कोरोना वायरस महामारी के दौरान कई सोशल मीडिया अकाउंट पर सरकारी नौकरियों की वैकेंसी का दावा किया जा रहा है. जिसमें ज्यादातर दावे गलत होते हैं. कई बार दावे इस तरह किए जाते जो एकदम सच लगते हैं। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
हमारी श्रोता ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहती है कि उनको राशन मिलता है परन्तु राशन कार्ड में परिवार के कुछ सदस्य का नाम चढ़ाना है। उनके परिवार में सात सदस्य है।
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बिहार राज्य के जमुई जिला के चकाई प्रखंड से सुखलाल रवि दास मोबाईल वाणी के माध्यम से जानना चाहते हैं कि जिसके पास पी एस एफ कार्ड हो क्या उसे भी एक देश एक राशन कार्ड बनवाना पड़ेगा
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देश में सिजेरियन के जरिए बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं की तादाद में वृद्धि देखी जा रही है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के पिछले पांच सालों के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं. इसमें 4.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 में यह आंकड़ा 17.2 फीसदी था, जो अब बढ़कर 21.5 फीसदी हो गया है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
देश में खून की कमी से जुड़ी बीमारी यानी एनीमिया का देशव्यापी प्रसार बढ़ रहा है. ऐसा इसके सभी आयु-समूह और लिंगों में प्रसार बढ़ने के चलते हो रहा है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के मुताबिक, बच्चों, गर्भवती और सामान्य महिलाओं और पुरुषों में यह दो से लेकर नौ फीसदी तक बढ़ा है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
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गांवों में रोज़गार देने की सबसे बड़ी सरकारी योजना मनरेगा के खजाने में पैसा ख़त्म हो गया है. इस योजना का नेगेटिव नेट बैलेंस 8,686 करोड़ रुपये हो गया है और इससे 21 राज्य प्रभावित हुए हैं। इसका सीधा असर उन लाखों दिहाड़ी मजदूरों पर होगा, जिन्हें इस योजना के तहत मजदूरी मिलती है. निश्चित रूप से ऐसे वक़्त में जब ग़रीब लोगों पर लॉकडाउन की मार पड़ी है तो दिहाड़ी मज़दूरी करने वालों को अगर उनका दिन भर का पैसा भी नहीं मिला या देर से मिला तो उनके सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो जाएगा.
भारत में पत्रकारों को फर्जी मामलों में गिरफ्तारी से लेकर हत्या तक कई तरह की हिंसा झेलनी पड़ी है जिस कारण भारत में पत्रकारिता एक खतरनाक पेशा बन गया है. न्यू यॉर्क स्थित पोलीस प्रोजेक्ट ने यह निष्कर्ण एक विस्तृत अध्ययन के बाद निकाला है. इस अध्ययन में पिछले मई 2019 से लेकर इस साल अगस्त तक की घटनाओं को शामिल किया गया है. पोलीस प्रोजेक्ट ने अलग-अलग विषयों की कवरेज के दौरान हुईं घटनाओं को जमा किया है. इसके मुताबिक जम्मू कश्मीर में 51, सीएए कानून के विरोध प्रदर्शनों के दौरान 26, दिल्ली दंगों के दौरान 19 और कोविड मामलों की कवरेज के दौरान 46 घटनाएं हुईं. किसान आंदोलन के दौरान पत्रकारों के खिलाफ हिंसा की अब तक 10 घटनाएं हो चुकी हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।