किसी भी समाज की संस्कृति होती है जो पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ती है। किसी भी समाज या राज्य में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। राज्य के द्वारा सभी को अपनी संस्कृति का विकास करने की छूट होती है। आज की कड़ी में समाजशास्त्र के शिक्षक पप्पू कुमार राय विस्तारपूर्वक बता रहे है ' सांस्कृतिक परिवर्तन,संस्कृतिकरण एवं पंथ निर्पेक्षिकरण ' के बारे में। सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर ..