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साथियों , पंचायत समिति विकास खंड स्तर पर त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की एक महत्वपूर्ण कड़ी है जो ग्राम पंचायत और जिला पंचायत के बीच एक सम्वन्यक की भूमिका अदा करती है। तो आप हमें बताएं कि - क्या आप अपनी पंचायत समिति के बारे में जानते है? - क्या कभी किसी ग्रामसभा या पंचायत में जन सुनवाई के दौरान आपके पंचायत समिति के प्रमुख भाग लेते है और आप की बातों पर गौर कर पंचायत को निर्देश देते है? - आपके हिसाब से पंचायत समिति या प्रमुख की क्या भूमिका होनी चाहिए ? - और क्या आपकी बात वहां सुनी जाती है ? - और मुखिया या सरपंच पर योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए पंचायत समिति किस प्रकार से दबाब बना सकती है .साथ ही प्रखंड के अधिकारी कैसे जिम्मेदारियों को सुनिश्चित कर सकते है इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन।

तो साथियों , सुना आपने। पंचायतों में समितियों का कितना महत्व व आवश्यकता है। तो आप हमें बताएं कि - क्या आप अपनी पंचायत में होने वाले कार्यो के बारे में जानते है या उसकी योजना बनाते समय आपकी राय ली जाती है? - साथ ही अगर आपके गाँव में तालाब सिचाईं के लिए सुविधा नहीं है तो क्या आपने अपने ग्राम पंचायत से इसकी मांग की ? - और आपके मुखिया में क्या क्या गुण होने चाहिए ? और अगर मुखिया के चुनाव देरी होती है तो आपको कैसी परेशानी होगी ?क्या आप सरकारी बाबुओं के सामने अपनी बात खुल कर रख पाते है ? साथ ऐसा क्या करना चाहिए की पंचायत चुनाव सही समय पर हो ?

साथियों , गॉँवों में शिक्षा की कमी एवं गरीबी के कारण आये दिन कोई-न-कोई विवाद हुआ करते हैं एवं ग्राम वासी जटिल कानूनी प्रक्रिया के चक्कर मं फॅँस जाते हैं एवं बाद में चाहते हुए भी आपस में समझौता न कर पाते है। इसलिए इन मुद्दों को ध्यान में रखकर सर्वप्रथम यह प्रावधान किया गया कि किसी भी मुद्दे या विवाद को सामने आने पर ग्राम कचहरी का दायित्व होगा कि पक्षकारें के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण तैयार कर समझौता कराए ताकि ग्राम वासियों की मेहनत की कमाई का पैसा उनके विकास पर खर्च हो न कि कानून की जटिल प्रक्रियाओं पर। तो आप हमें बताएं कि — आप ग्राम कचहरी के बारे में क्या जानते हैं? — क्या आपके गांव में कचहरी लगती है और आपने उसमें कभी हिस्सा लिया है? — क्या आपने वहां प्रकरणों का निपटारा होते देखा है? अगर हां तो अपना अनुवभ हमारे साथ साझा करें. — अगर आपने ग्राम कचहरी में कोई सवाल पूछा हो और उसका जवाब मिला हो तो उसके बारे में बताएं? — आपके हिसाब से ग्राम कचहरी की जरूरत है या नहीं? क्या इनके होने से ग्रामीणों को फायदा मिलता है? . इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन।

साथियों , आसान भाषा में कहें तो मुखिया का पद बहुत ही महत्वपूर्ण और जिम्मेदारियों वाला है। यदि ग्राम पंचायत किसी गाँव के विकास के लिए रीढ़ की हड्डी है, तो सरपंच या गाँव का मुखिया उस रीढ़ की हड्डी को अपने अच्छे कामों से मज़बूती देता है। तो आप हमें बताएं कि -- क्या आपके गाँव का मुखिया अपने पंचायत में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बिना किसी भेदभाव के करवा रहा है ? -- क्या आपके गांव में ग्राम सभा की बैठक होती है ? अगर हां तो अपना अनुभव साझा करें -- क्या आपको कभी ये महसूस होता है कि ग्राम प्रधान को उसके पद से हटाया जाना उचित है ? और इसके लिए क्या आपने अपने गाँव के लोगो के साथ बैठक की ? --- साथ ही इस बैठक में आपको अन्य सदस्यों का किस प्रकार साथ मिला ? इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन।

साथियों , ग्राम पंचायतों में विकास कार्य की जिम्मेदारी प्रधान और पंचों की होती है। इसके लिए हर पांच साल में ग्राम प्रधान का चुनाव होता है. क्योकि अगर पंचायत स्तर पर काम होगा तो देश आगे बढ़ेगा। दोस्तों, आप हमें बताएं कि क्या आपकी पंचायत में मुखिया या प्रधान द्वारा कौन कौन से कार्य किये जाते है ? या आपके गांव में प्रधान की तरफ से कौन—कौन से काम किए जा रहे हैं? क्या आप जानते हैं कि ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी क्या होती है?साथही आप अपने किन कामों के लिए ग्राम प्रधान पर निर्भर हैं ? औरक्या ग्राम प्रधान की ओर से आपको सूचित किया गया है कि वे गांव के किन कामों के लिए उत्तरदायी हैं?

साथियों , मुखिया या प्रधान का पद बहुत ही महत्वपूर्ण और जिम्मेदारियों वाला है। यदि ग्राम पंचायत किसी गाँव के विकास के लिए रीढ़ की हड्डी है, तो मुखिया या प्रधान उस रीढ़ की हड्डी को अपने अच्छे कामों से मज़बूती देता है। तो दोस्तों, आप हमें बताएं कि क्या आपकी पंचायत में महिलाओ की भागीदारी पंचायत चुनाव में है ? साथ ही आपके हिसाब से पंचायत चुनाव में महिलाओं की भागीदारी क्यों होनी चाहिए? और क्या पंचायत चुनाव में महिलाओ की भागीदारी होने से समाज में कुछ फ़र्क़ पड़ेगा? इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन।

तो साथियों, अब तक आप जान गए होंगे कि गाँव के विकास के लिए पंचायतों में समितियों के साथ साथ खुद जागरूक रहना भी बहुत ही आवश्यक है । और हम अपनी भूमिका को बेहतर ढंग से निभाकर स्थानीय स्वशासन की जड़ें भी मज़बूत कर सकते है । तो आप हमें बताएं कि क्या आपके गाँव में स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना की स्थिति ठीक है साथ ही क्या आपके यहाँ स्वास्थ्य केंद्र सही ढंग से चल रहे है ? क्या आप अपने गांव की समितियों के बारे में जानते है और इन समितियों की बैठक में क्या आप शामिल होते है ? इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन।

देश में तमाम अस्थिरताओं के बाद भी चुनाव की प्रक्रिया जारी है. हाल ही में हमनें बिहार चुनाव देखे हैं. पश्चिम बंगाल में भी चुनाव की तैयारियां हैं पर इन सबमें खास है पंचायत चुनाव. जो बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में होने वाले हैं. पंचायत चुनाव इस बार इसलिए भी खास है क्योंकि कोरोना काल में बहुत से ग्रामीण वापिस अपने गांव पहुंचे हैं. उनके सामने राशन, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और अधिकार के मसले हैं. इसलिए जनता अपने मुखिया का चुनाव बहुत सोच समझकर करना चाहती है. आगामी पंचायत चुनाव और मुखिया के लिए ग्रामीण जनता के क्या विचार हैं? आइए जानते हैं...

क्या आप राजनीति को अपने जीवन अभिलाषा के रूप में देखते हैं? क्या आप राजनीति को संविधानिक मूल्यों से जोड़कर देखते हैं? क्या आप राजनीति से समावेशी बदलाव लाना चाहते हैं? क्या आप चुनावी राजनीति की दिशा और दशा बदलना चाहते हैं? क्या आप पंचायती चुनाव में भागीदारी करना चाहते हैं और पैसों की बजाय मुद्दों पर जीतना चाहते हैं? इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन ।