राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानि की NCRB के हालिया रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में 23,178 गृहिणियों ने आत्महत्या की थी। यानी देशभर में हर दिन 63 और लगभग हर 22 से 25 मिनट में एक आत्महत्या हुई है। जबकि साल 2020 में ये आंकड़ा 22,372 था। जितनी तेज़ी से संसद का निर्माण करवाया, सांसद और विधायक अपनी पेंशन बढ़ा लेते है , क्यों नहीं उतनी ही तेज़ी से घरेलु हिंसा के खिलाफ सरकार कानून बना पाती है। खैर, हालत हमें ही बदलना होगा और हमें ही इसके लिए आवाज़ उठानी ही होगी तो आप हमें बताइए कि *---- आख़िर क्या वजहें हैं जिनके कारण हज़ारों गृहणियां हर साल अपनी जान ले लेती हैं? *---- घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए ? *---- और क्या आपने अपने आसपास घरेलू हिंसा को होते हुए देखा है ?

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मध्यप्रदेश राज्य के खंडवा जिला में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर शनिवार को जिला चिकित्सालय खंडवा में मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया शिविर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ साधारण सिविल सर्जन डॉक्टर द्वारा आत्महत्या के कारणों पर चर्चा की गई

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आत्महत्या के विचार आना मानसिक बीमारी के लक्षण है भारत में हर साल 1lakh 30000 hjar लोग आत्महत्या करते हैं इसकी 100% रोकथाम संभव है जीवन अनमोल है आओ ऐसे लोगों की मदद करें

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