जब से कोरोना की शुरूआत हुई है तब से अफवाहों का नया बाजार गर्म है. इसके बाद जैसे ही वैक्सीन का निर्माण हुआ, उससे संबंधित अफवाहें फैलना शुरू हो गईं. नतीजा इस चक्कर में कई लोगों ने खुद को कोविड होने की जानकारी छिपाकर रखी और संक्रमण फैलता गया. भ्रम फैलाने वालों ने एक बार फिर लोगों को डराने के लिए मैसेज वायरल किया है. जिसमें दावा किया गया है कि अगर कोई कोविड वैक्सीन नहीं लगवाता है तो सरकार उसके घर की बिजली काट लेगी! लेकिन पीआईबी ने इस दावे को गलत करार दिया है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

करीब 23 संगठनों और लगभग 500 प्रमुख व्यक्तियों ने आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने के कदम की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि यह एक ‘खराब विचार, अतार्किक और अनावश्यक कदम’ है, जो भारत के चुनावी लोकतांत्रिक ढांचे को नुकसान पहुंचा सकता है. चुनाव आयोग का दावा है कि ऐसा करके ‘फर्जी वोटरों’ को मतदाता सूची से बाहर किया जा सकेगा विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

एक सर्वेक्षण के मुताबिक निर्माण, विनिर्माण और आईटी/बीपीओ सहित नौ चुनिंदा क्षेत्रों में 2021-22 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान 3.08 करोड़ रोजगार के मौके रहे, जो 2013-14 की आर्थिक गणना में पाए गए 2.37 करोड़ मौकों के मुकाबले 29 प्रतिशत बढ़ोतरी को दर्शाता है. श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को श्रम ब्यूरो द्वारा अखिल भारतीय त्रैमासिक प्रतिष्ठान आधारित रोजगार सर्वेक्षण के तहत तैयार तिमाही रोजगार सर्वेक्षण भाग की रिपोर्ट को जारी किया.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया-भर में मात्र आधे श्रमिकों के पास ही उनकी शिक्षा के स्तर के अनुरूप नौकरियों की उपलब्धता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ी संख्या में लोग ऐसी नौकरियों में कार्यरत हैं जो उनके शिक्षा के स्तर से मेल नहीं खाती हैं. इस रिपोर्ट को 130 से अधिक देशों में कार्यरत सभी श्रमिकों की शिक्षा और व्यवसायों के स्तर पर श्रम बल सर्वेक्षण डेटा की मदद से संकलित किया गया है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

महज 12500 रुपये दे कर आप करोड़पति बन सकते हैं. ऐसे मैसेज आपके मोबाइल पर अगर आएं तो तुरंत अलर्ट हो जाएं. जालसाज लोगों को ठगने के लिए सरकारी संगठनों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. पीआईबी ने अगाह करते हुए ट्वीट किया है कि ऐसे अनुमोदन पत्रों या योजनाओं के झांसे में न आएं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार की राजधानी पटना से 200 किलोमीटर दूर मधुबनी जिला के झंझारपुर अनुमंडल में स्थित सुखैत गांव में कुल 104 परिवार हैं. इस गांव में दो परिवारों को छोड़कर सभी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले हैं. आजीविका के लिए महानगरों में अनौपचारिक श्रम पर मजबूर इस गांव के घरों में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत मिलने वाले गैस सिलेंडर खाली रखे हैं और घरों से चूल्हे का धुंआ एक बार फिर उठने लगा है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कोरोना वायरस के खतरे के बीच डेंगू देश में पैर पसार रहा है... लगातार डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच एक मैसेज वायरल किया जा रहा है. इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि अगर नारियल के तेल से पैरों पर मालिश की गई, तो डेंगू से बचा सकता है... साथ ही नारियल का तेल मच्छर के एक डंक पर भारी है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

पीएमकेयर्स फंड की मार्च 2020 में एक पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में स्थापना की गई थी. तब से इसे स्थापित करने के उद्देश्य और इसके संचालन में पारदर्शिता की कमी को लेकर विवाद चल रहा है. कई लोगों ने सूचना के अधिकार के तहत आरटीआई आवेदन दे कर इसके बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की, लेकिन पूरी तस्वीर अभी तक सामने नहीं आई है. इसके बाद लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

अनौपचारिक श्रम बल के लिए अति विलंबित राष्ट्रीय डेटाबेस की शुरुआत के तीन हफ्ते से अधिक समय हो गया है तो केंद्र अपने इस पंजीकरण पोर्टल-ई-श्रम की तरफ कामगारों के "काफी ध्यान" दिए जाने को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहा है. हालांकि, ट्रेड यूनियनों एवं कामगारों के समूहों का कहना है कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों को पोर्टल में रुकावट और उसकी धीमी रफ्तार की गड़बड़ियों के साथ-साथ अनेक अन्य परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सरकार को साल 2022 में देश को किसानों की आय को 2015-2016 की आय से दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल करना है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 77वें दौर के ‘परिवारों की भूमि व पशुधन संपत्ति और खेती पर निर्भर परिवारों की स्थिति का आकलन’ नामक रिपोर्ट से कुछ संकेत मिलते हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।