हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।

विश्व वन्यजीव दिवस जिसे आप वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के नाम से भी जानते है हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य है की लोग ग्रह के जीवों और वनस्पतियों को होने वाले खतरों के बारे में जागरूक हो इतना ही नहीं धरती पर वन्य जीवों की उपस्थिति की सराहना करने और वैश्विक स्तर पर जंगली जीवों और वनस्पतियों के संरक्षण के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य या दिवस मनाया जाता है.विश्व वन्यजीव दिवस के उद्देश्य को पूरा करने के लिए है हर वर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है जिससे लोगो में इसके प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूकता को बढ़ावा मिले . हर वर्ष की तरह इस वर्ष 2024 का विश्व वन्यजीव दिवस का थीम है " लोगों और ग्रह को जोड़ना: वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज" है। "तो आइये इस दिवस पर हम सभी संकल्प ले और वन्यजीवों के सभी प्रजातियों और वनस्पतियों के संरक्षण में अपना योगदान दे।

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अब इसका नया नाम वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व होगा। यह प्रदेश का सातवां टाइगर रिजर्व होगा। इसमें सागर, दमोह, नरसिंहपुर जिले के करीब 1,41,400 हेक्टेयर वन क्षेत्र को शामिल किया गया है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी से मंजूरी के बाद से वन विभाग नौरादेही अभयारण्य को टाइगर रिजर्व में बदलने की तैयारियों में जुटा है।

एमपी गवर्नमेंट फॉरेस्ट गार्ड्स को भी पुलिस जवानों की तरह पोषण आहार भत्ता प्रदान करेगी....

मध्यप्रदेश राज्य के खंडवा जिला से एकता महाजन मोबाइल वाणी के माध्यम से रेणुपरमार से साक्षात्कारलिया है। जिसमें रेणुपरमार ने बताया की वे मोबाइल वाणी के कार्यकर्म को सुनती है और उन्हें सुनना बहुत पसंद है। मोबाइल वाणी पर चल रहे जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम को उन्होंने सुना है जिसमें जलवायु परिवर्तनों के कारणों और प्रभाओं के बारे में बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन से मौसम बदल रहा है। किसानों को बहुत नुकसान हो रहा है फसलें खराब हो रही है और बीमारियां भी बढ़ रही है। इसके साथ ही साथ उन्होंने बताय कि वे कार्यक्रम को सुनकर अपने घर पर पेड़ लगायी हैं और लोगों से भी कहती हैं की सभी अपने घरों पर पेड़ लगाएं।

खंडवा(khandwa) में पेड़ काटने से हुई 50 बगुलों(birds) की मौत.. वाइल्डलाइफ टीम को की मौके पर मौजूद लोगों ने शिकायत... वन विभाग(forest) की टीम ने मौके पर पहुंच की कार्यवाही... नगर निगम की टीम को भेजा नोटिस...

जलवायु की पुकार [श्रोताओं की सरगम] कार्यक्रम के अंतर्गत हम जानेंगे अलग अलग लोगों के योगदान के बारे में की कैसे पर्यावरण के समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।

शक्ति, संस्कृति व धैर्य के प्रतीक हाथी का हमारे वनों के संरक्षण से लेकर हमारी आस्था तक में विशिष्ट स्थान है। आइए, #WorldElephantDay पर हाथियों के संरक्षण व उनके साथ संबंधों को मजबूत बनाने का संकल्प!

मध्यप्रदेश राज्य के जिला खंडवा से भगीरथ मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा कारण है कि किसान आजकल रासायनिक खेती कर रहे है इसके साथ ही पेड़ों की कटाई भी तेजी से की जा रही है जिसके कारण तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। आगे कह रहे है कि तापमान की बढ़ोतरी के कारण ऊष्मा पूरी तरह से संचालित नहीं हो पा रही है