मेरा नाम गीता है मैं गांव बसहरी से बोल रही हूं मैंने अपने गांव में बहुत सारी लड़कियों और महिलाओं के लिए काम किया है जो उनकी सुरक्षा से सम्बंधित थी, मैंने अपने गांव में लॉकडाउन में भी लड़कियों की जो पढ़ाई छूटी हुई थी उसको भी सुचारु रुप से चालू करवाया है और महिलाओं को जो घरेलू हिंसा से पीड़ित थी उनको भी मदद किया है.

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बीकानेर से मोनिका शरण को आज ट्रेनिंग मिली है, उनको बोहोत अच्छा लगा है और बोहोत जानकारी मिली है | वह कह रहे है की वह ज़्यादा से ज़्यादा समुदाय में मीटिंग करेंगे और लोगो को जानकारी देंगे | वह सुरक्षा वाणी का नंबर सारे महिलाओ से शेयर करेंगे और सब को बोलेंगे की "हम किसी से कम नहीं"

सरोज यह बोल रहे है की उनका इलाका बोहोत सुरक्षित है और कोई दुर्घटना नहीं घटती है

यदि किसी महिला के साथ अत्याचार हो रहा हो, और उसके पास कोई सबूत नहीं है पुलिस को देने के लिए, और बिना सबूत के पुलिस भी यह बात मानने के लिए तैयार नहीं है की महिला के साथ में अत्याचार हो रहा है, तो उसके लिए क्या करें की उस महिला को बचा भी लें और घर में भी कोई समस्या न हो.

जयलक्मी शर्मा, लूणकरणसर, बीकानेर से यह बोल रहे है की वह चाहते है की सब औरतें अपनी बातें बेझिझक और बिना डरके सामाजिक कार्यकर्ता के द्वारा या फिर सुरक्षा वाणी की द्वारा बताएं ताकि उनके बात पुलिस ताख पंहुचा सकू ताकि उनकी मदद हो सके और और वह खुद को सुरक्षित महसूस कर सके

कैलाश बोल रहे है, खरगोन से, मीटिंग में कहा गया बच्चों और महिलाओं के सुरक्षा के मुद्दों के बारे में बोल रहे है

अजीत कौर, सुरक्षा सखि, यह बोल रहे है की लड़कियां स्कूल में अच्छा रिजल्ट कर रहे है पर फिर भी समाज के वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहे है | वह यह कह रहे है की, समाज में लोग लड़कियों को भिन्ना काम करने से रोक रहे है, बातें बोल रहे है इसलिए काबिलियत रहने पर भी लड़कियां आगे नहीं बढ़ पा रहे है | वह चाहते है की हम मिलकर लड़कियों के लिए यह समाज को लड़कियों के लिए सुरक्षित बनाये |