कोविड-19 वैक्सीन को लेकर ग्रामीण इलाकों में खासा उत्साह है. ग्रामीण इसके लिए भुगतान करने को भी तैयार हैं, लेकिन वैक्सीन के दो शॉट के लिए 1,000 रुपए से अधिक पैसा देने वालों की संख्या काफी कम है. ग्रामीण मीडिया प्लेटफार्म की ओर से करवाए गए सर्वे के अनुसार आठ फीसदी लोग ऐसे हैं, जो वैक्सीन के लिए 1,000 से 2,000 रुपए का भुगतान करने को तैयार हैं, जबकि दो तिहाई ग्रामीणों ने कहा कि वे 500 रुपए से अधिक नहीं दे सकते। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे देशव्यापी किसान आंदोलन के बीच एक बार फिर से बहुचर्चित स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें चर्चा में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हाल ही में एक बार फिर दावा किया कि राष्ट्रीय किसान आयोग, जिसे स्वामीनाथन आयोग के नाम से जाना जाता है, की सिफारिशों को कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने फाइलों में दबाकर रखा था और आठ साल बाद इसे निकालकर उन्होंने लागू किया.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

कोरोना संकट के बीच के सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है, जो आपके राशन कार्ड के नए नियम से जुड़ी है. जिसमें दावा किया गया जा कि केंद्र सरकार ने राशन कार्ड को लेकर कुछ नए नियम बनाए हैं. वायरल खबर में दावा किया जा रहा है कि अगर आप अपने राशन कार्ड का तीन महीने तक इस्तेमाल नहीं करेंगे तो उसे रद्द कर दिया जाएगा.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

केंद्र सरकार के तीन विवादित कृषि कानूनों के विरोध में किसान बीते 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख जोगिंदर सिंह उगराहां का कहना है कि वे सरकार के तीनों कानूनों और इसमें हुए संशोधनों के भी खिलाफ हैं और वे कानूनों को रद्द करने की अपनी मांगों पर डटे हुए हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

6 दिसम्बर को विश्व आरोग्य संगठन की चीफ़ सायन्टिस्ट सोम्या स्वामीनाथन ने बिज़नस स्टैन्डर्ड को बताया कि कोरोना वायरस वैक्सीन के कोवेक्स अलायंस से जुड़ने के लिए फ़ाइज़र और बायो एन टेक कंपनियां डब्लूएचओ के साथ बातचीत के आखिरी दौर में हैं. बीबीसी के मुताबिक, बायो एन टेक की स्थापना मूलतः तुर्की के दंपत्ति ऊगर साहिन और ओज़लीम ट्यूरेसी, और ऑस्ट्रिया के कैंसर एक्सपर्ट प्रोफ़ेसर क्रिस्टोफ़ हूबर ने की थी। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

इस हाड़कंपा देने वाली सर्दी के बावजूद केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. दिल्ली और आसपास में रविवार को पारा 3.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया जो इस मौसम में अब तक का सबसे न्यूनतम तापमान था। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

महाराष्ट्र में पांच सौ से ज्यादा छोटे उद्यमियों ने पिंपरी स्थित कंपनी पंजीकरण कार्यालय में अपनी-अपनी कंपनियों को बंद करने के लिए आवेदन दिए हैं. इनमें पुणे सहित पश्चिम महाराष्ट्र और कोकण के छोटे उद्यमी शामिल हैं. इन कंपनियों को बंद करने के निर्णय के बारे में बात करते हुए कई छोटे उद्यमी इसके लिए केंद्र की आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार मानते हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान के बाद अब महाराष्ट्र के किसानों ने भी दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है. हजारों किसान 21 दिसंबर को नासिक से दिल्ली के लिए रवाना होंगे. महाराष्ट्र के 20 से अधिक जिलों के हजारों किसान 21 दिसंबर को नासिक से जुटेंगे और पिछले तीन हफ्तों से दिल्ली के आसपास डेरा डाले हुए लाखों किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष को मजबूत करने के लिए दिल्ली के लिए मार्च शुरू करेंगे।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

अमरीका के टीवी पर आने वाले उपदेशक जिम बेकर ने अपने शो में कोलोडाइल सिल्वर के इस्तेमार का प्रचार किया. कोलोइडल सिल्वर इस धातु के छोटे-छोटे कण होते हैं जो तरल पदार्थ के तौर पर मिलता है. इस शो में मौजूद एक मेहमान दावा किया कि इसके सेवन से कोरोना वायरस को 12 घंटों के भीतर मारा जा सकता है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

साल 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में शराबबंदी लागू कर दी थी, जिसके बाद से यह ‘ड्राई स्टेट’ बन गया.लेकिन हाल ही में प्रकाशित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में महाराष्ट्र से ज्यादा शराब पी जाती है. सर्वे के मुताबिक बिहार में 15.5 फीसदी पुरुषों ने शराब पीने की बात स्वीकार की है. शहरी बिहार की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की खपत अधिक है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।