीठाधिपति जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य की सहमति से अनेक जगतगुरु के समक्ष युवराज स्वामी श्री लक्ष्मी नारायण रामानुज श्री वैष्णव दास के नाम की घोषणा किए। श्री युवराज को वैष्णव दीक्षा देकर उन्हें उपदेश देते हुए कार्य भार संभालने के निर्देश दिए। उपयुक्त अवसर पर जगत गुरु रामानुजाचार्य स्वामी उद्धवप्रपन्नाचार्ज, बैकुंठ नाथ स्वामी हरिद्वार, जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी गोविंदाचार्य जी ,जगत गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्याम नारायण आचार्य ,जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामीनारायण आचार्य ,जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी राम पुकाराचार्य, जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी कमल नयनाचार्य ,श्री गजेंद्र मोक्ष देवस्थानम के प्रबंधक नंद कुमार राय, मंदिर मीडिया प्रभारी समाजसेवी लाल बाबू पटेल, पंडित नंदकिशोर तिवारी, दिलीप झा ,भोला सिंह, सत्येंद्र सिंह, धनंजय सिंह पूर्व नगर अध्यक्ष विनोद सिंह सम्राट एवं उपस्थित दर्जनों श्रद्धालु उल्लास एवं हर्ष प्रकट किया। सायं 6:30 बजे से भगवान का कल्याण महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। भजन सम्राट दीपक मिश्रा भगवान के विवाह के गीत और सोहर गाकर श्रद्धालुओं का मन मोहते रहे। भगवान की अद्भुत विवाह झांकी प्रस्तुत की गई । गर्भ गृह से भगवान रथ में सवार होकर बाजे और बारात विवाह मंडप में आए आचार्य एवं पुजारी ने द्रविड़ पद्धति से भगवान श्री बालाजी वेंकटेश एवं श्री पद्मावती का विवाह संपन्न कराया । मनमोहक दृश्य लग रहा था। उपयुक्त अवसर पर जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने श्रद्धालुओं को कल्याण महोत्सव के बारे में विस्तार से बताया। भगवान के विवाह महोत्सव में शामिल होने वाले सभी प्रकार के चिंताओ से मुक्त हो जाते हैं । जीवन में कोई भी बड़ा नहीं आती है। हमेशा उसे उल्लास पूर्ण वातावरण रहता है। इस प्रकार कल्याण महोत्सव में उपस्थित माताएं बहुत ही खुश होकर नाचते गाते दिखे । प्रत्येक दिन की तरह रात्रि में भगवान का विथी भ्रमण भी हुआ। श्री श्री जियर स्वामी जी महाराज जी ने अपने उपदेश में कहा कि मानव जीवन मे शरणागति प्रधान है। इसके विना मनुष्य पशु तुल्य है।संपूर्ण श्रीवैष्णव में रामानुज संप्रदाय को छोड़कर अन्य कोई संप्रदाय नहीं है, जो पंच संस्कार की दीक्षा दे सके। धर्म का दस लक्षण है क्षमा, मार्दन आर्जव,शौच, सत्य,संयंम, तप त्याग,अकिंचन्या, ब्रहमचर्य,अपरिग्रह। इन दस लक्षणों से युक्त हो वही मानव जीवन कहलाता है। अंत में सभी उपस्थित भक्त जनों के बीच महाप्रसाद का भंडारा हुआ।