दिन में ग्लूकोस टेस्ट के लिए टेबलेट मेथड का उसे किया जाता है साथ ही जिसमें टैबलेट का उसे कहते जिसमे टैबलेट को जो की कलर जो की कॉपर सल्फेट साइट्रिक एसिड सोडियम सिट्रेट कार्बन और हाइड्रोजन जो टेबलेट होती है उसमें यूरिन में टैबलेट को डालने के बाद रिएक्शन के कारण कलर चेंज होता है इसमें क्या-क्या रिक्वायरमेंट होती है तो हमें जो होते यूरीन सैंपल की होती है और टेस्ट ट्यूब की होती है प्रॉपर की होती सबसे पहले क्लीन एंड फिर एक वन एमएल की टेस्टी ट्यूब लेते हैं और 52 मल की टेस्टी में 5 ड्रॉप यूरिन लेते हैं अभी इस यूरिन में 10 ड्रॉप वॉटर एड करते हैं अब टेस्ट ट्यूब में टैबलेट को डालते हैं अब जिसमें ट्यूब में हल्का सा उबाल आने लगता है और इसके बाद इसका कलर चेंज हो जाता है अब इसके बाद आए हुए रिजल्ट को नोट किया जाता है ऑब्जरवेशन तो जो कलर चेंज होता है अगर यूरिन में कलर चेंज नहीं हो रहा है उसमें ग्लूकोस प्रजेंट नहीं है तो टेस्ट नेगेटिव आता है और अगर पॉजिटिव आता है तो यूरिन होती है उसमें ग्लूकोस प्रेजेंट होता है