"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा आम की फसल में जाला कीट का नियंत्रण कैसे करें, इसके बारे में बता रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

घर का चूल्हा चौका संभालने के साथ अपनी अलग पहचान बनाने के लिए जोड़ी, गदा, समतोला, योग और देसी रियाज को हुनर बनाया। इसी के जरिए समाज में अलग पहचान बनाई। हम बात कर रहे हैं बरेका निवासी महिला पहलवान सगीता सिंह की। संगीता सिंह को बचपन से ही अपने दादाजी से प्रेरणा मिली। उनके दादा का सपना था कि वह योग केंद्र खोले और देश-विदेश में भारतीय व्यायाम, कुश्ती को आगे ले जाएं। उनका सपना साकार करने का जिम्मा संगीता ने बचपन से ही ले लिया था। वर्ष 2015 में संगीता की मुलाकात पहलवान ज्ञानशंकुल सिंह से हुई। सन 2022 में दोनों परिणय सूत्र में बंधे। शादी के बाद संगीता ने पति की मदद से गदा भांजाने लगीं। सात समुंदर पार के भी विद्यार्थी संगीता ने सौशल साइड के माध्यम से न केवल देश बल्कि विदेश में भी बहुत से लोगों को प्रभावित किया। वे बनारस आकर उनसे जोड़ी, गदा, योग, समतोला आदि का प्रशिक्षण लेने लगे। विदेशी महिलाओं में हंगरी की गोल्डगुबर कैटलिन व फ्लोर करीब एक वर्ष से जुड़ी हैं। वह ऑनलाइन व ऑफलाइन ट्रेनिंग लेती हैं। ऑनलाइन माध्यम से नीदरलैंड, हंगरी, जापान, इटली आदि के विद्यार्थी भी जुड़े हैं। परिवार-गुरुजन का सहयोग संगीता के गुरु सियाराम ने उन्हें तुलसी घाट पर स्थित गुरु स्वामीनाथ अखाड़ा में न सिर्फ प्रवेश दिया बल्कि विविध अभ्यास भी सिखाए।

पीएनबी मंडल कार्यालय की ओर से पीएनबी विकास योजना में गोद लिये गांवों में पौधरोपण किया गया। बैरवा गांव में मंडल प्रमुख राजेश कुमार ने पौधरोपण किया और सैनिटरी पैड वितरित किया। इस दौरान उपमंडल प्रमुख बृजलाल गुप्ता, पीएनबी किसान प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक आशुतोष सिंह, वित्तीय साक्षरता प्रेरक शिवशंकर गुहा, वरिष्ठ प्रबंधक विकास आनंद, ब्रांच मैनेजर प्रभाकर सिंह, प्रशांत कुमार आदि मौजूद रहे।

महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 'नमो दीदी' योजना के तहत ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी गई है। काशी की नौ महिलाओं को यह निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया। डीजीसीए की तरफ से इन्हें रिमोट पायलट का लाइसेंस भी प्रदान किया गया है। ड्रोन से खेतों की मैपिंग और उनमें उर्वरक व कीटनाशकों के छिड़काव का काम करेंगी।महिला सशक्तीकरण की योजनाओं के अंतर्गत केंद्र और प्रदेश सरकार ने 'नमो दीदी' योजन की शुरुआत की। इसके तहत महिलाओं को विभिन्न कौशलों का निःशुल्क प्रशिक्षण देकर रोजगार मुहैया कराने की पहल की गई है। इसमें काशी की नौ महिलाओं को हिन्दुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड और इफको की तरफ से ड्रोन पायलट का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया। इन्हें प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य विश्वविद्यालय (हैदराबाद) की ड्रोन अकादमी में 10 दिन की ट्रेनिंग दी गई। सीडीओ हिमांशु नागपाल ने बताया कि इन सभी प्रशिक्षित महिलाओं को रिमोट पायलट ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट भी मिल चुका है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से इनका लाइसेंस भी जारी कर दिया गया। महिलाओं को 15 लाख की कीमत का ड्रोन और इसे सुरक्षित एक से दूसरी जगह ले जाने के लिए ई-ऑटो भी निःशुल्क उपलब्ध कराने की तैयारी है।

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