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सुशांत पाठक पेशाब के रंग से जाने स्वास्थ्य संबंधित समस्या के बारे में- निरंग या पारदर्शी ऐसा पेशाब होने पर आप बहुत ज्यादा पानी पी रहे हैं, शरीर को हाइड्रेट रखने और ठीक से काम करने के लिए पानी की जरूरत होती है, लेकिन शरीर में आवश्यकता से अधिक मात्रा में जल इकठ्ठा होने से आपका मूत्र पानी जैसा दिखने लगता है । डार्क,या शहद के रंग समान - गहरे रंग का पेशाब हल्के डिहाइड्रेशन का लक्षण है। इस तरह के पेशाब आने पर समझलें की आपके सिस्टम में तरल पदार्थ की जरूरत है। ऐसा तब हो सकता है, जब आप गर्मी के दिन में बाहर पसीना बहा रहे हो या कुछ देर पहले वर्कआउट किया हो। गहरे भूरे रंग का पेशाब आपके मूत्र में पीत के प्रवेश के कारण भी हो सकता है, जो लीवर की बीमारी का संकेत देता है, भूरे रंग का पेशाब पोरफिरीया का एक लक्षण है। जो त्वचा और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाला एक विकार है। कई बार चुकंदर ब्लूबेरी या रुबर्ब ख़ाने से पिंक या लाल पेशाब दिख सकता है। लेकिन आपने ऐसा कुछ नहीं खाया है, तो यह चिंता का कारण हो सकता है गुलाबी या लाल रंग का पेशाब किडनी, या यूरिन कैंसर, किडनी की पथरी, यूरिन इन्फेक्शन, प्रोस्टेट की समस्या का लक्षण हो सकता है। यदी आपका पेशाब नारंगी रंग का दिखता है, तो हो सकता है आप पर्याप्त पानी नहीं पी रहे हैं,इसके अलावा लीवर या पित्त नली की समस्या होने पर ऐसे रंग का पेशाब आता है, या फिर एलोपैथिक दवा के कारण भी ऐसा हो सकता है। हाईड्रेटेड रहने के बाद भी नारंगी रंग गायब नहीं होता है तो जांच कराने की आवश्यकता है, हल्के पीले रंग की श्रेणी मैं आने वाला पेशाब यह संकेत देता है कि आप स्वस्थ और हाइड्रेटेड है वैसे वह पिला रंग आपके शरीर द्वारा उत्पादित यूरोक्रोम नामक रंग द्रव के कारण होता है। अगर यूरिन का रंग ब्लड के रंग का दिखने लगे, यूरिन पास करते समय दर्द हो, तो यह खतरे का संकेत है। कभी-कभी यूरिन ट्रैक्ट में बैक्टीरियल फंक्शन होने से यूरिन का रंग नीला डार्क या ऑरेंज कलर का हो जाए तो अपने चिकित्सक से परामर्श लें।

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सबसे पहले 500 ग्राम अरवा चावल को अच्छे से पीस लीजिये  और इसे अच्छे से छलनी से छान लीजिये। अब छाना हुआ चावल आटा में तीन बड़ा चम्मच घी  मिला कर अच्छे से मिलाना है। जब चावल का आटा और घी अच्छे से मिक्स हो जाए तो उसमे एक कप दही भी मिलाकर हल्के हाथों से अच्छे से मिक्स करिये। अब मिश्रण में थोड़ा थोड़ा पानी मिला कर मिक्स करना है। ध्यान रखिये इसे वड़ा बनाने की तरह ही मिश्रण को रखना है। मिश्रण सूखा नहीं होना चाहिए ,हल्का गीला रखे लेकिन घोल की तरह नहीं रखना है। अब इसे छह घंटा ढक कर छोड़ देना है। अब छह घंटे बाद इसे चार से पांच मिनट तक अच्छी तरह से गूथना है। अब यह मुलायम हो जाएगा।तब आप इसे डो की तरह तैयार लीजिये। अब चाशनी बनाने के लिए एक पतीला में डेढ़ कप चीनी और डेढ़ कप पानी डालिये। चाशनी को चलाते रहना है ताकि अच्छे से चीनी पिघल जाए ,इस बीच आधा चम्मच इलाइची पाउडर डाल दीजिये। अब ध्यान दीजियेगा की चाशनी तार वाली नहीं बनानी है। बस चाशनी चिपचिपा होना चाहिए। अब पांच मिनट में चाशनी तैयार है इसे अलग रख दीजिये। अब गैस में कढ़ाई चढ़ा कर तेल गर्म करें। जब तक तेल गर्म होता है तब तक चावल का डो से छोटा छोटा लोई निकाल कर इसे अपने अनुसार मिठाई का आकर दे देना है। सारे मिठाई तैयार हो जाने के बाद इसे तेल में थोड़ा थोड़ा कर डाल कर मध्यम आंच में तल लीजिये। तलने में तीन से चार मिनट लगेगा ,दोनों तरफ से अच्छे से तलना है। अब इसे छान कर चाशनी में डालिये। 

250 ग्राम गाजर को धो कर छील लीजिये और उसे छोटे छोटे पीस में काट लीजिये। अब इस गाजर के टुकड़ों को मिक्सर में डालिये और आधा कप दूध डालकर पीस लीजिये। अब पिसा हुआ गाजर से दो चम्मच पेस्ट आप अगल कटोरा में निकाल के रख लीजिये जिसका इस्तेमाल बाद की प्रक्रिया में किया जाएगा। अब गैस पर कढाई चढ़ाए और इसमें एक बड़ा चम्मच घी डालिये। अब इसमें गाजर का पेस्ट को डाल लीजिये और आधा कप दूध मिलाइये और अच्छे से मिला लीजिये। अब इसमें आधा कप सूजी मिलाइये। अब इस मिश्रण को धीमी आंच में लगातार चलाते हुए पकाना है। इसे तब तक पकाना है जब तक यह गुथा हुआ न हो जाए। इसे लगभग 5 मिनट तक पकाना है। अब इस गुथा हुआ गाजर सूजी का मिश्रण को एक बर्तन में निकाल लीजिये और धक कर ठंडा होने के लिए रख दें। अब कढ़ाई में दो चम्मच पानी और तीन कप क्रीम वाला दूध डाल कर उबाल लीजिये। उबाल आने पर गैस का फ्लेम धीमा से मध्यम कर लीजिये। अब इसमें आधा कप चीनी और दो चम्मच गाजर का पेस्ट जिसे हमने पहले अलग कटोरा में निकाल कर रखा था उसे डाल लेना है। अब इसे पकाना है जब तक ढ़ाई कप दूध न हो जाए।इस बीच अब गुथा हुआ गाजर और सूजी का मिश्रण को अच्छे से मसल कर चिकना कर लेना है ताकि यह गुठली जैसा न हो। अब हाथों में तेल लगा कर मिश्रण का छोटा छोटा गोल आकर बॉल बना लेना है। बॉल छोटा ही रखना है ताकि यह जल्दी पके और रस अंदर तक चला जाए। आधा कप सूजी से लगभग 60 बॉल्स तैयार हो जाएगा। अब इस बॉल्स को 5 मिनट के लिए भाप लें। अब पांच मिनट बाद इसे ठंडा कर लीजिये। अब जब दूध उबल कर ढ़ाई कप हो जाए तो इसमें ड्राई फ्रूट बादाम और पिस्ता डाल लीजिये ,फ्लेवर के लिए 3 से 4 कुटा हुआ इलाइची डाल लीजिये। अब दूध का मिश्रण में भापा हुआ गाजर सूजी का बॉल्स डाल देना है। अब इसे 5 मिनट पकाना है। अब गैस से कढाई को उतार लीजिये और इसे ढक कर आधे घंटे के लिए रख दीजिये। 

सबसे पहले आधा कप देसी घी को एक बड़ा कटोरा में ले लीजिये। घी रूम टेम्परेचर में होना चाहिए ।  अब इसे अच्छे से फेट लीजिये जिससे घी का दानेदार सामग्री हट जाएगी। अब इसमें दो बड़ा चम्मच दूध डाल कर पांच मिनट तक फेटे जिससे घोल क्रीमी लगे।अब इसमें आधा कप पीसी हुई चीनी मिला कर अच्छे से फेट लें ताकि चीनी अच्छे से घी में मिल जाए। अब इसमें छलनी रख कर एक कप रागी आटा ,दो बड़ा चम्मच गेहूं का आटा ,दो बड़ा चम्मच कोको पाउडर ,एक चौथाई छोटा चम्मच बेकिंग पाउडर ,एक चौथाई छोटा चम्मच बेकिंग सोडा को मिक्स कर के छान लीजिये। अब इसे हल्के हाथों से अच्छे से मिला लीजिये और गूथ लीजिये। अब इसे छोटा लोई बना बना कर बिस्कुट का आकर दें और आप अगर इसमें डिज़ाइन देना चाहे तो दे सकते है या फिर आप इसमें चोको चिप्स का इस्तेमाल भी कर सकते है। अब एक प्लेट लें,उसको ग्रीस कर के बटरपेपर लगाए और इसके ऊपर तैयार बिस्कुट को रख दें। ध्यान रखे की प्लेट में ज्यादा बिस्कुट नहीं रखे क्योंकि बेक होने पर बिस्कुट का अकार बड़ा होने लगता है ।  अब इसे हम कढाई में बेक करेंगे। इसके लिए हमे गैस में कढ़ाई चढ़ाना है और इसमें कोई भी स्टैंड रख लीजिये।  अब मध्यम आंच में इसे ढक कर पांच मिनट तक प्री हीट कर लीजिये।  अब प्री हीट हो जाने पर बिस्कुट के प्लेट को स्टैंड में रखे और मध्यम आंच में ढक कर 15 मिनट तक बेक कर लीजिये । इसी तरह बाकी बिस्कुट को भी बेक कर लीजिये। अब सारी बिस्कुट बेक हो जाने के बाद ठंडा कर लीजिये ,तैयार है टेस्टी एंड हैल्थी रागी बिस्कुट। आप इसे शाम के नास्ते में चाय के साथ सर्व करिये। 

सबसे पहले 250 ग्राम गाजर को अच्छे से धो कर इसे छील लीजिये और पतला पतला काट लीजिये। अब इसमें एक कप दूध मिला कर अच्छे से पीस लीजिये और पतला पेस्ट बना लीजिये । ध्यान रखियेगा की गाजर का कोई भी मोटा भाग पेस्ट में न रहे। अब  गाजर का पेस्ट में 100 ग्राम बारीक़ सूजी , 60 ग्राम मैदा ,चार बड़ा चम्मच मिल्क पाउडर ,आधा छोटा चम्मच इलाइची पाउडर और एक बड़ा चम्मच चीनी मिला लीजिये। सूजी अच्छे से फुले इसके लिए जरूरत अनुसार दूध इस्तेमाल करना है। ध्यान रखियेगा की आप इसमें गरम दूध का इस्तेमाल नहीं करे। अब इस मिश्रण को ढक कर रख दीजिये। अब चाशनी बनाने के लिए डेढ़ कप चीनी ले लीजिये और डेढ़ कप पानी मिला कर हाई फ्लेम पर चीनी को उबलने दीजिये। इसमें आप चार इलाइची और अगर केसर डालना चाहे तो थोड़ा केसर डाल सकते है। इस घोल को चलाते रहिये जब तक चीनी अच्छे से घुल न जाए। अब गैस फ्लेम को लौ कर के 2  मिनट तक पकाइये .चाशनी को जाँच लें की उसमे तार न बने केवल चिपचिपा रहे। अब गाजर ,सूजी ,मैदा का बैटर को अच्छे से मिलाए और अगर बैटर गाढ़ा है तो इसमें दूध मिलाइये। ध्यान रखियेगा की घोल ज्यादा गाढ़ा न ज्यादा पतला होना चाहिए। अब मालपुआ को तलने के लिए कढाई में तेल को गर्म कर लीजिये ,तेल को मध्यम गर्म करना है। अब आंच को धीमा कर के थोड़ा थोड़ा कर के एक धार में पुआ को डालिये।पुआ डलने के बाद आंच को मध्यम कर लीजिये।  ध्यान रखियेगा एक से दो मिनट तक एक तरफ  से तलने के बाद ही कलछी से पुआ को तेल में मिलाइये।अब दूसरी तरफ से भी अच्छे से तल लीजिये।   अब पुआ को अच्छे से छान कर चाशनी में डाल लीजिये। जब पुआ चाशनी में अच्छे से फुल जाए तो पुआ को प्लेट में निकाल लीजिये और सर्व करिये। 

सबसे पहले एक बड़ा चम्मच सब्जा सीड यानी तुलसी का बीज को एक कप पानी में 15 से 20 मिनट के लिए भींगा के रख देंगे। अब दो कप दूध को एक कढ़ाही में डाले और इसमें एक चौथाई कप दूध का पाउडर डाल दीजिए। अब इसे अच्छे से मिला लेने के बाद गैस को ऑन करिये और मध्यम आंच में लगातार चलाते हुए दूध को गाढ़ा होने देना है। तीन मिनट बाद एक चौथाई कप चीनी मिलाना है। अब तीन से चार मिनट तक दूध को चलाते रहना है। जब दूध में अच्छे से उबाल आ जाए तो गैस बंद कर लें। अब इसे ठंडा होने के लिए रख दें। अब कढ़ाई में एक तिहाई कप साबूदाना डाले और दो कप पानी मिला कर मध्यम आंच में चार से पांच मिनट तक पकने देना है। अब गैस को बंद कर के साबूदाना को अच्छे से पानी मिला कर छान लें। अब दूध ठंडा हो जाने पर उस पर पका हुआ साबूदाना मिला लेना है और जो फल आपको पसंद है उसे काट कर इसमें मिला लीजिये। ध्यान रखियेगा की बहुत ही ज्यादा खट्टा फल का इस्तेमाल नहीं करना है। अब इसमें आप बारीक़ कटा काजू ,बादाम और पिस्ता डालिये और अच्छे से चला लीजिये। अब एक गिलास में सब्जा सीड्स को डाल कर उसमे यह शरबत डाल दीजिये .तैयार है आपका मज़ेदार साबूदाना का शरबत। 

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा कृषि में ड्रोन के लाभ तथा उपयोग के बारे में जानकारियाँ दे रहे है अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें 

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा मछली पालन से जुड़ी जानकारियाँ दे रहे है कि किसानों को किस तरह मछली के स्वास्थ्य का ध्यान रखना है । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें