बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने 23 जून को ‘कोरोनिल टैबलेट’ और ‘श्वासारि वटी’ नाम की दो दवायें लॉन्च कीं और दावा किया कि इन दवाओं से कोरोना वायरस का आयुर्वेदिक इलाज किया जा सकेगा। कंपनी का दावा था कि इन दवाओं का क्लिनिकल ट्रायल किया गया है और कोरोना संक्रमित लोगों पर इसका सौ फ़ीसद सकारात्मक असर हुआ है लेकिन पतंजलि की इस घोषणा के कुछ समय बाद ही भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि मंत्रालय को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार में आई आंधी और बारिश ने कम से कम 23 जिलों ने कहर बरपाया और इस दौरान बिजली गिरने से कम से कम 83 लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों अन्य झुलस गए.गोपालगंज जिले में बृहस्पतिवार को बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से कम से कम 13 लोगों मृत्यु हो गई जबकि 15 अन्य व्यक्ति झुलस गए.जिलाधिकारी अरशद अजीज ने बताया कि मृतकों और झुलसे लोगों में अधिकांश किसान हैं जो धान की रोपनी के लिए अपने खेतों में जाने के लिए निकले थे. मृतकों में चार महिला और 11 किसान शामिल हैं .विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के नालंदा जिला से मुकेश कुमार यह जानना चाहते हैं कि कोरोना वायरस से बचने क्या क्या सावधानियां अपनानी चाहिए ?

कोरोना वायरस संकट भारत में नौकरियों पर भी मार कर रहा है. कुछ जगह कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टियों पर जाने के लिए कहा जा रहा है. ये भी निश्चित नहीं कि वो काम पर दोबारा लौट भी पाएंगे या नहीं. कुछ समय पहले महाराष्ट्र के पुणे में एक छोटी आईटी कंपनी पर 6 लोगों से जबरन इस्तीफा लेने का आरोप लगाया था.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

जब से रामदेव बाबा ने कोरोना की दवा बना लेना का दावा किया है तब से पूरे देश में इस बात की चर्चा हो रही है. हालांकि सरकार ने इसे बैन कर रखा है और मामले की जांच की जा रही है. लेकिन इस बीच अफवाह फैलाने वालों को मौका मिल गया है. इन दिनों सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो रहा है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

जब कोरोना का डर ज्यादा और संक्रमण कम था तब मजदूरों का मालिक बनकर कोई सामने नहीं आया. मजदूर बेचारे धूप में हजार किमी पैदल चलकर अपने घर पहुंचे. लेकिन अभी जबकि संक्रमण ज्यादा है, ऐसे में मजदूरों को वापिस बुलाने की कवायद शुरू हो गई है. यानि थके—हारे मजदूरों ने घर पर कुछ दिन आराम भी नहीं किया और कंपनियां उन्हें वापिस काम करने के लिए बुला रही हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कोरोना वायरस के मद्देनजर सऊदी अरब द्वारा बेहद सीमित संख्या में हज की अनुमति देने की घोषणा के एक दिन बाद सरकार ने बिना किसी कटौती के श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा के लिए किए गए भुगतान को लौटाने का फैसला किया है. केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा है, हमने फैसला किया है कि भारत से इस साल हज के लिए श्रद्धालुओं को सऊदी अरब नहीं भेजा जाएगा. 2.13 लाख श्रद्धालुओं द्वारा वहां जाने के आवेदन के लिए किया गया भुगतान बिना किसी कटौती के उन्हें वापस किया जाएगा.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सोशल मीडिया पर नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल द्वारा कॉलेज स्टूडेंट्स को 10,000 रुपए स्कॉलरशिप दिए जाने का दावा किया जा रहा है. साथ में यह भी कहा है कि सरकार ने ये फैसला कोरोना संक्रमण के चलते लिया है. सरकार इस राशि से छात्रों का प्रोत्साहन बनाएं रखना चाहती है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

आज के दौर में फेक न्यूज के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. भारत समेत दुनिया के तमाम देश फेक न्यूज की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसा नहीं है कि इससे निपटने के प्रयास नहीं किए जा रहे, लेकिन तमाम कवायद के बावजूद यह समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

देश में कोरोना वायरस के मद्देनजर लगाए गए लगभग 10 हफ्ते के लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना यानी आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की संख्या में साप्ताहिक औसतन 51 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है. इस योजना का संचालन करने वाली संस्था राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान आयुष्मान भारत योजना के कुछ लाभार्थियों ने अप्रैल और मई में घोषित किए गए कोरोना पैकेज का लाभ भी उठाया था.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।