दोस्तों, जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चलने वाला एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है. जिसका उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देते हुए मातृ एवं नवजात मृत्यु दर को कम करना है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

अगर अभी तक आप कोरोना टीका लेने से घबरा रहे हैं तो देर मत कीजिए.... जल्दी से किसी डाॅक्टर, आशा कार्यकर्ता या फिर स्वास्थ्य कर्मचारी की सलाह लें... ना कि सोशल मीडिया या फिर इधर-उधर से सुनी सुनाई बातों पर विश्वास करें. साथ ही हमें बताएं कि आप कैसे कोरोना टीके से जुडे मिथकों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं? क्या इस काम में आपको प्रशासन की ओर से कोई मदद मिल रही है? और अगर आप कोरोना का टीका लगवा चुके हैं तो अपना अनुभव हमारे साथ साझा करें. अपनी बात रिकाॅर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

दोस्तों,कोविड का टीका हर तरह के परीक्षण के बाद तैयार किया है और फिर आम नागरिकों तक पहुंचा है. असल में कोरोना का टीका शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है. इससे शरीर को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता. टीके के प्रभाव से कुछ लोगों को हल्का बुखार या फिर टीका लगने वाले स्थान पर दर्द हो सकता है लेकिन यह क्षणिक है. यानि एक दो दिन में खुद ठीक हो जाता है. इससे ना तो माहवरी बंद होती है ना ही उस दौरान दर्द होने जैसी कोई समस्या आती है. और ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें .

दोस्तों, हम पुरानी परम्परा रही है कि किसी भी नवजात शिशु को 6 दिन तक किसी अन्य व्यक्ति के हाथ में नहीं दिया जाता. ताकि गंदे हाथों की वजह से उसे संक्रमण न हो जाए. साथ ही लोगों को हिदायत दी जाती है कि बच्चे को गोद में लेने से पहले हाथ जरुर साबुन से साफ करें. पर कई बार देखा जाता है कि लोग इस नसीहत को गंभीरता से नहीं लेते. कोरोना के दौरान भी तो यही हुआ...! घर की महिलाओं और नवजात शिशुओं की मांओं के लिए हाथ धोना क्यों जरूरी है, इस बारे में आज राजू और पंकज के साथ साथ आप भी जान लें...!

दोस्तों, 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को कोरोना का टिका लगना शुरू हो गया है। लेकिन क्या हमारे आसपास के लोग इसके बारे में जागरूक है। सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

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दोस्तों, कोविड बचाव का टीका गर्भवती महिलाओं और उनके शिशुओं पर कोई बुरा असर नहीं डालता. बल्कि ये तो आपकी कोरोना से रक्षा करेगा. आशा दीदी तो खुद घर—घर जाकर गर्भवती महिलाओं को ये टीका लगवाने की सलाह दे रहीं हैं. गर्भवती महिलाएं प्रसव के तत्काल बाद कोविड बचाव टीका लगवा सकती हैं. जब भी टीका लगता है तो कुछ लोगों को हल्का बुखार, बदन दर्द होता है, लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए. इससे आपको या बच्चे को कुछ नहीं होगा. ये सारी तकलीफ कुछ देर में ठीक हो जाती है. और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

अगर आपको प्रधानमंत्री उज्जवला योजना से संबंधित और जानकारी चाहिए या फिर कोई सवाल और शिकायतें हैं तो आप हेल्पलाइन नंबर 1906 और 18002333555 पर कॉल कर सकते हैं. दोस्तों, आप भी इस योजना का लाभ जरूर लें और अगर पहले से ही प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का लाभ ले रहे हैं तो अपना अनुभव बताएं. हमें बताएं कि आपको योजना का लाभ कैसे मिला? और किस तरह की दिक्कतें आईं? साथ ही ये भी बताएं कि क्या आपको नि:शुल्क सिंलेंडर मिल रहें हैं या फिर सरकार की ओर से सब्सिडी राशि मिलने में देरी हो रही है? क्या इस देरी के कारण आपने सिलेंडर खरीदना बंद कर दिया है?

दोस्तों, हमारे आपके बीच ऐसी महिलाओं के बहुत से उदाहरण हैं, पर उन पर गौर नहीं किया जाता. अगर आपने गौर किया है तो हमें जरूर बताएं. साथ ही वे महिलाएं आगे आएं जो घंटों पानी भरने और ढोने का काम करती हैं. उनका अपना अनुभव कैसा है? वे अपने जीवन के बारे में क्या सोचती हैं? क्या इस काम के कारण उनका जीवन नरक बन रहा है? क्या वे परिवार में पानी की आपूर्ति के चक्कर में अपना आत्मसम्मान खो रही हैं? क्या कभी ऐसा कोई वाक्या हुआ जहां पानी के बदले उनसे बदसलूकी की गई हो, रास्ते में किसी तरह की दुर्घटना हुई हो या फिर किसी तरह के अपशब्द अपमान सहना पडा?

दोस्तों, राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट के अनुसार एक महिला अभी भी 2.5 किमी तक पैदल चलकर जाती हैं ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अपने परिवार के लिए पीने का पानी लाने में औसतन दिन में 3-4 घंटे खर्च करती हैं, यानि अपने पूरे जीवन काल में 20 लाख घंटों से भी ज्यादा. क्या आपको ये बातें पता है ? और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें ...