दुनिया के कई देशों में कोरोना का संक्रमण एक बार फिर से बढ़ने लगा है. इंग्लैंड और कई अफ्रीकी देशों में कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए फिर से लॉकडाउन जैसी स्थिति बन रही है. भारत की बात करें तो यहां भी पिछले कुछ दिनों से रोजाना के मामलों में उतार-चढ़ाव जारी है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

देश के 229 जिलों में अब तक सामान्य से कम बारिश हुई है, जबकि 22 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य से बहुत कम बारिश हुई है. इसका असर खरीफ सीजन की बुआई पर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले वर्ष जुलाई के तीसरे सप्ताह के अंत तक 791.84 लाख हेक्टेयर में फसल की बुआई हो चुकी थी, जबकि इस साल 721.36 लाख हेक्टेयर में बुआई हो पाई है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

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एक नए अध्ययन के अनुसार भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली पर कम खर्च करने और प्राइवेट स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करने से चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच बनाने में गंभीर असमानता बढ़ी है, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान. ऑक्सफैम की रिपोर्ट ‘इनइक्वैलिटी रिपोर्ट 2021ः इंडियाज इनइक्वल हेल्थकेयर स्टोरी’ में कहा गया है

केंद्र सरकार ने राज्यसभा को बताया कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है. सदन में एक सवाल के जवाब में कि क्या कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन के अभाव में बड़ी संख्या में कोरोना मरीजों की मौत सड़कों या अस्पताल में मौत हुई है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

राजद्रोह पर औपनिवेशिक काल के विवादित दंडात्मक कानून के तहत 2014 से 2019 के बीच 326 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से महज छह लोगों को सजा दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते आईपीसी की धारा 124 ए का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए केंद्र से पूछा था कि आजादी के 75 साल बाद इसे बनाए रखना क्यों जरूरी है, जबकि अन्य पुराने कानूनों को निरस्त कर रहे हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

पिछले 40 वर्षों के दौरान, केरल में भूमि सुधारों, सार्वजनिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा, एक मजबूत सार्वजनिक वितरण प्रणाली, स्थानीय स्व-शासन के जरिये शक्तियों के विकेंद्रीकरण, सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनायें एवं कुदुम्बश्री कार्यक्रमों जैसे कई प्रावधानों के नतीजे के तौर पर पूर्ण गरीबी में तेजी से गिरावट आई है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

इन दिनों सोशल मीडिया पर ‘एक परिवार एक नौकरी’ नाम की एक कथित सरकारी योजना भी चर्चा का विषय बनी हुई है. कुछ लोग इस योजना का जिक्र करते हुए ऐसा कह रहे हैं कि केंद्र सरकार इसके तहत हर परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार मुहैया कराएगी.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन और स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाले असर के कारण 2020 के दौरान दुनिया भर में करीब 2.3 करोड़ बच्चे जरुरी जीवनरक्षक टीकों से वंचित रह गए थे. देखा जाए तो यह आंकड़ा 2019 की तुलना में 37 लाख ज्यादा है, जोकि 2009 के बाद से सबसे ज्यादा है. यह जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आई है. यदि वैश्विक टीकाकरण की स्थिति को देखें तो जहां 2019 में इसकी दर 86 फीसदी थी वो 2020 में 3 फीसदी घटकर 83 फीसदी रह गई थी.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।