देश के चार राज्यों में बारिश की कमी के चलते खरीफ की बुआई बुरी तरह प्रभावित होने के बावजूद आखिर क्यों राज्य सरकारें सूखे की घोषणा करने से कतरा रही हैं? हालांकि आठ सितंबर 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी जिलों में सूखे की स्थिति का सर्वे करने का निर्देश दिया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
द लैंसेट रीजनल हेल्थ-साउथ ईस्ट एशिया में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चला है कि 2019 में भारत के निजी क्षेत्र में उपयोग किए जाने वाले 47.1 प्रतिशत एंटीबायोटिक बिना स्वीकृति या अनअप्रूव्ड एंटीबायोटिक फॉर्मूलेशन थे।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
सोशल मीडिया में इस समय एक खबर तेजी से वायरल हो रही है । जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देशभर के युवाओं को एक योजना के तहत हर महीने 3400 रुपये देगी । वायरल मैसेज में यह भी दावा किया जा रहा है कि इस योजना के लाभ उठाने के लिए युवाओं को पहले पंजीकरण कराना होगा ।
खरीफ सीजन की बुआई का समय लगभग समाप्त हो गया है, लेकिन अभी भी पिछले साल के मुकाबले लगभग 22.90 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई नहीं हो पाई है। वहीं दलहन की बुआई भी पिछड़ी हुई है। सबसे अधिक प्रभावित राज्य झारखंड है। झारखंड में पिछले साल सितंबर के पहले सप्ताह तक 17.58 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई थी, जबकि इस साल 2 सितंबर 2022 को समाप्त तक केवल 7.777 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई हुई है।
केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कार में बैठ सभी लोगों के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है और इस पर अगले 2-3 दिन के अंदर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया जाएगा। जो सीट बेल्ट के नियम का पालन नहीं करेगा उस पर जुर्माने का भी प्रावधान होगा। जुर्माना लेना मकसद नहीं है, बल्कि लोगों में जागरूकता फैलाना है। मंत्री ने कहा कि 2024 तक सड़क हादसों में 50 फीसदी कमी लाने का लक्ष्य है। सभी हाईवे पर कैमरे लगे हैं, तो अगर कोई सीट बेल्ट नहीं लगाता है तो उन्हें कैमरों के जरिए आसानी से पकड़ा जा सकता है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
रेलवे की ओर से एक बड़ी पहल की जा रही है.भारतीय रेलवे पहली बार पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत 150 जोड़ी यात्री ट्रेनों को चलाने पर विचार कर रही है. इसके लिए भारतीय रेलवे ने निजी संस्थाओं से बोलियां भी मांगी है। निजी संस्थाओं को इन ट्रेनों में यात्रियों का किराया तय करने का भी अधिकार दिया जाएगा।द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जिन 150 ट्रेनों को पीपीपी मोड पर चलाया जाएगा वो अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली ट्रेनें होंगी. रेलवे का मकसद इन सौदों से करीब 30 हजार करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न करने की योजना है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
सोशल मीडिया पर इस समय एक खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार आयुष योजना के तहत हर महीनें 78,856 रुपये की सैलरी देगी. मैसेज में दावा किया गया है कि इस योजना के तहत आपको सहायता राशि के रूप में सैलरी तब मिलेगी जब आप इस योजना के लिए पात्र हैं। मैसेज में यह भी दावा किया गया है कि हर महीने 50 हजार रुपये सैलरी पाने के आप हकदार हो सकते हैं।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के मामले में भारत ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के आंकड़ों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि भारत ने मार्च 2022 के अंत में ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया। यह एक शानदार स्थिति लग रही है, लेकिन ये भारतीय रिजर्व बैंक के साथ-साथ, कई शोध संस्थाओं के अनुमान से कम हैं। कई मोर्चे पर चुनौतियां बरकरार हैं।यहाँ पर अहम सवाल कुपोषण को लेकर उठता हैं। भारत की तकरीबन 19 करोड़ आबादी यानी ब्रिटेन की कुल आबादी की तकरीबन तीन गुना आबादी कुपोषित है। स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन के मानकों को जोड़कर ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स तैयार किया जाता है और इस मानक पर ब्रिटेन दुनिया के 189 देशों के बीच 13 वें पायदान है और भारत दुनिया के 189 देशों के बीच 131 वें पायदान पर है।भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी आगे बढ़ रही है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
सरकार ने भारतीय हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। नई व्यवस्था के तहत सरकार ने सीआईएसएफ के 3,000 से अधिक पदों को समाप्त कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि अब निगरानी और सुरक्षा के लिए स्मार्ट प्रौद्योगिकी उपकरणों की सहायता से निजी सुरक्षा कर्मियों द्वारा मुख्य सुरक्षा कार्यों को छोड़कर बाकी काम किए जाएंगे। केंद्रीय नागरिक उड्डयन और गृह मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई 2018-19 में ये कार्य योजना बनाई गई थी। जिसे नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ-साथ पूरे देश के 50 नागरिक हवाई अड्डों पर लागू की जा रही है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
आवासीय समस्या का आलम यह है कि अब शहरों के पास रिहाइश के लिए नाममात्र को जमीन बची है। जितनी जमीनें वहां हैं, वे या तो निजी बिल्डरों के कब्जे में हैं या फिर किसी न किसी झंझट में फंसी हुई हैं।आज देश में 2.7 करोड़ लोगों के पास रहने को घर नहीं हैं और वे झोपड़-पट्टियों में गुजर-बसर कर रहे हैं। आखिर मकानों की यह किल्लत दूर हो तो आखिर कैसे।इसका एक उपाय है, खाली पड़े मकानों को किराए पर उपलब्ध कराना और सिंगापुर तथा हांगकांग की तर्ज पर किराए के लिए ही नए सरकारी मकान बनाना। ऐसी योजना के विचार के पीछे यह अनुमान काम कर रहा है कि बीते एक दशक की अवधि में ही देश में दो करोड़ से ज्यादा नए मकान बने हैं, लेकिन निवेश के मकसद से बनाए गए ये ज्यादातर मकान खाली पड़े हैं।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।