बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला के मधुबनी पंचायत से महिला श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बता रही हैं की वे आकांक्षा सेवा सदन से जुडी हुई है और जब नीलिमा की कहानी को इन्होने पंचायत में समाज के लोगो को सुनाया तो सुनने के बाद किस तरह से समुदाय में परिवर्तन आया उसको ये साझा करते हुए कहती है कि इनके पड़ोस में एक बिहार पुलिस का सिपाही रहता है जिसने मुछ नहीं रखा है और वो घर के कामों में हाथ बटाँते है और महिलाओं की मदद करते है इसलिए लोग उनको मउगा कह कर ताना कसते हैं। उन पर तरह तरह की छींटाकशी करते हुए कहा जाता है कि कैसा यह सिपाही है सिपाही का तो मोछ कड़क होना चाहिए आवाज जानदार होनी चाहिए। समाज की इस गलत सोच को संस्था के साथियो ने नीलिमा की कहानी सुना कर दूर किया और समुदाय में लोगो को समझाया कि हमलोगो को इस पर कोई छींटाकशी नहीं करनी चाहिए। और कोई भी भेदभाव नहीं करनी चाहिए। हर आदमी का अलग अलग स्वभाव होता और इसके आधार पर अगर हम हिंसा या भदभाव करते है। तो यह बहुत गलत है। यह जरुरी नहीं की मोछ रखने वाला इंसान ही कड़क होगा और मर्द होना ही कड़क है ,कड़क कोई भी हो सकता है।

बिहार राज्य के वैशाली जिले से सुमन कुमारी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि उन्हें नीलिमा की कहानी सुनकर बहुत ही अच्छा लगा और इस कहानी को सुनकर वे अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाना चाहती हैं

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले से रिंकू देवी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि उन्हें नीलिमा की कहानी सुनकर बहुत अच्छा लगा और इस कहानी के माध्यम से उनके जीवन में बदलवा आया है

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला से दुर्गा कुमारी जो आकांशा सेवा सदन से जुड़ी हुई है मोबाइल वाणी के माध्यम से ये कहना चाहती है कि उनको नीला की कहानी बहुत अच्छी लगती है इस से उनको प्रेरणा मिलती है वह बताती है कि उनकी एक दोस्त है जिन पर बहुत हिंसा हो रही है परिवार वालों के द्वारा मार पिट किया जा रहा था तब उन्होंने उनका सहयोग किया बैठक में इस मुद्दे को उन्होंने रखा तब एक मैडम के सहायता से वह उन्ही मदद कर पायी।

बिहार राज्य से ाचल कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं की ये आकांशा सेवा सदन से जुडी हुई है और नीलिमा की कहानी सुनकर बहुत अच्छा लगता है जिससे की बहुत बदलाव आया है।

बिहार राज्य से साक्षी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं की ये आकांशा सेवा सदन से जुडी हुई हैं और नीलिमा दीदी की कहानी सुनकर अच्छा लगता है और इस कहानी से किशोरियों में भी बदलाव आया है

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले से छाया मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार द्वारा लगे लॉकडाउन में प्रवासी महिला जो बेरोजगार थी। उन महिलाओं को रोजगार से जोड़ा और महिलाओं को प्रसव के समय क्या करना चाहिए इसके बारे में जानकारी भी दी

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले से आरती कुमारी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि उन्हें नीलिमा की हर कहानी बहुत ही अच्छी लगती है। वह कहती हैं कि सभी अपने गाँव से दूर रोजगार कर रहे पुरुष कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के चलते अपने घर वापस आने। लेकिन घर में कुछ खाने के लिए न होने से वह अपनी पत्नियों के साथ मारपीट और अत्यचार करने लगे। लेकिन जब दीदियों ने नीलिमा की कहानी सुनी और अपने पतियों को भी सुनाया तो उसके बाद से उनके घरों में बदलाव आने शुरू हो गए

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला से अंजलि कुमारी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि उन्हें नीलिमा की कहानी सुनकर बहुत अच्छा लगा और इस कहानी के माध्यम से हर लड़कियों में बहुत बदलाव आया। साथ ही हर लड़कियों में डर दूर हुआ

उत्तरप्रदेश राज्य के बरेली जिले से मधु राठौर मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि उन्हें नीलिमा की कहानी बहुत ही अच्छी लगती है और इस कार्यक्रम के माध्यम से बहुत ही अच्छी अच्छी सीख मिलती है। उन्होंने बताया कि उनके पति काम के लिए घर से बाहर जाने के बाद वह घर का काम करती थी। लेकिन जब लॉकडाउन लगने के बाद उनके पति का काम बंद होने से वह घर पर रहने लगे। उनके पति ने अपनी पत्नी को घर का काम करते देख उन्हें भी लगा की मेरी पत्नी घर का काम कितना करती है। उसके बाद से उनके पति ने अपनी पत्नी का घर के कामों में पूरा सहयोग किया।