बिहार राज्य के किशनगंज जिले से सामुदायिक संवाददाता सुधा आचार्या मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सर्दियों में बच्चे और बुजुर्ग को हाइपोथर्मिया का खतरा अधिक रहता है। इस मौसम में शरीर के तापमान में तेजी से गिरावट होती है। स्वस्थ मनुष्य के शरीर का तापमान सामान्यतः 98.6 डिग्री फारेनहाइट होती है। जो ठंड के मौसम में गिरकर 95 डिग्री पर पहुंच जाती है। इसी समय इस रोग का खतरा बढ़ जाता है। सिविल सर्जन डॉक्टर कौशल किशोर ने ठंड में बच्चे, बुजुर्ग एव बीमार लोगों को सतर्क रहने का सुझाव दिया है। हाइपोथर्मिया पीड़ित व्यक्ति की आवाज धीमी, नींद आना, शरीर मे कंपकपी हाथ पैर अकड़ने जैसी लक्षण आती है। दिमाग असन्तुलित होने लगता है। गंभीर स्थिति होने पर मरीज की मौत तक हो जाती है। सीएस ने सर्दियों में गर्म कपड़े पहनने, झील, नदी या पानी के किसी अन्य स्रोत के ठंडे पानी से बचने, गीले कपड़े पहनने से बचने की सलाह दिया है। उन्होंने कहा कि नवजात बच्चों और बुजुर्गों को हाइपोथर्मिया का सबसे ज्यादा खतरा होता है।