संगीता कुमारी, थाना पत्रकार नगर से बोल रहे हैं के उनके क्षेत्र में बाल विवाह, बाल मजदूरी, घरेलु हिंसा आदि के बारे में वे पुलिस के साथ बात किया है और पुलिस ने आश्वासन दिया है की वे हर वक्त उनके सहायता के लिए महूजत रहेंगे

परीन खान कोटा से बात कर रही है, उनका कहना है की उनके पति ने दूसरी शादी कर ली है, घर में माता पिता कोई नहीं है, उनकी एक साल की बच्ची है, उनके जानने वालो में से ही एक परिवार है शगुफ्ता उर्फ़ मायरा, जो अपने पति अलाउद्दीन के साथ में मिलकर जान से मार देने की धमकी दी है और प्रतिदिन परीन और उसकी बच्ची के चरित्र को लेकर समाज में बदनाम करते है.मानसिक रूप से परेशान करते है. मदद की मांग कर रही है

दुर्गा वैष्णव कोटा से, उनका कहना है की हर गांव - ढाणी में एक सुरक्षा सखी होनी चाहिए, ताकि छोटे छोटे क्राइम कोई बड़ा रूप न ले लें उससे पहले ही पुलिस के साथ मिलकर एक सेतु के रूप में उस पर काम करें, हर एक लड़की को पढ़ने का मौका मिले और एक जो बाल विवाह होते हैं यह बाल विवाह में लड़की का पूरा जीवन बर्बाद हो जाता है और वह आगे कुछ नहीं कर पाती हूं जितना हो सकता है अपन बाल विवाह को रोकने की कोशिश करते हैं, और जो यह लड़कियां होती है बहक जाती है लड़को के साथ में, पूरा जीवन लड़के नष्ट कर देते हैं और ठाणे में जाने से वह लड़कियां डरती है, ठाणे में नहीं जायेंगे, कुछ उनके अपने ही रक्षक ही भक्षक बन जाते है, परिवार की इज्जत कम हो जाएगी पुलिस में जाएगी, ऐसा है वैसा है. हमें बहुत कुछ सीखने को मिला और यह जो छोटे छोटे ढाणी होते है जहाँ पुलिस नहीं पहुंच पाती है, हमें उनके साथ मिलकर इस पर काम होना चाहिए इस तरह का एक मौका मिला, जिसे पाकर बड़ी खुशी हूँ, और मै हर एक लड़की से मिलती हूँ, उनको मोटीवेट करती हूँ, घरेलु हो जाती है तो हम तीन चार सखियाँ मिलकर उसे समझाते है. फिर भी नहीं मानते है तो उस केस को हम पुलिस ठाणे तक ले जाते है. और अभी हमने दो चार केस हैंडल किये है. और हमारा कुणादि थाना बहुत सहयोग करता है. धन्यवाद

कंचन कोरिया, जो सुरक्षा सखी सदस्य है, का कहना है महिलाओं के साथ हो रहे हिंसा और अत्याचार से सहमत है, जिससे महिलाओं को हम सुरक्षा सखी का सहयोग मिल सकें, मुझे बहुत इस ग्रुप से जुड़कर बहुत अच्छा लगा, जिससे मै घरेलु हिंसा से महिलाओं को बचा सकूँ, जो महिलाएं अपनी बात दबा कर रखती किसी से कह नहीं पाती है, उनसे एक बहन की तरह उनकी बात को समझू और पुलिस के साथ मिलकर होने वाले उत्पीड़न से उसे बचा सकूँ।

मनीषा का कहना है की, सुरक्षा सखी के रूप में जुड़कर बहुत ख़ुशी हुई है, इससे महिलाओं और लड़कियों को काफी प्रोत्साहन मिला है.

पूनम गुप्ता, खुसरतपुर से, यह जानकारी मिली कि यह मंच बनाया गया है महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए, ये मंच अच्छा लगा मैं काफी उत्साहित हूं इस मंच को पाकर बहुत अच्छी कोशिश की गई है कि महिलाएं और बच्चियां अपनी कहानी और अपने बारे में अपनी बात रख सकती हैं इस मंच के द्वारा थैंक यू

हेमलता वैष्णव बात कर रही है, जो महिलाओं लड़कियों से सम्बंधित कानून के बारे में जानकारी चाहती है.

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कोटा से एक किसी महिला का कहना है की, उसकी छोटी उम्र में शादी हो गयी थी, और उसका रिश्ता टूट चूका है, वहाँ एक मंदिर है जहाँ पर वह पूजा करने जाती है, और वही की एक महिला है जो उसे अपशब्द बोलती है और उसके साथ में कुछ हिंसा भी हुई है. पुलिस के लोग भी मजाक बनाते है. वह बोल रही है की अभी मै क्या करू, मेरी मदद करिये।

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