सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

बनो नई सोच ,बुनो हिंसा मुक्त रिश्ते की आज की कड़ी में हम सुनेंगे महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और हिंसा के बारे में।

विवाह में गलत परंपराओं का निर्वहन आज भी हो रहा है। प्राचीन विवाह पद्यति में कई प्रकार की कुरीतियां और परपंराए थी जैसे होम हवन, सप्तपदी, कन्यादान हम आज भी उसकी समीक्षा करने की बजाए विवाह में उसे मानने लगे है। इतिहासचार्य राजवाडे के अनुसार प्राचीन काल में आज के जैसी बिजली की व्यवस्था यानी प्रकाश व्यवस्था नहीं थी तब आर्य के पूर्वज विवाह में खाना, पीना, नाचगाना, बैठना उठना, सोना, यमनक्रिडा जैसे जीवन की गतिविधियां अग्नीकुंड में जलने वाले आग के प्रकाश में होता थी। आज हम विवाह में यज्ञ होम करने लगे है जब कि यह प्रथा उस काल की प्रासंगिकता के अनुसार थी। उस काल में स़्त्री को पुरूष की उपभोग की वस्तू समझा जाता था, इस लिए तब विवाह में कन्या दान किया जाता था। कन्या दान करने के पीछे की धारना यही थी। यह सभी विषय आर्यो ने और बाद की पीढ़ी के पंडितों ने समाज में स्थापित करते है। आज इस की समीक्षा होने की आवश्यकता है।

यह कहानी एक लड़की की साहस और संघर्ष की है, जिसने अत्याचार को मात दिया और नये जीवन की धारा चलाई। मायके का साथ बना उसका सहारा, बेटे को बड़ा किया सच्चाई की पुकार से। उमा ने सिखाया, हिंसा से ना डरो, आगे बढ़ो, सपनों को हकीकत में बदलो। आपको लगता है कि उमा ने अपने जीवन में सही निर्णय लिया था, जब वह अपने परिवार के खिलाफ खड़ी हुई थी? उमा की कहानी आपको कैसे प्रेरित करती है और आपके विचारों में समाज में इस तरह की स्थितियों पर सहायता और बदलाव कैसे लाया जा सकता है?

Transcript Unavailable.

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मध्यप्रदेश राज्य के खंडवा जिला से अंजना लखमारे निष्ठा स्वास्थ्य वाणी के माध्यम से बता रही है कि धार्मिक कारक आर्थिक कारक स्त्रियों का निर्णय स्तर लड़कियों का कम उम्र में विवाह सांस्कृतिक कार्यक्रम तत्व कारक और मनोवैज्ञानिक कारक प्रमुख रूप से लैंगिक भेदभाव बनाए रखे हुए हैं लैंगिक आधार पर भेदभाव की समस्या प्राचीन काल से ही चली आ रही थी जो आज आधुनिक काल में भी विद्यमान है इन्हें दूर करने की अब जरूरत है