आजकल एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत नौकरियां, लैपटॉप और मोबाइल फोन दे रही है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
ग्वालियर-चंबल अंचल के भिंड, मुरैना और ग्वालियर जिले का लगभग हर किसान डीएपी खाद की अनुपलब्धता से परेशान है. मध्य प्रदेश में सर्वाधिक सरसों उत्पादन भिंड और मुरैना जिलों में ही होता है. अक्टूबर माह में रबी सीजन आते ही सरसों की बुवाई शुरू हो चुकी है, जिसके लिए किसानों को बड़े पैमाने पर डीएपी खाद की जरूरत है. लेकिन सरकारी मंडियों से लेकर, सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं के यहां बार-बार चक्कर काटने के बावजूद भी किसानों को खाद नहीं मिल रही है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
फेसबुक, WhatsApp या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आजकल फेक न्यूज की बाढ़ आ गई है. मोदी सरकार की योजनाओं के नाम पर आजकल फ्री रिचार्ज से लेकर बेरोजगारी भत्ता तक मिलने की खबर वायरल हो रही है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध करने का अधिकार है लेकिन वे अनिश्चितकाल के लिए सड़क अवरुद्ध नहीं कर सकते. कोर्ट ने कहा कि किसानों को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन वे अनिश्चितकाल के लिए सड़क अवरुद्ध नहीं कर सकते. आप जिस तरीके से चाहें विरोध कर सकते हैं लेकिन सड़कों को इस तरह अवरुद्ध नहीं कर सकते.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा हाल ही में किए एक शोध से पता चला है कि जिस तरह से कीटनाशकों का अनियंत्रित तरीके से उपयोग बढ़ रहा है उसकी वजह से सी-सेक्शन यानी सिजेरियन डिलीवरी का खतरा बढ़ सकता है. इसके लिए शोधकर्ताओं ने कोशिकाओं को होने वाली क्षति के कारण जन्म के समय जटिलताओं में होने वाली वृद्धि को जिम्मेवार माना है. यही नहीं इन कीटनाशकों के कारण बच्चे का जन्म समय से पहले हो सकता है साथ ही जन्म के समय बच्चे का वजन सामान्य से कम हो सकता है. विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
भारत फसल का अवशेष जलाने से जुड़े उत्सर्जन के मामले में दुनिया में शीर्ष स्थान पर है. जलवायु प्रौद्योगिकी स्टार्टअप ब्लू स्काई एनालिटिक्स द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत, 2015 से 2020 की अवधि के दौरान कुल वैश्विक उत्सर्जन के 13 फीसदी हिस्से के लिए जिम्मेदार है. ब्लू स्काई एनालिटिक्स की स्थापना भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के एक पूर्व छात्र ने की है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
कोरोनावायरस की तीसरी लहर की संभावना और त्योहारी सीजन के बीच वायरल हो रही एक खबर ने लोगों को परेशान कर दिया है. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी होने की वजह से कल सुबह से देशभर में लॉकडाउन लगाया जाएगा.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
प्रकृति ने फिर से अपना ग़ुस्सा दिखाना शुरू कर दिया है. अभी चार दिन पहले जिस दिन मौसम विज्ञान विभाग ने भविष्यवाणी की थी कि दक्षिण पश्चिम मानसून लौट चला है, उसी दिन केरल में बाढ़ ने तबाही मचा दी. कई लोग मारे गए और बहुत से लोग बेघर हो गए. दशहरे के अगले रोज़ दिल्ली में मानसून सक्रिय हो गया और जुलाई-अगस्त की याद दिला दी. इस बारिश के चलते अचानक सब्ज़ियों के दाम बढ़ गए हैं. हर वर्ष जाड़ा शुरू होते ही सब्ज़ियों के दाम गिरने लगते थे किंतु इस वर्ष प्याज़ और टमाटर अस्सी रुपए पार कर गए हैं. खाने के तेल और दालें पहले से ही पहुँच के बाहर हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
इंटरनेट पर भ्रामक खबरों के जरिए लोगों को बरगलाया जाता है. लोगों को तरह तरह के प्रलोभन देकर अपनी वेबसाइट का प्रचार भी लोग करते हैं. बेरोजगारों को हर महीने 3500 रुपये देने की एक योजना का मैसेज इस समय जमकर वायरल किया जा रहा है. केंद्र की योजना बताकर इस मैसेज को सर्कुलेट किया जा रहा है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
भारत 116 देशों के वैश्विक भूख सूचकांक 2021 में 101वें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि साल 2020 में देश 94वें स्थान पर था. भारत अब अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से पीछे है. यह रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार ने कहा कि यह हैरान कर देने वाला है कि वैश्विक भूख सूचकांक में भारत की रैंक और घटी है. साथ ही सरकार ने रैंकिंग के लिए इस्तेमाल की गई पद्धति को ‘अवैज्ञानिक’ बताया. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि यह ‘चौंकाने वाला’ है कि वैश्विक भूख रिपोर्ट 2021 ने कुपोषित आबादी के अनुपात पर फूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाईजेशन के अनुमान के आधार पर भारत के रैंक को कम कर दिया है .विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।