झारखण्ड राज्य के रांची ज़िला से राजकुमार ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि घरेलु हिंसा हमेशा जानबूझ कर की जाती है। अपराधी को पता होता है कि सामने वाले व्यक्ति पर उसकी सत्ता चल रही है ।कारण चाहे जो भी हो हिंसा असहनीय है। किसी को डरा धमका कर मज़बूर करना सही बात नहीं है।घरेलू हिंसा एक महिला का व्यक्तिगत मामला है के साथ ही सामाजिक विकास को भी प्रभावित करता है । किसी भी महिला को सिर्फ एक इंसान होने के नाते गरिमा का जन्मजात अधिकार है। अगर किसी व्यक्ति के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जाता है तो सभी को भी उसके खिलाफ आवाज़ उठाने का हक़ है। घरेलु हिंसा किसी एक महिला या पुरूष की समस्या नहीं है ,यह समस्या पूरे परिवार को प्रभावित करती है। इसीलिए इस समस्या के खिलाफ आवाज़ उठाना ज़रूरी है। देश में कई कानून है पर कोई ठोस कानून नहीं है। एक कानून है जिसमे दहेज़ को लेकर पत्नी के साथ की गई ताड़ना पर कार्यवाही होती है