कोरोना महामारी के चलते आय घटने और महंगाई के कारण पिछले साल भारत में लोगों ने खान-पान में कटौती की है. वैश्विक उपभोक्ता रिसर्च फर्म केंटर वर्ल्डपैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में देश में रोजाना इस्तेमाल होने वाली ग्रॉसरी और आवश्यक वस्तुओं की खपत स्थिर रही है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

शिक्षा के अधिकार फोरम ने आम बजट 2022-23 को लेकर कहा है कि यह आरटीई कानून की अनदेखी करने वाला, शिक्षा में गैरबराबरी को बढ़ाने वाला और निजीकरण की राह खोलने वाला बजट है. फोरम के मुताबिक, बजट के डिजिटल लर्निंग और ई-विद्या संबंधी प्रस्ताव निराशाजनक हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

केंद्र सरकार की ओर से फ्री लैपटॉप वितरण योजना चलाई जा रही थी, जिसमें युवाओं को फ्री लैपटॉप दिए जाते हैं. इसी योजना को लेकर सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार 10वीं पास युवाओं को फ्री लैपटॉप दे रही है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना तीन साल पहले बड़े शोर-शराबे के साथ इस मकसद से शुरू हुई थी कि देश की बड़ी आबादी को मुफ्त बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी, लेकिन एक मीडिया रिपोर्ट बताती है कि तीन सालों में इस योजना के तहत 50 फीसदी हित धारकों के भी आयुष्मान कार्ड नहीं बन सके हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

कोरोना महामारी के चलते सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन यानि सीबीएसई द्वारा 10वीं-12वीं कक्षा के बोर्ड एग्जाम दो टर्म में आयोजित किए जा रहे हैं. सीबीएसई टर्म-1 के एग्जाम नवंबर-दिसंबर 2021 में करा चुका है. उसका रिजल्ट आना बाकी हैं। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

भ्रष्टाचार के मामले में भारत, भूटान के बाद दक्षिण एशिया का दूसरा सबसे साफ-सुथरी छवि वाला देश है, जिसे हाल ही में जारी करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2021 में 180 देशों की सूची में 85वें स्थान पर रखा गया है. इस इंडेक्स में भारत को कुल 40 अंक दिए गए हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

बजट से एक दिन पहले सोमवार को लोकसभा में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में केंद्र सरकार ने शिक्षा पर कोविड-19 के प्रभाव के संबंध में सरकारी आंकड़ों में कमी को स्वीकार किया, विशेष रूप से देश के उन 25 करोड़ स्कूली बच्चों के संबंध में, जो लगभग दो सालों से स्कूल नहीं जा पाए हैं. वित्त मंत्रालय ने वार्षिक सर्वेक्षण में कहा, बार-बार लगाए गए लॉकडाउन का शिक्षा क्षेत्र पर काफी प्रभाव पड़ा है और इसके वास्तविक प्रभाव को आंकना मुश्किल है क्योंकि इसके लिए उपलब्ध व्यापक आधिकारिक आंकड़े 2019-2020 से पहले के हैं. विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने देश का बजट 2021-22 संसद में पेश किया. लॉकडाउन और भूखमरी की मार झेल रहा देश का मेहनतकश-मजदूर इस आशा में था कि शायद उन्हें कुछ अच्छा मिलेगा. अर्थशास्त्रियों के मुताबिक युवाओं में बेरोज़गारी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है—20-24 वर्श के युवाओं में से लगभग एक-तिहाई (30%) बेरोज़गार है .विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सोशल मीडिया पर एक अप्रूवल लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पंप लगाने की बात कही गई है. इसमें फीस के तौर पर 10,600 रुपए भी मांगे गए हैं. पीआईबी फैक्ट चेक ने इसको लेकर बताया है कि ये लेटर फर्जी है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

स्वास्थ्य क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले नागरिकों को केंद्रीय बजट में बड़ी घोषणाएं होने की आशा थी, हालांकि उनकी ऐसा नहीं हुआ क्योंकि बजट घोषणा में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर और रिसर्च का कोई जिक्र भी नहीं हुआ. केवल एक ही नई योजना की घोषणा हुई। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।