वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर अभी विवाद शांत भी नहीं हुआ कि सोशल मीडिया पर एक और नई चीज सामने आ गई है. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें बेहद ही हैरतअंगेज दावे किए जा रहे हैं.वायरल पोस्ट के मुताबिक सभी प्रकार की फोन कॉल्स के साथ-साथ वॉट्सऐप, फेसबुक और ट्विटर के लिए नए संचार नियम बनाए गए हैं, जिन्हें कल से लागू किया जा रहा है. वायरल पोस्ट में ऐसी बातें कही गई हैं, जिसके लागू होने के बाद प्राइवेसी नाम की चीज ही खत्म हो जाएगी. वायरल पोस्ट में लिखा गया है कि हमारे सभी उपकरण जैसे मोबाइल फोन सरकार के प्रणाली से जुड़ जाएंगे. पोस्ट के मुताबिक नए नियम लागू होने के बाद सभी कॉल्स को रिकॉर्ड किया जाएगा और उन्हें सुरक्षित रखा जाएगा.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

कोरोनाकाल में लॉकडाउन के दौरान दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों से जब करोड़ों की संख्या में प्रवासी अपने गांव-घर पहुंचे तो कृषि क्षेत्र के अलावा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून ने बेकाम और भोजन की तलाश करने वाले लोगों के रोजमर्रा जीवन को चलाने में बड़ी भूमिका अदा की. लोगों को आम बजट में मनरेगा को और ज्यादा शक्ति और गति देने की आस थी, लेकिन बजट में मनरेगा के आवंटन ने झटका दिया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

भारत में कोरोना वायरस का कोहराम लगातार जारी है. बीते 24 घंटों में कोरोनावायरस के कुल 13052 नए मामले सामने आए हैं. शनिवार को कोविड-19 की वजह से 127 लोगों की मौत हुई तो वहीं दूसरी ओर 13965 लोग महामारी से मुक्त भी हुए. देशभर में कोरोना वायरस के कुल एक्टिव मामलों की संख्या 1,68,784 है. कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए देशभर में वैक्सीनेशन अभियान भी तेजी से चल रहा है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

जो सरकार तीन महीने से कड़कड़ाती हुई ठंड में दिल्ली की बॉर्डर पर बैठे हुए किसानों की नहीं सुन रही उल्टे उन्हें बदनाम कर पीटने के हथकंडे निकाल रही है उसके बजट से क्या उम्मीद की जा सकती है? साल 2021 - 22 का बजट पेश किया जा चुका है. बजट में भरपूर निजीकरण की बात की गई है. अब तक की सबसे बड़ी सरकारी सेल का प्रस्ताव है.बैंक से बंदरगाह और बिजली लाइनों से हाइवे तक बेचे जाने की लंबी सूची है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

सितम्बर 2020 में तीन-चौथाई जरूरतमंद गरीब परिवारों को मुफ्त राशन नहीं मिला था, जबकि वो उसके पात्र थे. यह जानकारी अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी द्वारा किए सर्वेक्षण में सामने आई है. यही नहीं सर्वे के मुताबिक जन धन खाताधारकों में से 30 फीसदी पात्र खाताधारकों को उनके खाते में सहायता राशि नहीं मिली है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

केंद्र सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 में कोरोना महामारी को शताब्दी में एक बार होने वाली त्रासदी कहकर पुकारा है. हालांकि, सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी कहा है कि लॉकडाउन के दौरान हुए देश के सबसे बड़े अंतर्राज्यीय पलायन के बारे में उनके पास कोई स्पष्ट तस्वीर नहीं है. लंबे लॉकडाउन के कारण अंतर्राज्यीय स्तर पर पलायन को विवश हुए असंगठित मजदूरों, उनके नौकरी जाने या उनके रहने के ठिकानों के खत्म होने की सरकार की जानकारी बहुत ही कम हैं. इससे पहले सरकार ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के पलायन की कुल संख्या एक करोड़ से ज्यादा बताई थी. साथ ही लॉकडाउन के दौरान मरने वाले मजदूरों की संख्या पर अनभिज्ञता भी जाहिर की थी. कोविड-19 ने देशभर में असंगठित मजदूरों को लॉकडाउन ने बुरी तरह से प्रभावित किया. इनकी संख्या अखिल भारतीय स्तर पर शहरी कामगारों में करीब 11.2 फीसदी है. लॉकडाउन के दौरान एक बड़ी संख्या में इन मजदूरों को पलायन के लिए विवश होना पड़ा. आर्थिक सर्वेक्षण 2021-2022 के मुताबिक 1 मई 2020 से अगस्त 2020 के बीच 63.19 लाख प्रवासी मजदूरों ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए यात्रा की. लॉकडाउन के कारण कितने प्रवासियों की नौकरी गई और उनका सुविधाएं खत्म हुई और उन्हें घर को लौटना पड़ा, इस मुद्दे पर सरकार को कोई जानकारी नहीं है. आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत मुफ्त अनाज वितरण आपूर्ति का प्रावधान प्रवासी मजदूरों को पहले मई-जून यानी दो महीनों के लिए किया गया. मनरेगा और ग्रामीण कल्याण रोजगार योजना के जरिए मजदूरों को रोजगार दिया गया है. साथियों, हम आपसे जानना चाहते हैं कि सरकार के इन दावों में कितना सच है? क्या वाकई आप तक रोजगार, नि:शुल्क राशन आदि पहुंचा? स्थानीय प्रशासन ने मजदूरों की मदद के लिए कितने प्रयास किए? लॉकडाउन के बाद अब मजदूरों को रोजगार मिलने में किस तरह की परेशानियां आ रही हैं? अपनी राय हमारे साथ साझा करें, फोन में नम्बर 3 दबाकर.

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि वे तीन कृषि कानूनों को खत्म करने व एमएसपी बहाल करने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखेंगे. वहीं, अब आगे की रणनीति के तहत कृषि कानूनों के खिलाफ महात्मा गांधी की शहादत दिवस 30 जनवरी को एक दिन का उपवास भी रखा जाएगा.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

गणतंत्र दिवस के मौके पर कृषि कानूनों के खिलाफ बीते दो महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकालने की योजना बनाई थी और इसके लिए दिल्ली पुलिस की तरफ से उन्हें गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर से एक सर्कुलर रूट मैप दिया गया था. यह भी तय हुआ था कि प्रदर्शनकारी दिल्ली में प्रवेश तो करेंगे लेकिन सीमाओं के पास के इलाकों में ही रहेंगे. हालांकि जब मंगलवार को परेड निकली तब ऐसा नहीं हुआ और एक प्रदर्शनकारी समूह पुलिस के लाठीचार्ज और आंसू गैस का सामना करता हुआ आईटीओ होते हुए लाल किले तक पहुंच गया.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें अदालत ने यौन उत्पीड़न के एक मामले में आरोपी को पॉक्सो मामले से बरी कर दिया था. बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि त्वचा से त्वचा का संपर्क हुए बिना नाबालिग बच्ची की छाती छूना यौन उत्पीड़न नहीं कहा जा सकता है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाला गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम की ताजा रिपोर्ट से पता चला है कि कोरोना वायरस महामारी ने भारत और दुनियाभर में मौजूदा असमानताओं को और गहरा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, द इनइक्वैलिटी वायरस नाम की इस रिपोर्ट से पता चला है कि कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था की रफ्तार थम गई हैए बड़ी संख्या में गरीब भारतीय बेरोजगार हो गए हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।