उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि हाल ही में हुई यूपी के हाथरस में हुई भगदड़ की घटना ने सत्ता एवं विपक्ष दोनों का पोल खोल कर रख दिया है। इतनी दर्दनाक घटना पर लीपापोती करती सरकार और प्रशासन की हरकत शर्मनाक है

उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि यूपी में महिलाओं को कभी भूमि पर अधिकार नहीं दिया गया है। पूर्व में भी इस विषय पर वाद विवाद होते रहे हैं। महिलाओं को जब भूमि का अधिकार मिलता है तथा हिस्सा या सहभागिता प्राप्त करती हैं तो वो ज़िम्मेदारी के साथ काम करती हैं। साथ ही वो अपने हिस्से को बहुत संभाल कर रखती हैं एवं पूरा सदुपयोग करती हैं। जैसे- खेती करना,आवास बनाना,रोजगार करना,इत्यादि। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि समाज की दोहरी निति के कारण महिलाएं अपना योगदान अच्छे से नही कर पाई हैं। आज भी ग्रामीण महिलाएं चार दीवारी के भीतर रहती हैं। घर -परिवार तथा गृह कार्य उनका सिमित दायरा होता है। महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। महिलाएं कमाएंगी तो अपने परिवार का ख्याल रखेंगी। बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए प्रेरित करेंगी। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा नींबू के फसल के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

मोटाभाई ने महज एक शादी में जितना खर्च किया है, वह उनकी दौलत 118 बिलियन डॉलर का 0.27 है। जबकि उनकी दौलत कृषि संकट से जूझ रहे देश का केंद्रीय बजट का 7.5 प्रतिशत से भी कम है। जिस मीडिया की जिम्मेदारी थी कि वह लोगों को सच बताएगा बिना किसी का पक्ष लिए, क्या यह वही सच है? अगर हां तो फिर इसके आगे कोई सवाल ही नहीं बनता और अगर यह सच नहीं तो फिर मीडिया द्वारा महज एक शादी को देश का अचीवमेंट बताना शुद्ध रूप से मुनाफे से जुड़ा मसला है जो विज्ञापन के रुप में आम लोगों के सामने आता है। क्योंकि मीडिया का लगभग पचास प्रतिशत हिस्सा तो मोटाभाई का खुद का है और जो नहीं है वह विज्ञापन के लिए हो जाता है "कर लो दुनिया मुट्ठी में” की तर्ज पर। दोस्तों, इस मुद्दे पर आप क्या सोचते है ?अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाईलवाणी पर, अपने फोन से तीन नंबर का बटन दबाकर या फिर मोबाईल का एप डाउनलोड करके।

हाल फिलहाल मनेरगा के जाब कार्ड धारक बनारस में ग्रामीण क्षेत्रों के काम के अभाव में खाली है मनरेगा के तहत् कोई काम गांवो में नही है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहू ,ज्वार के फसल के लिए मिट्टी एवं बीज का चयन और बीज शोधन की जानकरी दे रहे हैं। ज्वार के फसल से जुड़ी कुछ बातें किसानों को ध्यान में रखना ज़रूरी है। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

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उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता शैलेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि जल संरक्षण एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। उत्तर प्रदेश में कई ऐसी जगहें हैं जहां पानी की समस्या है जहां पीने योग्य पानी उपलब्ध नहीं है। इसलिए पानी को किस तरह से संरक्षित किया जाना चाहिए इस पर ध्यान देना चाहिए। पेड़ों की संख्या ज्यादा करनी होगी पेड़ लगाएं ताकि वातावरण संतुलित रहे। खेतों में ऊँचे मेड़ों की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि खेतों में जो पानी है वह ठहरे और इसका अधिक हिस्सा जमीन के अंदर अवशोषित किया जा सके। उत्तर प्रदेश के सभी क्षेत्रों में मिर्जापुर, सोनभद्र के साथ-साथ चंदौली जैसे कई अन्य क्षेत्र हैं, जहाँ लोग गड्ढे बनाते हैं। जिनमें पानी रुक जाता है, साथ ही साथ आवश्यकता के अनुसार लोग इससे सिंचाई आदि करते हैं। पानी का बहुत अधिक दोहन नहीं किया जाना चाहिए और लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए। हालांकि सरकारी विभागों के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जाता है। ताकि आने वाले समय में लोगों को पानी के संकट से बचाया जा सके और इसके साथ ही यह भी देखना चाहिए कि जहां धान के लिए उपयुक्त मिट्टी हो, वहां ही धान की खेती की जानी चाहिए। लोगों को रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के प्रति जागरूक होना चाहिए