बाल विवाह रोकने के लिए अगर सरपंच और प्रिंसिपल से बात नहीं की जाए तो अपने जो निजी थानाधिकारी है उसके नंबर से कैसे बात करी जाये?
मेरा नाम सुनीता देवी है मैं रैवाड़ा गांव, नीमराना थाना के अंतर्गत से बोल रही हूं और मैं महिलाओं और लड़कियों के मुद्दे के बारे में पूछना चाहती हूं?
हमारा गांव घरिना है और हमारे गांव से आश्रम की तरफ एक रास्ता जाता है, जो बिलकुल सुनसान है, वहां पर लड़कियों और महिलाओं को जाने में असुरक्षा महसूस होती है, तो कृपया ध्यान दीजिये धन्यवाद।
मैं कृष्णावती रायपुर जैतारण से आशा सहयोगिनी हूं, मुझे यह लड़कियों की और महिलाओं की सुरक्षा के लिए यह प्रोग्राम बहुत अच्छा लगा मैं इसकी ट्रेनिंग लेकर आई थी और मेरे को बहुत ही अच्छा लगा यह प्रोग्राम, ताकि हमारी महिलाओं और बेटियों का रक्षा कवच की तरह लगा कि किसी भी टाइम बच्चे और बच्चियां और महिलाएं अपनी सुरक्षा कर सकें, धन्यवाद।
मेरा नाम अंजू है, मै तिजारा थाने से बोल रही हूँ, आज मैंने सुरक्षा सखी के बारे में जो भी समस्या है उसकी मीटिंग की है, महिलाओं और बच्चियों को अगर कोई भी समस्या है उन सब की जानकारी प्राप्त की है, और जैसे किसी भी महिला को यही कोई भी समस्या है उसकी हमें सारी चीज इकठ्ठा करके और उनको हमारी मासिक मीटिंग होती है उसमें तिजारे थाने में जाकर बतानी है.
अगर बच्चे स्कूल में खुद ही बर्तन माजते हैं और खुद ही धोते हैं और तब खाना मिलता है उनको तो क्या किया जाए ?
मंजू राणौंन, आज की ट्रेनिंग में हमें सार्वजनिक मुद्दों पर और महिलाओं और लड़कियों के बारे में कुछ नई जानकारी मिली।
हेलो मेरा नाम सिमरन है, मैं भिवाड़ी चौपांकी से बात कर रही हूं मैं एक शादी शुदा लड़कियां हूँ, उसके तीन बच्चे हैं पेरेंट्स उसके दिल्ली में रहते हैं मगर वह केस नहीं करना चाहती है, ससुराल पक्ष उसको बहुत परेशान कर रहा है, नाना नानी केस करना चाहते हैं, क्या राजस्थान से चौपांकी से महिला मंडल से केस हो सकता है उसका या नहीं , इसकी जानकारी चाहिए
मैंने आज की ट्रेनिंग में, सुरक्षा सखी मतलब कि जो भी कोई मुझे सूचना देनी है थाने में या कोई भी दीदी से या कोई स्कूल कॉलेज कहीं भी जाकर बताना है तो मैं बताऊंगी जाकर, उनसे चर्चा करूंगी सुरक्षा सखी के बारे में और उनको मेरा परिचय भी दूंगी की मै सुरक्षा सखी हूँ.
हेलो मेरा नाम कविता है, ग्राम पंचायत और मेरा यह थाना क्षेत्र शाजापुर पड़ता है, और मैं यह पूछना चाहती हूं कि जैसे महिलाओं और लड़कियां होती है जो असुरक्षित भावना होती है, आगे नहीं बढ़ पाती है तो हम क्या कर सकते हैं ?