उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेता और गौतम बुद्ध नगर से सांसद डॉ. महेश शर्मा के आवास का घेराव करने तथा मुख्य मार्ग पर यातायात बाधित करने के आरोप में नोएडा के सेक्टर 20 थाने में करीब 600 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. अपर पुलिस उपायुक्त रणविजय सिंह ने बताया कि 81 गांवों के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 64 दिन से नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

देश में जबसे कोरोना वायरस ने दस्तक की है, तभी से साइबर ठगी के मामले बढ़ने लगे हैं. लोगों के साथ ठगी करने के फ्रॉड्टर्स अलग-अलग उपाय निकाल रहे हैं. ऐसे में लोगों को मैजेस, कॉल आ रही है, जिसके जरिए उनके अकाउंट बैलेंस खाली हो रहे हैं. अब एक ऐसा फ्रॉड सामने आया है जिससे आपको बेहद बचने की जरूरत है, जी हां साइबर अब लोगों से सरकार की एक योजना का सहारा लेकर लोगों से ठगी कर रहा है. बता दें सरकार की योजनाओं पर लोग आंख बंद करके विश्वास कर लेते हैं. इसी का फायदा उठाते हैं साइबर फ्रॉड. ऐसे ही आपको अपने को लेकर सावधानी बरतनी होगी. ये साइबर फ्रॉड आपका बैंक बैलेंस भी खाली करा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि सतत विकास के मानकों के अनुसार भारत में शिक्षा के मामले में अभी भी कमी है, क्योंकि देश ने समावेशी शिक्षा का लक्ष्य हासिल नहीं किया है. उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि क्या सरकारी स्कूल किसी भी नागरिक के लिए अपने बच्चे को भेजने के लिए पहली पसंद हैं या यह निजी क्षेत्र का स्कूल है, जिसे पहली पसंद माना जाता है? हमारी शिक्षा समावेशी नहीं है. कुछ गांवों और बड़े शहरों में जो शिक्षा प्रदान की जाती है, उनकी गुणवत्ता में कोई अंतर नहीं है. हमें इन सब पर विचार करना चाहिए. जब तक हम इसे हासिल नहीं कर लेते, सतत विकास मानकों के अनुसार शिक्षा के मामले में हम कमजोर रहेंगे.

अगस्त के महीने तक भारत में औसतन बारिश से 9 फ़ीसदी कम बारिश हुई थी. अगर मौसम ठीक रहता है तो सितंबर के महीने तक मानसून खत्म हो जाता है. लेकिन इस बार मानसून 26 अक्टूबर तक चला. बारिश मापने वाली संस्था इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट का कहना है कि इस सीजन में भारत में औसतन होने वाली बारिश से 135 फ़ीसदी बारिश हुई. इस बेमौसम बारिश की वजह से उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक के कई इलाकों की फसल बर्बाद हो गई है. बिहार के कई इलाकों में पके हुए धान ढह गए. महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर सोयाबीन उड़द और कपास की फसल बर्बाद हुई है. इसी तरह भारत के लाखों हेक्टेयर जमीन पर इस सीजन हजारों करोड़ों की फसल बर्बाद हो गई है.

भारत में वर्ष 2020 में आत्महत्या के 1,53,052 मामले यानी रोजाना औसतन 418 मामले दर्ज किए गए. इनमें से 10,677 मामले कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के हैं. कोरोना महामारी के बीच साल 2020 में दिहाड़ी मजदूरों द्वारा सबसे ज्यादा आत्महत्या की गई है. केंद्र सरकार के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान 37,666 दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या किया, जो कि कुल आंकड़े का 24.6 फीसदी है और यह किसी भी वर्ग द्वारा आत्महत्या करने का सर्वाधिक आंकड़ा है. मालूम हो कि यह वही समय था जब कोरोना महामारी के चलते देशभर में कठोर लॉकडाउन लगाया गया था और इसके कारण करोड़ों प्रवासी अपने गांवों की ओर लौटने को मजबूर हुए थे.

सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने यूजर्स को एक फ्रॉड मैसेज से सतर्क रहने की सलाह दी है, जिसमें दावा किया गया है कि सरकार 10 करोड़ लोगों को तीन माह का मुफ्त रिचार्ज उपलब्ध कराएगी. सीओएआई की तरफ से इसे लेकर स्क्रीनशॉट शेयर किया गया है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

सितंबर में दो करोड़ से अधिक परिवारों ने मनरेगा का लाभ उठाया, यह दर्शाता है कि ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत काम की मांग केंद्र और राज्यों द्वारा अधिकांश कोविद प्रतिबंध हटाए जाने के महीनों बाद भी उच्च बनी हुई है. आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर में 2.07 करोड़ परिवारों ने इस योजना का लाभ उठाया– जो कि 2020 में इसी महीने की तुलना में 3.85% अधिक था। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

पीएम मुद्रा योजना के हवाले से एक लेटर सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर वायरल हो रहा है. इसमें कहा गया है कि 2015 में शुरू हुई पीएम मुद्रा योजना में करोड़ों लोगों को अब तक अपना कारोबार शुरू करने के लिए लोन दिया जा चुका है। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

देश भर में लगभग 10.34 करोड़ लोगों ने निर्धारित अंतराल के बाद कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक नहीं ली है. जबकि सरकार टीकाकरण पूरा होने पर जश्न मना रही है. पहली खुराक के बाद दूसरी खुराक नहीं लेने वाले इन 10.34 करोड़ में से 85 फीसदी ने कोविशील्ड टीका लगवाया था, जबकि बाकी ने कोवैक्सीन लिया था। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

कृषि क्षेत्र में आज जो बड़े जोत वाले किसान अपने खेतों से बेहतर कमाई रहे हैं पर छोटी जोत वाले किसानों के समक्ष आर्थिक परेशानियां है. इस कारण से उन्हें दैनिक मजदूरी भी करनी पड़ती है, ताकि अपने और अपने परिवार का पेट पाल सकें. क्योंकि हाल ही में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि छोटे और सीमांत किसानों की आय का एक तिहाई से अधिक दैनिक मजदूरी से आता है. विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।