Transcript Unavailable.

लॉक डाउन के दौरान केंद्रीय सरकार द्वारा कई काम, संस्थान और प्रतिष्ठानों को छूट दी गई है। इस सूची में कई व्यवसाय और आजीविका का जिक्र है। क्या इन कामों में आप दोबारा से जुड़ पाए है ?क्या कार्यक्षेत्र में आपको सुरक्षा के साधन उपलब्ध करवाए गए है ?क्या काम जाने के दौरान आपको किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ?

केंद्रीय सरकार के निर्देशों के अनुसार इस लॉक डाउन लॉक डाउन के दौरान भी ऐसे कई कार्य है जिन्हे जारी रखने का आदेश है। लेकिन कई और परिशानियों के साथ कही न कही मन में ये सवाल भी आता है कि बाहर जाकर काम करने से क्या हम और हमारे परिवार सुरक्षित रह पाएंगे।इस विषय पर आपकी क्या राय है?

कोरोना वायरस के बारे में कई सारे वहम और गलतफ़ेमियों में से एक यह भी है की यह मास, मछली, अंडा खाने, यहाँ तक कि दूध पीने से फैलता है। जबकि यह बात सच नहीं है। लेकिन इस वहम के चलते जिन परिवारों की आजीविका मास, मछली, अंडा या दूध बेचना है, उन परिवारों का भारी व्यावसायिक नुकसान हुआ है। आपका इस विषय पर क्या अनुभव है?

Transcript Unavailable.

साथियों, क्या आपको पता है कि यदि आप सब्जी विक्रेता हैं या आपकी फार्चून की दुकान है या फिर आप कृषि सामग्री बेचते हैं तो सरकारी निर्देशों के अनुसार आप इस लॉक डाउन के दौरान अपना दुकान खुला रख सकते हैं। क्या आपके क्षेत्र में सरकारी निर्देशों का पालन हो रहा है या पुलिस प्रशासन द्वारा दुकान खोलने से माना किया जाता है। अपनी बात हम तक जरूर पहुचाएं।

हाथो में लाठी हैं,मजबूत उसकी कद-काठी हैं। हर बाधा वो कर देता हैं दूर ,दुनिया उसे कहती हैं मजदूर। श्रोताओ मोबाइल वाणी की तरफ से आप सभी को मजदूर दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

साथियों, इस लॉक डाउन की स्थिति में कई किसान भाइयों ने अपनी समस्याओं का खुलासा किया है। क्या आपको भी लॉक डाउन के कारण तरह-तरफ की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अपनी बात हम तक जरूर पहुचाएं। साथ ही यदि आप अपनी परेशानियों से निपटने का कोई उपाय ढूंढ निकाला है तो बाकी किसान भाइयों को जरूर बताएं।

कोरोना वायरस ने न सिर्फ रोज़ी रोटी और सेहत पर वार किया है बल्कि इसके कारण रिश्तों में भी कड़वाहट घुल रही है। लेकिन इस कड़वाहट को दूर करने का रास्ता खुद हमारे पास है। महिला, पुरुष, बच्चे, बुज़ुर्ग सब परेशान हैं। पर क्या परेशानियों और चिंताओं से मन भटका कर हम अपने रिश्तों को और मज़बूत नहीं कर सकते। आप को अपने आस पास किस तरह की स्थिति देखने को मिल रहे है?क्या इस तनाव के समय में पुरुष और महिला दोनों मिलकर घर की ज़िम्मेदारी उठा रहे है या फिर महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ती जा रही है?

कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉक डाउन कई लोग अपनी मूल बहुत जरूरतों को पूरा करने के लिए जूझ रहे हैं। ऐसी लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है। ऐसे ही जरूरतमंद लोगों तक खाना मुहैया कराने के लिए झारखण्ड सरकार ने कई साड़ी पहल की है। जिसमें से एक है ,आकस्मिक राहत पैकेट का आबंटन। जिसमें दो किलो छुड़ा के साथ 500 ग्राम चना और 500 ग्राम गुड़ का आबंटन किया जा रहा है।