टिपि-टिप दीदी बताती हैं कि एनीमिया शरीर में खून की कमी होने के कारण होता है।इससे बचने के लिए लोगों को अपने खान पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
टिपि-टिप दीदी बताती हैं कि सरकार द्वारा किशोर किशोरियों के लिए बहुत ही कमाल की योजना निकाली है जिसका नाम है - कस्तूरबा गाँधी बालिका विधालय,किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना, मध्यान भोजन योजना इत्यादि।
टीटी टीप दीदी बताती हैं कि माहवारी के दौरान शरीर की सफाई करना बहुत जरुरी है। इसके लिए सभी किशोरियां माहवारी के दिनों सेनेटरी पेड का ही इस्तेमाल करना चाहिए। यदि किशोरी कपडे का इस्तेमाल करती है तो यह जरूर ध्यान रखे की कपडा नरम और सूती होना चाहिए।
टीटी टीप दीदी बताती हैं कि माहवारी के दौरान लड़कियों एवं महिलाओं के निजी अंगो में ख़ारिज तथा लाल-लाल दाने हो जाते हैं। यह सब माहवारी के दौरान निजी अंगों को साफ़ नहीं रखने के कारण होता है।
टिपि -टिप दीदी बता रही हैं की वो कौन से लक्षण है, जिनसे यह पता चलता है की माहवारी आने वाली है। जानने के लिए इस ऑडियो में क्लिक करें।
टिपि -टिप दीदी बता रही हैं कि महिलाओं एवं लड़कियों को जब माहवारी आता है तो उन दिनों लोगो की क्या रूढ़िवादी यानि पुराणी सोच है। जानने के लिए इस ऑडियो में क्लिक करें।
टिपि -टिप दीदी बता रही हैं कि जब लड़की किशोरावस्र्था में आती हैं तो उन्हें माहवारी आना शुरू हो जाता है। जो लड़कियों में यौन परिपखता की निशानी है।
Answer of Query ID - (1831476) किशोरावस्था में जब माहवारी की शुरूआत होती है तब कुछ सालों में माहवारी चक्र में अनियमितता रह सकती है। किसी किशोरी को एक वर्ष में तीन या चार माहवारी हो सकती है, यह रूक-रूक कर आ सकती है या अत्याधिक मात्रा में हो सकती है जिसमें खून के स्त्राव में अधिक मात्रा में खून के थक्के निकलते हैं और एक घण्टे में ही पैड या कपड़ा पूरी तरह से भीग जाता है। यह दोनों परिस्थितियाँ माहवारी की शुरूआत में सामान्य होती हैं और शरीर में हार्मोन के असंतुलन के कारण होती हैं। यदि ऐसा नियमित रूप से होता है और किशोरी का शरीर कमजोर या थक जाता हो तो ऐसी स्थिति में तुरन्त डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
Answer of Query ID - (1831108) माहवारी के समय गर्भाशय की परत को बाहर धकेलने के लिए गर्भाशय में सिकुड़न होती है जिसके कारण गर्भाशय निचोड़ने लगता है। इस प्रक्रिया के कारण पेट के निचले भाग/पेड़ू में दर्द होता है। यह दर्द कुछ हद तक इन तरीकों से दूर किया जा सकता है जैसे - खाने में कम नमक, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन, फल खाना जो कम मीठे हों, रेशेदार फल एवं सब्जियाँ खाना। यदि दर्द असहनीय हो तो डॉक्टर की सलाह लेकर दवाई ली जा सकती है। गरम पानी से नहाने से, गरम पानी/पेय (जैसे चाय) पीने से और हल्का व्यायाम करने से भी दर्द कम हो सकता है। यदि जरूरी हो तो आराम करें।
Answer of Query ID - (1805394) माहवारी लड़कियों में यौन परिपक्वता की शुरूआत की निशानी है। यह एक सामान्य जैविकीय प्रक्रिया है। यह आमतौर पर तब शुरू होती है जब शारीरिक विकास अपने चरम पर होता है। यह प्रक्रिया लड़की को भविष्य में माँ बनने के लिए तैयार करती है। माहवारी शुरू होने का मतलब है कि लड़की अब माँ बन सकती है। हर महीने किशोरियों के अण्डकोष में एक अण्डा (डिम्ब) परिपक्व होकर तैयार हो जाता है। बच्चेदानी की भीतरी परत भी मोटी हो जाती है/तैयार हो जाती है। जब पुरूष शुक्राणु से अण्डे का मेल नहीं होता तो अण्डा और गर्भाशय की भीतरी परत माहवारी के रूप में शरीर से बाहर आ जाती है। यह मासिक चक्र हर 28 से 30 दिन की अवधि में होता है। माहवारी आमतौर पर 4 से 5 या 7 दिनों तक होती है।