पानापुर . पिछले हफ्ते गंडक नदी में आया उफान अब शांत होता दिख रहा है , लेकिन तीन दिनों की तबाही किसानों को बहुत बड़ा जख्म देकर गयी है . गंडक नदी में असमय आयी बाढ़ ने सारण तटबंध के निचले इलाकों में स्थित पृथ्वीपर , बसहिया , सलेमपुर , सोनवर्षा , सारंगपुर , कोंध , रामपुररूद्र 161 गांवों के सैकड़ों एकड़ में लगी धान की तैयार फसल के अलावा मक्के , अरहर एवं सब्जियों की फसलें पूरी तरह बर्बाद कर दी है . जल स्तर में कमी के बावजूद इन फसलों के रंग काले हो गये हैं , जिससे किसानों के चेहरे मुरझा गये हैं . कहा जाता है कि भारतीय कृषि मॉनसून के साथ जुआ है , लेकिन सारण तटबंध के निचले इलाकों की खेती गंडक के जल स्तर में उतार - चढ़ाव पर आधारित रहती है . कोंध गांव के किसान संतोष सिंह , अजय सिंह , प्रभु महतो , वरुण सिंह आदि ने बताया कि इस बार धान की फसल बहुत अच्छी थी , लेकिन गंडक नदी में असमय आयी बाढ़ ने सब कुछ बर्बाद कर दिया .