हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।

मध्यप्रदेश राज्य के राजगढ़ जिला से राजेंदर शर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि प्रशासन ने दोनों तालाबों का होगा गहरीकरण की तैयार की योजना की है

मध्यप्रदेश राज्य के जिला राजगढ़ से राजेंद्र शर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि सरकार नल जल योजना गर्मियों की शुरुआत में समाप्त हो गई है । ग्रामीण इलाकों में दस - पंद्रह दिन बीतने के बाद भी पानी नहीं मिल रहा है । ऐसे में लोगों को पीने के पानी के लिए पहले से ही काफी परेशानी हो रही है । वास्तव में 125 से अधिक गाँवों को पानी की आपूर्ति करने वाली बागपुरा परियोजना के इंटरकॉन का पानी पहले ही सूख चुका है । यह परियोजना सुथालिया क्षेत्र से पचोर के पास पानी की आपूर्ति करती है , लेकिन परियोजना से जुड़े ये गांव दस दिनों से अधिक समय से पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं । पाइप से पानी की आपूर्ति नहीं होने के कारण लोग पहले से ही पीने के पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं , लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी का कोई विकल्प नहीं है ।

जल ही जीवन है। यह पंक्तियाँ हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। आज के समय में जब दुनिया शुद्ध जल की कमी से जूझ रही है, यह पंक्तियाँ और सार्थक हो जाती हैं। भारत में जल संकट लगातार गहराता जा रहा है। कई राज्य हैं जो भूजल की कमी के चरम बिंदु को पार कर चुके हैं। हर साल 22 मार्च के दिन विश्व जल दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमारे जीवन में जल के महत्व और उसके संरक्षण को समर्पित है।इस विश्व जल दिवस पर पानी की बर्बादी को रोके और जल को प्रदूषित होने से बचाये। मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से आप सभी को विश्व जल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

जिम्मेदार नहीं दे रहे हैं ध्यान

जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

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साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में लाभार्थी रोहित से साक्षात्कार लिया गया है जो जल संरक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है।

नहीं मिल रहा लोगों को लाभ

जिम्मेदार नहीं दे रहा है ध्यान