मध्यप्रदेश राज्य के जिला जबलपुर से अनुलाल महोबिया, मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। महिलाओं की गरिमा को बनाए रखने के लिए समाज को आगे आना होगा और समाज के लिए काम करना होगा। लोग महिलाओं के कल्याण या महिलाओं के पुनरुत्थान के लिए कोई काम नहीं करना चाहते हैं। महिलाओं का सर्वांगीण विकास बहुत महत्वपूर्ण है। महिलाओं का सर्वांगीण विकास होगा तो हमारे घर का विकास होगा, हमारे घर का विकास होगा तो पड़ोस, जिला, राज्य और अन्य का विकास होगा। संसार का विकास संसार में महिलाओं को विशेष दर्जा या समान दर्जा देना ही समाज का पुनरुद्धार या समाज का कल्याण हो सकता है

मध्यप्रदेश राज्य के जिला जबलपुर से अनुलाल महोबिया, मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। महिलाओं की गरिमा को बनाए रखने के लिए समाज को आगे आना होगा और समाज के लिए काम करना होगा। लोग महिलाओं के कल्याण या महिलाओं के पुनरुत्थान के लिए कोई काम नहीं करना चाहते हैं। महिलाओं का सर्वांगीण विकास बहुत महत्वपूर्ण है। महिलाओं का सर्वांगीण विकास होगा तो हमारे घर का विकास होगा, हमारे घर का विकास होगा तो पड़ोस, जिला, राज्य और अन्य का विकास होगा। संसार का विकास संसार में महिलाओं को विशेष दर्जा या समान दर्जा देना ही समाज का पुनरुद्धार या समाज का कल्याण हो सकता है

साल 2013-2017 के बीच विश्व में लिंग चयन के कारण 142 मिलियन लड़कियां गायब हुई जिनमें से लगभग 4.6 करोड़ लड़कियां भारत में लापता हैं। भारत में पांच साल से कम उम्र की हर नौ में से एक लड़की की मृत्यु होती है जो कि सबसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट में एक अध्ययन को आधार बनाते हुए भारत के संदर्भ में यह जानकारी दी गई कि प्रति 1000 लड़कियों पर 13.5 प्रति लड़कियों की मौत प्रसव से पहले ही हो गई। इस रिपोर्ट में प्रकाशित किए गए सभी आंकड़े तो इस बात का प्रमाण है कि नई-नई तकनीकें, तकनीकों में उन्नति और देश की प्रति व्यक्ति आय भी सामाजिक हालातों को नहीं सुधार पा रही हैं । लड़कियों के गायब होने की संख्या, जन्म से पहले उनकी मृत्यु भी कन्या भ्रूण हत्या के साफ संकेत दे रही है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आखिर हमारा समाज महिला के जन्म को क्यों नहीं स्वीकार पाता है ? *----- शिक्षित और विकसित होने के बाद भी भ्रूण हत्या क्यों हो रही है ? *----- और इस लोकसभा चुनाव में महिलाओ से जुड़े मुद्दे , क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ??

महाराष्ट्र से आदर्श ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि समानता का मुद्दा राजनीतिक ,भविष्य के लिए हो सकता है। इसको समझना ज़रूरी है

मध्य प्रदेश राज्य के जिला जबलपुर से अन्नूलाल महोबिया , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार को मजबूत कानून बनाकर दहेज प्रथा को समाप्त करने पर ध्यान देना चाहिए।

बेटों की चाह में बार-बार अबॉर्शन कराने से महिलाओं की सेक्शुअल और रिप्रोडक्टिव लाइफ पर भी बुरा असर पड़ता है। उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ भी खराब होने लगती है। कई मनोवैज्ञानिको के अनुसार ऐसी महिलाएं लंबे समय के लिए डिप्रेशन, एंजायटी का शिकार हो जाती हैं। खुद को दोषी मानने लगती हैं। कुछ भी गलत होने पर गर्भपात से उसे जोड़कर देखने लगती हैं, जिससे अंधविश्वास को भी बढ़ावा मिलता है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि * -------आखिर हमारा समाज महिला के जन्म को क्यों नहीं स्वीकार पाता है ? * -------भ्रूण हत्या और दहेज़ प्रथा के आपको क्या सम्बन्ध नज़र आता है ?

पूर्वी दिल्ली के दरबान सिंह ने मध्य प्रदेश मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की उन्हें राजीव जी कोई डायरी अच्छी लगी

दहेज में परिवार की बचत और आय का एक बड़ा हिस्सा खर्च होता है. वर्ष 2007 में ग्रामीण भारत में कुल दहेज वार्षिक घरेलू आय का 14 फीसदी था। दहेज की समस्या को प्रथा न समझकर, समस्या के रूप में देखा जाना जरूरी है ताकि इसे खत्म किया जा सके। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आपके क्या विचार है ? *----- आने वाली लोकसभा चुनाव में दहेज प्रथा क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

छत्तीसगढ़ राज्य के वीरेंदर , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि दहेज़ प्रथा को हटाना है ज़रूरी। दहेज़ प्रथा का समाज भी है

भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?