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दीपावली दियों से या धमाकों से? अबकि दीवाली पर हमें यह सोचना ही होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे शहरों की हवा हमारे इस उत्साह को शायद और नहीं झेल पा रही है। हवा इतनी खराब है कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। भारत की राजधानी दिल्ली इस मामले में कुछ ज्यादा बदनाम है। दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित जगहों में शामिल दिल्ली में प्रदूषण इतना अधिक है कि लोगों का रहना भी यहां दूभर हो रहा है।

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छत्तीसगढ़ राज्य से हमारे एक श्रोता वीरेंदर गंधर्व ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कहा कि जल-वायु परिवर्तन से बचने के लिए हमे प्रकृति का साथ देना होगा। कंक्रीट के जंगल जो बढ़ते जा रहे है उन्हें रोकना होगा क्योंकि इससे प्रकृति का विनाश हो रहा है। जल-वायु परिवर्तन से बचने के लिए जंगल को बचाने के लिए जंगल का विकाश करना होगा और वातावरण को सुध करना होगा। प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा और कागज और मिटटी का इस्तेमाल करना को कहा

छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गाँव से वीरेंद्र गन्धर्व मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बता रहे हैं कि हमें अपने पर्यावरण को ख़राब करने का कारण हम और सरकार है। उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं सरकार को भी गंभीरता से ठोस कदम उठाते हुए प्लास्टिक पर बेन लगा देना चाहिए। क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता है, तो पर्यावरण को समाप्त होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत के नागरिक होने के साथ साथ हमारा यह कर्तव्य होना चाहिए की प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करके कपड़ों के थैले का इस्तेमाल करना चाहिए

छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगाँव जिला से वीरेंदर गन्धर्व ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जलवायु परिवर्तन का रोकथाम सरकार और जनता के सहयोग से ही किया जा सकता है। इसके लिए हमें पेड़ पौधे लगाने होंगे एवं जंगलों का विकास करना होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाया जाना चाहिए। विस्तारपूर्वक खबर सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर

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