छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गाँव से वीरेंद्र , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलायें नौकरियों से दूर इसीलिए हो गई है, क्योंकि हमारी सोच ऐसी है कि महिला को सिर्फ घर में रहना चाहिए और घर का काम करना चाहिए। महिला शिक्षित है लेकिन जागरूक नहीं है। महिलाओं में आत्मबल की कमी है जिसके कारण वह नौकरी से वंचित है। महिलाओं को शिक्षा के साथ - साथ आत्मबल भी रखना होगा। तभी उनको नौकरी मिल पायेगी। कई महिला लोगों के सामने दो शब्द नहीं बोल पाती है।

छत्तीसगढ़ राज्य से वीरेंदर गंदर्व ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाओं को शिक्षित किया जाए ,उन्हें हर वर्ग में अवसर दिया जाए ,जिससे वो सशक्त होगी। लेकिन अब तक महिलाओं को इंसान होने का हक़दार नहीं दिया है। महिलाओं को कई नाम से बुलाया जाता है ,उन्हें केवल उपयोग की वस्तु कह कर रखा जाता है। अगर महिला सुरक्षित महसूस न करे तो महिला कैसे सशक्त होगी। महिला कही भी काम करे उन्हें किसी न किसी के दबाव में रहना पड़ता है। अगर वो बात नहीं मानेगी तो उनके साथ गलत होता है। महिलाओं को सशक्त तब कह सकते है जब महिला को इंसान मान कर उनका सम्मान करे।

सरकार द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने और गांवों में पीएम आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत से ज्यादा मकान महिलाओं को देने से देश में महिलाओं की गरिमा बढ़ी तो है। हालांकि, इन सबके बावजूद कुछ ऐसे कारण हैं जो महिलाओं को जॉब मार्केट में आने से रोक रहे हैं। भारत में महिलाओं के लिए काम करना मुश्किल समझा जाता है. महिलाएं अगर जॉब मार्केट में नहीं हैं, तो उसकी कई सारी वजहें हैं, जिनमें वर्कप्लेस पर काम के लिए अच्छा माहौल न मिल पाना भी शामिल है . दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- नौकरी की तलाश में महिलाओं को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। *----- आपके अनुसार महिलाओं के नौकरी से दूर होने के प्रमुख कारण क्या हैं? *----- महिलाओं को नौकरी में बने रहने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

दिल्ली राज्य से प्रेम कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार किसी भी दल का हो जनता को ये तय करना चाहिए, कि किसी भी सरकार को दूसरी बार बैठने नहीं दिया जाये। क्युकी सरकार अगर लगातार सत्ता में बानी रहती है तो उसके अंदर अहंकार की भावना आ जाती है

छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गाँव से विरेंद्र , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचार रुकने चाहिए। अत्याचार कम होने के बजाय बढ़ती जाती है। इसके खिलाफ कोई आवाज़ नहीं उठाता है। अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

मध्यप्रदेश राज्य के नर्मदापुरम जिला से राकेश कुमार यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अगर महिला शक्ति जागृत होती है समाज समृद्ध होगा, देश समृद्ध होगा। यह सब संभव है, लेकिन इसके साथ-साथ कुछ महिलाओं को भी मानदंडों का पालन करने की आवश्यकता है। महिलाओं को शोषण से बचने के लिए, कुछ भूमिकाएँ महिलाओं द्वारा भी निभाई जाती हैं। जैसे पहनावे या शिक्षा आदि

भारत में महिला श्रम शक्ति भागीदारी में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, हालांकि वैश्विक औसत की तुलना में यह कम आधार पर है। ।स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत में महिला कार्यबल की संरचना विकसित हो रही है, जिसमें उच्च शिक्षा प्राप्त युवा महिलाओं की संख्या बढ़ रही है जो श्रम बाजार में शामिल हो रही हैं। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी कामकाजी आयु वाली आबादी होने का अनुमान है, जो 2030 तक लगभग 70% तक पहुंच जाएगी, लेकिन कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी का वर्तमान निम्न स्तर लगातार असहनीय होता जा रहा है।तो दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- महिलाएं किन प्रकार के कार्यों में अधिकतर अपना ज्यादा समय लगाती है ? *----- महिलाओं को उच्च पदों पर पहुंचने में क्या क्या चुनौतियां आती हैं? *----- आपके अनुसार महिलाओं को कार्यस्थल पर किन प्रकार के भेदभाव का सामना करना पड़ता है? और महिलाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत हैं? *----- क्या आपको भी लगता है कि समाज को इस दिशा में सोच बदलने की ज़रूरत है .?

छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गाँव से मैं विरेंद्र , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि अपशगुन नाम का कुछ होता नहीं है , ये कुछ रूढ़िवादी लोगों ने एसा बना लिया है। सिर्फ लड़कियों के लिए अपशगुन बनाया गया है। आज कई बड़े - बड़े लोग भी एसी भूल करते है। महिलाओं को उनके अधिकार मिलना चाहिए। लड़कियों को शिक्षित करनी चाहिए ताकि वह खुद खुद अपने अधिकारों के लिए लड़ पाए।

छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव से वीरेंदर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाओं की समस्या कभी समाप्त नहीं होती है। महिलाओं की समस्या इसीलिए जटिल है क्योंकि जो पुरुष प्रधान समाज की सोच अब तक नहीं बदली है। अगर सोच नहीं बदलेगा तो महिलाओं की समस्या बनी रहेगी। महिलाओं को समाज व परिवार अपना माने और ऐसी शिक्षा न दें कि महिलाएँ किसी से कम है। ये भावना महिलाओं के मन में आ जाएगा तो महिलाओं की बहुत सारी समस्याएँ समाप्त हो जाएगी

तमाम दावों के बाद भी सच्चाई यही है कि आज भी देश में महिलाएँ और लड़कियां गायब हो रही है और हमने एक चुप्पी साध राखी है। दोस्तों, महिलाओं और किशोरियों का गायब होना एक गंभीर समस्या है जो सामाजिक मानदंडों से जुड़ी है। इसलिए इसे सिर्फ़ कानूनी उपायों, सरकारी कार्यक्रमों या पहलों के ज़रिए संबोधित नहीं किया जा सकता। हमें रोजगार, आजीविका की संभावनाओं की कमी, लैंगिक भेदभाव , जैसे गंभीर चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इसकी रोकथाम के लिए सोचना होगा। साथ ही हमें लड़कियों को शिक्षित करने और उन्हें सशक्त बनाने की भी आवश्यकता है। तो दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- लड़कियों को मानसिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं? *----- आप इस मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं? साथ ही आप सरकार से इस मुद्दे पर क्या अपेक्षाएं रखते हैं? *----- आपके अनुसार लड़कियों और महिलाओं को लापता होने से बचाने के लिए क्या किया जा सकता है?