सोनपुर फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शनिवार को अनुमंडलीय अस्पताल सोनपुर परिसर में बीडीओ डॉ सुदर्शन कुमार व सीओ अदिति श्रुति ने तीन प्रकार की फाइलेरिया रोधी दवाओं का सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (आईडीए) की शुरुआत की। इस दौरान डॉ हरिशंकर चौधरी,स्वास्थ प्रबंधक ओमप्रकाश कुमार,अस्पताल प्रबंधक मृत्युंजय पांडये , अस्पताल कर्मी मानवेन्द्र कुमार सहित अन्य कर्मचारियों के अलावा एएनएम कॉलेज के छात्राओं ने भी दवाओं का सेवन किया। इस मौके पर बीडीओ डॉ सुदर्शन कुमार ने कहा कि फाइलेरिया रोग से मनुष्य में अपंगता हो जाती है और वह इससे उबर नहीं पाता है। इसलिए यह दवा सभी को खानी चाहिए। दवा खाना ही मात्र इस रोग का बचाव है। इस अभियान में स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता की टीम लोगों को दवा देकर नहीं आएगी बल्कि अपने समक्ष दवा खुद खिलाएगी, जिससे शत प्रतिशत लोगों को दवा खिलाई जा सके। इस दवा के खाने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, लेकिन जिन लोगों में फाइलेरिया के कीटाणु होंगे उन्हें दवा खाने पर चक्कर आ सकता है परंतु इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि फाइलेरिया रोग से संक्रमित व्यक्ति सामान्य व्यक्ति की तरह ही दिखता है क्योंकि किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी का पता लगने में 5 से 15 वर्ष तक लग सकता है। इसलिए आईडीए के दौरान मुफ्त में दी जाने वाली फाइलेरिया रोग की दवा जरूर खाएं। मच्छरदानी का प्रयोग करें और अपने आसपास गंदा पानी न इकट्ठा होने दें। सीओ अदिति श्रुति ने आम जनता से अपील की है कि आप सभी फलेरिया रोग से बचने के लिए जरूर अल्बेंडाजोल का सेवन आशा या स्वास्थ्य कार्यकर्ता की उपस्थिति में चबाकर ही खाएं । हालांकि सबसे अहम बात यह है कि 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं या गम्भीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को कोई भी दवा नहीं खिलाया जायेगा । कार्यक्रम में छूटे हुए घरों में आशा कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी। डॉ हरिशंकर चौधरी ने कहा कि प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायत,नगर पंचायत में भ्रमणशील टीम जिनमें आशा कार्यकर्ता, आईसीडीएस की सेविकाएं और स्वास्थ्य कार्यकर्ता जो घरों में जाकर लाभुकों को अपने समक्ष दवाओं का सेवन कराएंगी। इनकी निगरानी के लिए पर्यवेक्षक को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि आईडीए का यह अभियान स्कूल,आंगनबाड़ी केंद्रों के बाद घर -घर जाकर दवा का सेवन कराया जाएगा। किसी भी हालत में खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है। स्वास्थ प्रबंधक ओमप्रकाश कुमार ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में 02 वर्ष से 05 वर्ष के बच्चों को आईवरमेक्टिन, डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, 06 वर्ष से 14 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी।