प्याज के भाव स्थिर नहीं रह पाते. कभी ये डेढ़-दो रुपए प्रति किलोग्राम तो कभी इनका भाव 22 रुपए प्रति किलो तक भी पहुंच जाता है. इसकी वजह है इसका सरकारी आंकड़े का सही नहीं होना. आंकड़ों में जब प्याज की कमी बताई जाती है, तब बंपर आवक हो जाती है, जबकि व्यापारी जमीनी स्तर पर कार्य करता है, वह इसका लाभ उठा ले जाता है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के साइली चाय बागान ने सोमवार को अपना परिचालन बंद कर दिया जिसके कारण त्योहारों के पहले करीब 1,500 लोग बेरोजगार हो गए हैं. चाय बागान के कामगारों ने कहा कि प्रबंधन ने सुबह काम रोकने का नोटिस मुख्य दरवाजे पर लगा दिया. उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा के लिए बोनस लेने के लिए बातचीत चल रही थी और बातचीत चलने के बीच ही काम को रोक दिया गया.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
साल 2020-21 के लिए गन्ने की पेराई शुरू हो गई है, लेकिन किसानों ने पिछले साल चीनी मिलों को जो गन्ने बेचे थे, उसमें से अभी भी 8400 करोड़ रुपये बाकी हैं. जबकि रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में उत्तर प्रदेश की मिलों ने रिकॉर्ड 1,119.02 लाख टन गन्ने की पेराई की थी, जिसकी कुल कीमत 35,898.15 करोड़ रुपये थी। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
हरियाणा के कस्बे होडल की अनाज मंडी में धान के ढेर लगे हैं. यहां लगभग 20 दिन से धान आ रहा है, लेकिन सरकार के दावे के विपरीत यहां धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है. ऐसे में किसान सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से लगभग 33 फीसदी कम कीमत पर आढ़ती को धान बेचने को मजबूर है विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
संसद से विवादित कृषि विधेयकों के पारित होने के तुरंत बाद मोदी सरकार ने पिछले दिनों छह रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की. केंद्र का यह निर्णय देश भर के विभिन्न हिस्सों में सरकार के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच आया। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार की उस अधिसूचना को खारिज कर दिया जिसके तहत राज्य सरकार ने कोरोना संकट के नाम पर कारखानों को फैक्ट्री एक्ट, 1948 के तहत निर्धारित प्रतिदिन काम कराने के घंटे, छुट्टी देने, भुगतान करने इत्यादि प्रावधानों से छूट दे दी थी. जजों की पीठ ने कहा कि महामारी का हवाला देकर मजदूरों के सम्मान एवं उनके अधिकारों के लिए बने कानूनों को खत्म नहीं किया जा सकता है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
केंद्र के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा कराए गए एक नए सर्वे से पता चला है कि सिर्फ 38.2 प्रतिशत जनसंख्या ‘रोजगार एवं इससे संबंधित गतिविधियों’ से जुड़ी हुई है और वे इस कार्य में एक दिन में 429 मिनट बिताते हैं. हालांकि रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि रोजगार कार्यों में सिर्फ 18.4 फीसदी महिलाओं की सहभागिता है, जबकि इसमें 57.3 फीसदी पुरुष कार्यरत हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित युवती की सामूहिक बलात्कार के बाद मौत होने और कथित तौर पर परिवार की इजाजत के बिना आननफानन में पीड़िता का अंतिम संस्कार करने को लेकर राज्य की सरकार सवालों के घेरे में है.सरकार के खिलाफ एक आरोप यह भी है चूंकि पीड़िता दलित जाति की थी और आरोपी सामान्य श्रेणी के हैं, इसलिए सरकार उन्हें बचाना चाह रही है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समीति ने देशभर के किसानों, कृषि मजदूरों, व आमजनों को 25 सितम्बर के ऐतिहासिक भारत बंद व प्रतिरोध कार्यक्रमों की सफलता के लिए बधाई देते हुए आगे की लड़ाई का आह्वान किया. एआईकेएससीसी ने कहा कि इतिहास में पहली बार देश भर के किसानों ने केन्द्रीय कानून पारित होने के 5 दिन के अन्दर ऐसा विरोध आयोजित किया है। सुनने के लिए ऊपर के ऑडियो पर क्लिक करें।
देश में कोरोना वायरस के कारण कई व्यवसाय और सेवाएं ठप पड़ गई हैं. इनमें से एक कोचिंग सेंटर भी हैं. दिल्ली में लगभग 5000 रजिस्टर्ड कोचिंग सेंटर हैं, जबकि हज़ारों कोचिंग सेंटर रजिस्टर्ड नहीं हैं. ये सभी कोचिंग संचालक अब विरोध कर रहे हैं. वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि जैसे स्कूलों को खोला जा रहा है वैसे अब कोचिंग संस्थानों को भी खोला जाए.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।