सरकार ने कहा है कि दो महीनों में ई-श्रम पोर्टल पर 5 करोड़ से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है. यह असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के बारे में पहला संगठित रूप से एकत्रित राष्ट्रीय आंकड़ा है. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने एक बयान में कहा,दो महीनों में 5 करोड़ से अधिक कामगारों ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

आजकल एक मैसेज बहुत देखने में आ रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत में चीन ऐसे खास तरीके के पटाखे और सजावटी लाइट भेज रहा है, जिससे अस्थमा की बीमारी और आंखों के रोग फैल सकते हैं. इसके साथ मैसेज के आखिर में इस जानकारी के गृह मंत्रालय द्वारा भेजे जाने की बात कही गई है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

गरीब परिवारों के लिए भारत सरकार ने जो स्वास्थ्य योजना शुरू की है उसका लाभ ही उन्हें नहीं मिल पा रहा है.आयुष्मान भारत योजना का लाभ पाने के लिए गरीबों को सरकारी अस्पतालों के चक्कर लगाने पड रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कई ऐसे परिवार हैं, जिन्हें कोविड की दूसरी लहर में इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना कार्ड का ही सहारा था पर अस्पतालों ने उसे स्वीकार नहीं किया। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

धार्मिक ग्रंथ की ‘बेअदबी’ के नाम पर सिंघू बॉर्डर पर हुई दलित सिख लखबीर सिंह की हत्या को लेकर ढेर सारे सवाल उठ खड़े हुए हैं. पिछले दिनों हरियाणा सरकार ने मृतक लखबीर सिंह पर धारा 295 के तहत ‘बेअदबी’ का मामला भी दर्ज किया है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य के जंगलों में कोयला खनन के विरोध में 300 किलोमीटर पदयात्रा के एक हफ्ते बाद यहां के आदिवासी हैरान और निराश हैं. केंद्र सरकार ने 21 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के परसा कोयला ब्लॉक में खनन के लिए दूसरे चरण की मंजूरी दी. छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन की ओर से कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें अडानी समूह की मदद करने की कोशिश कर रही हैं, जो परसा ब्लॉक के लिए माइन डेवलेपर और ऑपरेटर हैं.आदिवासियों द्वारा उठाए गए मुद्दों को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

आजकल एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत नौकरियां, लैपटॉप और मोबाइल फोन दे रही है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

ग्वालियर-चंबल अंचल के भिंड, मुरैना और ग्वालियर जिले का लगभग हर किसान डीएपी खाद की अनुपलब्धता से परेशान है. मध्य प्रदेश में सर्वाधिक सरसों उत्पादन भिंड और मुरैना जिलों में ही होता है. अक्टूबर माह में रबी सीजन आते ही सरसों की बुवाई शुरू हो चुकी है, जिसके लिए किसानों को बड़े पैमाने पर डीएपी खाद की जरूरत है. लेकिन सरकारी मंडियों से लेकर, सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं के यहां बार-बार चक्कर काटने के बावजूद भी किसानों को खाद नहीं मिल रही है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

फेसबुक, WhatsApp या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आजकल फेक न्यूज की बाढ़ आ गई है. मोदी सरकार की योजनाओं के नाम पर आजकल फ्री रिचार्ज से लेकर बेरोजगारी भत्ता तक मिलने की खबर वायरल हो रही है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध करने का अधिकार है लेकिन वे अनिश्चितकाल के लिए सड़क अवरुद्ध नहीं कर सकते. कोर्ट ने कहा कि किसानों को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन वे अनिश्चितकाल के लिए सड़क अवरुद्ध नहीं कर सकते. आप जिस तरीके से चाहें विरोध कर सकते हैं लेकिन सड़कों को इस तरह अवरुद्ध नहीं कर सकते.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा हाल ही में किए एक शोध से पता चला है कि जिस तरह से कीटनाशकों का अनियंत्रित तरीके से उपयोग बढ़ रहा है उसकी वजह से सी-सेक्शन यानी सिजेरियन डिलीवरी का खतरा बढ़ सकता है. इसके लिए शोधकर्ताओं ने कोशिकाओं को होने वाली क्षति के कारण जन्म के समय जटिलताओं में होने वाली वृद्धि को जिम्मेवार माना है. यही नहीं इन कीटनाशकों के कारण बच्चे का जन्म समय से पहले हो सकता है साथ ही जन्म के समय बच्चे का वजन सामान्य से कम हो सकता है. विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।