लोकसभा ने विपक्ष के विरोध के बीच निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 को मंजूरी दे दी. इसके तहत मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए मतदाता पहचान कार्ड और सूची को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
केंद्र सरकार ने कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट को देखते हुए राज्यों को चेतावनी जारी की है. केंद्र ने बताया है कि वेरिएंट स्वरूप डेल्टा की तुलना में तीन गुना अधिक संक्रामक है. ऐसे में इसे फैलने से रोकने के लिए राज्य वॉर रूम केंद्रों को सक्रिय करें। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
विश्वविद्यालय अनुदान केंद्र के नाम पर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एक पत्र वायरल हो रहा है. इसे वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालय को अपने केंद्रों पर ऑफलाइन परीक्षा करने के लिए पब्लिक नोटिस जारी किया है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
विश्व असमानता रिपोर्ट 2022 के आंकड़ों के बाद भारत में बढ़ती आर्थिक असमानता फिर चर्चा में है. रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1 प्रतिशत सर्वाधिक अमीर लोगों के पास 2021 में कुल राष्ट्रीय आय का 22% हिस्सा था, जबकि शीर्ष 10% लोग राष्ट्रीय आय के 57 प्रतिशत भाग पर काबिज थे। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
बढ़ती महंगाई से पूरा देश त्रस्त है, घरेलू सामान हो या फिर ट्रांसपोर्ट से संबंधित चीजें, हर किसी के दाम आग उगल रहे हैं. रसोईं गैस, सब्जी, साग, तेल, दाल हर चीज इन दिनों जनता के बजट से बाहर हैं. इसके अलावा पेट्रोल डीजल भी हर दिन महंगाई के नए आंकड़े स्थापित कर रहा है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
मध्याह्न भोजन योजना, जिसे अब पीएम पोषण के नाम से जाना जाता है, के तहत कार्यरत भारत के 24.95 लाख रसोइया-सह-सहायकों में से लगभग 65 प्रतिशत को 2,000 रुपये प्रति माह से कम का वेतन दिया जाता है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, आठ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में इन कर्मचारियों को साल 2009 से ही महज 1,000 रुपये प्रति माह की सैलरी मिल रही है, जबकि कई संसदीय समितियों ने वर्षों से इसमें बढ़ोतरी की सिफारिश की है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
Transcript Unavailable.
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कोरोना वायरस महामारी के दौरान कई सोशल मीडिया अकाउंट पर सरकारी नौकरियों की वैकेंसी का दावा किया जा रहा है. जिसमें ज्यादातर दावे गलत होते हैं. कई बार दावे इस तरह किए जाते जो एकदम सच लगते हैं। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
रोज़गार दर या श्रम भागीदारी अनुपात इस बात का मापक है कि अर्थव्यवस्था में कितने नौकरी लायक सक्षम लोग वास्तव में नौकरी की तलाश कर रहे हैं. सीएमआईई के मुताबिक, भारत का श्रम भागीदारी अनुपात मार्च 2021 में 41.38 फीसदी था, जो अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के बिल्कुल क़रीब है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
