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आईएमएसबीएचयू की क्या स्थिति है ? या शिक्षण साक्षात्कार नहीं पाए गए एक सौ तेरह सीटें अभी भी खाली हैं । आई . एम . एस . प्रशासन द्वारा 1 अगस्त , 23 को पदों को भरने के लिए एक विज्ञापन जारी किया गया था , लेकिन किसी कारण से । भर्ती नहीं हो पाने के बाद 30 नवंबर को विज्ञापन जारी किया गया । चार शाम को पाँच सौ तैंतीस उम्मीदवारों ने आवेदन किया । एमएसबीएचयू में वरिष्ठ निवासी एसआर के एक सौ अस्सी पदों पर नियुक्ति की गई थी । लगभग पाँच सौ तैंतीस लोगों ने प्रवेश के लिए आवेदन किया । चार दिन के साक्षात्कार के बाद भी आधी सीटें नहीं भरी जा सकीं । केवल 67 छात्रों का चयन किया गया था । अभी भी एक सौ तेरह पद खाली हैं । डेंटल आयुर्वेद में लगभग सभी सीटें भर गई थीं , लेकिन ट्रॉमा सेंटर और मेडिसिन फैकल्टी में कई विभागों को आवेदन नहीं मिल सके , इसलिए माना जा रहा है कि आईएमएस प्रशासन द्वारा जल्द ही एक और विज्ञापन जारी किया जाएगा । आई . एम . एस . बी . एच . यू . के चिकित्सा संकाय में छियानबे पद , पचहत्तर दंत चिकित्सा संकाय में तीन और ट्रॉमा ट्रॉमा सेंटर में आयुर्वेद संकाय में छह पद एस . आर . के लिए खाली थे ।
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आपके चेहरे या शरीर को सुंदरता देता है । जैसा कि हम सभी जानते हैं , नाभि में तेल डालने से शरीर को कई फायदे होते हैं , लेकिन क्या आप जानते हैं कि नाभि में तेल लगाने से आपकी त्वचा को पोषण मिलता है ? हां , हां , अगर आप रात में सोते समय अपनी नाक में तेल की दो या तीन बूंद डालते हैं , तो आपका चेहरा चमकीला हो सकता है । सरसों के तेल का उपयोग किया जा सकता है सरसों का तेल विटामिन ए , विटामिन सी और प्रोटीन से भरपूर होता है । इसमें मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीसैचुरेटेड एसिड होते हैं । इसके अलावा , ओमेगा साइट्रिक एसिड भी पाया जाता है । त्वचा को मुंहासों और मुंहासों से बचाने के लिए नाभि में सरसों का तेल मिलाया जा सकता है । इस हृदय में एंटीऑक्सीडेंट और जीवाणुरोधी गुड़ पाए जाते हैं । ड्राई स्टैंसिल मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया से बचाता हैः नाभि के अंदर सरसों का तेल लगाने से त्वचा को प्राकृतिक रूप से नमी मिल सकती है । यह त्वचा में नमी को बंद करने और त्वचा को पोषण देने में मदद करता है । हर रात सोने से पहले नाभि में सरसों का तेल डालने से चेहरे का रंग बेहतर होता है , इससे टैनिंग और विभाजन आदि से छुटकारा मिल सकता है । सरसों का तेल चेहरे की योजना को टाइप करने में मदद करता है ।
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वाराणसी पहाड़िया मंडी में कार्यालय के बाहर मंडी के आडतियों द्वारा किया गया धरना प्रदर्शन। मंडी सचिव कार्यालय के बाहर आडतियों ने किया पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन आडतियों ने पुलिस पर लगाया वसूली और वबदसुलूकी करने का आरोप । आडतियों ने मंडी सचिव और एडीएम सिटी को सौंपा ज्ञापन। मंडी समीती के अध्यक्ष हीरा लाल और रवि सिंह ने बताया की नो एंट्री वर्ष 2016 से फ्री है। परंतु पुलिस कर्मियों द्वारा मंडी के गेट पर आने वाले वाहनों से वसूली और उनसे बदसुलूकी भी की जाती है। इस प्रकरण को लेकर आज सभी आड़ती धरने पर बैठे थे। एडीएम को ज्ञापन सौंप कर वसूली और बदसुलूकी बंद कराने की मांग की है। एडीएम सिटी के आश्वाशन पर धरना हुआ समाप्त
मशरूम की खेती अपने खाली मौसम में ही सुनी होगी लेकिन मशरूम अब 12 महीने हो सकता है। हम बात कर रहे हैं,वाराणसी की वंध्या चौरसिया की जो मशरूम की खेती करती उन्होंने कहा कि मैं बनारस में मशरूम करती हूं जो की सन 2000 में शुरू किया था और आज 24 साल हो गए मैने शुरुआत दो रूम से की थी उन्होंने बताया कि वह दो रूम में मैंने एसी लगाया था लेकिन बिजली की समस्या को देखते हुए उन्होंने मौसम में ही करना शुरू कर दिया इसके कुछ समय के बाद बिजली की समस्या सही हुई तो मैंने फिर मशरूम की खेती को बढ़ावा दिया। और मैं अब 9 कमरे में मशरूम की खेती करती हूं। अगर हर मौसम में आपको मशरूम की खेती करनी है। तो एसी लगाकर 16 डिग्री टेंपरेचर पर मशरूम की खेती कर सकते हैं जिससे 12 महीने तक मशरूम की खेती होती है। इस दौरान उन्होंने बिजली की समस्याओं को बताया कहा कि हमें ₹10 पर यूनिट देना होता है। जो कि बिजली विभाग का कमर्शियल रेट है। उन्होंने कहा कि जो लोग मशरूम की खेती करना चाहते हैं वो लोग पहले अनुभव ले ले और एक छोटे से जगह में इसे शुरू करें। जिससे उन्हें मशरूम की खेती करने में कोई समस्या न हो और उनको सफलता पहले साल नहीं मिलती है। तो वह अगले साल जाड़े के मौसम में मशरूम की खेती कर। सफलता पा सकते हैं।
सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में चार दिवसीय अंतर संकाय खेलकूद प्रतियोगिता 13मार्च से शुरु होगा।