भरतपुर जिले के दांतलौठी गांव की सुरक्षा सखी मीना कुमारी का कहना है की उन्होंने कई ऐसे घर देखे है जिनमे आये दिन घरेलु हिंसा होती है जिससे बच्चो पर बुरा असर पड़ता है , तो ऐसे परिवारों को मीना ने समझाया है की इससे बच्चों पर क्या असर पड़ता है, बच्चे पढ़ नहीं पाते, बच्चों का दिमाग पढ़ाई में नहीं लगता है, अब वह समझ गए है, बच्चों की पढ़ाई अच्छी चल रही है, मेरी भी बच्ची का स्कूल का एडमिशन हो गया है. अब समुदाय का माहौल अच्छा है.

मीना कुमारी के पति गोविंद सिंह ग्राम दांतलौठी तहसील डीग जिला भरतपुर से का कहना है की उन्होंने कई बच्चो का स्कूल में एडमिशन कराया है तथा अभिभावकों को प्रेरित किया है, आजकल हमारे समुदाय में कोई बच्चा ऐसा नहीं है जो स्कूल नहीं जा रहा हो या फिर छोटा बच्चा जो आंगनवाड़ी नहीं जा रहा हो.

भरतपुर जिले के वैर थाने से अंजू का कहना है की उन्होंने अपने समुदाय में बच्चो को स्कूल में दाखिला करवाया है जो बच्चे स्कूल से ड्राप आउट थे, और ईंट भट्टो तथा अन्य जगहों पर बाल मजदूरी करने वाले बच्चो को बाल मजदूरी से बचाया है और उनके आधार कार्ड (आई डी) बनवाने में मदद की है.

पारो बानो जी का कहना है की सुरक्षा सखी के रूप में जो जानकारी उन्हें मिली है उसके द्वारा उन्होंने बच्चो का स्कूल में दाखिला कराया है.