कीटोन बॉडीज जब भी कार्बोहाइड्रेट ली जाती है तो कुछ अपर्याप्त कार्बोहाइड्रेट दी जिनमें मेटाबॉलिक मेटाबॉलिज्म के दौरान कुछ कार्बोहाइड्रेट डिफेक्ट होता है जिस कारण से बॉडी में फैसिलिटी की मात्रा बढ़ जाती है फैटी एसिड बढ़ जाने के कारण बॉडी के अंदर इंटरमीडिएट प्रोडक्ट बढ़ जाता है जैसे कि कीटोन बॉडी जो की ब्लू की ब्लू में इंक्रीज हो जाती है और इसके लिए रुद्राक्ष टेस्ट लगाया जाता है तो सबसे पहले इसमें टेस्ट ट्यूब में टेस्ट ट्यूब रिटायरमेंट में टेस्ट ट्यूब लेते हैं टेस्ट ट्यूब लैंप लेते स्पीड लैंप लेते हैं पार्सल प्रीपेड लेते हैं ड्रॉपर लेते हैं और प्रोसेसर एक क्लीन एंड ड्राई ग्लास टेस्ट ट्यूब लेते हैं पार्सल प्रीपेड की हेल्प से फायदे में यूरिन टेस्ट ट्यूब में ऐड करते हैं टेस्ट ट्यूब में 1 ग्राम रुद्राक्ष पाउडर भी ऐड करते हैं अब टेस्ट ट्यूब में यूरिन और रुद्राक्ष पाउडर को मिक्स करते हैं अब 1 से 2 ड्रॉप लिक्विड अमोनियम सल्फेट को साइड से डालते हैं जिससे जो उसमें जो एलिमेंट ऑब्जरवेशन न अपीरियंस का पर्पल कलर की रिंग नहीं सो होती है तो जो कीटोन बॉडीज होती है वह यूरिन में एब्सेंट होती है और अगर अपीरियंस का पिक पुपेक्स क्रीम सो होती है तो जो कीटोन पॉजिटिव होती है और यूरिन में प्रजेंट होती है