राजस्थान मौसम अपडेट 20 फरवरी पिछले 24 घंटों में बीकानेर, जयपुर व भरतपुर संभाग के कुछ भागों में मेघगर्जन के साथ हल्के से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। राज्य में सर्वाधिक बारिश उदयपुरवाटी, झुंझुनू में 19 मिमी दर्ज की गई है। राज्य में आगामी 5-6 दिन अधिकांश भागों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। उत्तरी हवाओं के प्रभाव से आगामी 48 घंटो में न्यूनतम व अधिकतम तापमान में 2 से 4 डिग्री से. गिरावट होने की प्रबल संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर
राजस्थान में दर्ज मौसम अपडेट: 10 सितम्बर पिछले 24 घंटों में पश्चिमी राजस्थान में कहीं कहीं पर तथा पूर्वी राजस्थान में कुछ स्थानों पर मेघगर्जन के साथ वर्षा दर्ज की गई है। दौसा , करौली, सिरोही, डूंगरपुर , बारां व सवाई माधोपुर जिले में कहीं कहीं भारी वर्षा दर्ज की गई है। पूर्वी राजस्थान में सर्वाधिक बारिश फलोज (डूंगरपुर) में 100.0 mm , चौथ का बरवाड़ा (सवाई माधोपुर) में 94.0 mm व पश्चिमी राजस्थान के रानीवाड़ा , जालौर में 59.0 mm बारिश दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटों में राज्य में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 38.0 डिग्री जैसलमेर तथा सर्वाधिक न्यूनतम तापमान 29.3 डिग्री बीकानेर में दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर
राजस्थान भारी बारिश अपडेटेड 9 सितंबर 1. बंगाल की खाड़ी में बना डिप्रेशन आज तीव्र होकर डीप डिप्रेशन बन गया है। आगामी 24 घंटो में इसके उत्तर-पश्चिम दिशा में उड़ीसा छत्तीसगढ़ की और आगे बढ़ने की प्रबल संभावना है। 2. आज कोटा, उदयपुर, जयपुर, जोधपुर, भरतपुर व अजमेर संभाग के कुछ भागों में मेघगर्जन के साथ मध्यम बारिश व कोटा, उदयपुर संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। 3. 10 सितंबर को पूर्वी राज के अनेक भागों में मध्यम से तेज बारिश होने तथा कोटा, उदयपुर संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। 4. 11-12 सितंबर को पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, कोटा, उदयपुर व जयपुर संभाग के कुछ भागों में भारी बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने तथा कहीं-कहीं अतिभारी बारिश होने की संभावना है। 5. आगामी 4-5 दिन जोधपुर, बीकानेर संभाग के कुछ भागों में मेघगर्जन के साथ बारिश होने तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर
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नमस्ते साथियो, मौसम विज्ञानं केंद्र के अनुसार, आज 26 जून को एक बार पुनः जयपुर, भरतपुर, अजमेर, उदयपुर, जोधपुर, कोटा संभाग के कुछ भागों में दोपहर बाद तीव्र मेघगर्जन, आकाशीय बिजली के साथ बारिश होने की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं वज्रपात होने की भी प्रबल संभावना है। कृपया मेघगर्जन के समय सुरक्षित स्थान पर शरण लेवें व विशेष सावधानी बरतें। धन्यवाद
मौसम विज्ञानं केंद्र द्वारा मौसम 10 मई का मौसम अपडेट
नमस्ते मेरा नाम पूजा है और आज हम मौसम विज्ञानं केंद्र द्वारा आये सन्देश के माधियम से आने वाले मौसम के बारे में जानकारी लेंगे। साँझा किये हुए सन्देश में आप ने शीत लहर के बारे में सुना, शीत लहर का मतलब है ठंडी हवाओ का तेज से चलना। चोवीस घंटे के अंदर जब तापमान में तेज़ी से गिरता है तब तेज़ ठंडी हवाएं चलती है और ऐसी हवाएं स्वस्थय के लिए हानिकारक होती है इस दौरान खुद के साथ, बच्चो का, वृद्ध जन और पशुओ का खियाल रखे। साथ ही अभी साँझा किये जाने वाली जानकारी को धियन से सुने और सावधानिया बरते। स्थानीय मौसम की जानकारी के लिए रेडियो , समाचार, और टीवी से मीडिया प्रकाशन से अनुमान को समझते रहे। • आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखें जैसे आम दवाई, जयदा ऊनी कपडे, राशन का सामान • जितना संभव हो घर के अंदर रहें, ठंडी हवा के संपर्क से बचने के लिए यात्रा कम से कम करें। • खुद को सूखा रखें। यदि गीले हों, तो शरीर की गर्मी के नुकसान को रोकने के लिए तुरंत कपड़े बदलें। • दस्ताने को प्राथमिकता दें; दस्ताने ठंड से अधिक गर्मी और इन्सुलेशन प्रदान करते हैं। • मौसम की अपडेट के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें, समाचार पत्र पढ़ें। • नियमित रूप से गर्म पेय पियें। • बुजुर्ग लोगों और बच्चों का ख्याल रखें। • पर्याप्त पानी संग्रहित करें क्योंकि पाइप जम सकते हैं। शीत लहार के दौरान खुले में या जंगलो में शौच के लिए न जाये। आस पास के CTC का उपयोग करे। • शीतदंश के लक्षणों जैसे उंगलियों, पैर की उंगलियों में गलन, और नाक से सफेद या पीला दिखना। • शीतदंश से प्रभावित क्षेत्रों को गर्म नहीं बल्कि गर्म पानी में रखें (शरीर के अप्रभावित हिस्सों के लिए तापमान छूने के लिए आरामदायक होना चाहिए)। हाइपोथर्मिया यानि शरीर का तापमान तेज़ी से गिरे और शरीर के तापमान 35 डिग्री से कम हो जाये तोह उसे हाइपोथर्मिया कहा जाता है इस परिष्तिथि में व्यक्ति को गर्म स्थान पर ले जाएं और उसके कपड़े बदलें। • व्यक्ति के शरीर, कंबल, कपड़े, तौलिये या चादर की सूखी परतों से गर्म करें। • ऐसी स्थिति में चिकित्सकीय सहायता लें। • कंपकंपी को नजरअंदाज न करें। यह एक महत्वपूर्ण पहला संकेत है कि शरीर की गर्मी कम हो रही है और यह जल्दी से घर के अंदर लौटने का संकेत है। तोह साथियो आप समझ गए है शीत लहर से बचाओ के कैसे बचाओ करे। आप आगे किन विषयो पे जानकारी चाहेंगे हमे जरूर बताये। जल्द मिलेंगे अगले कार्येक्रम के साथ धनयवाद