पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के कुछ दिन बाद घरेलू रसोई गैस के दाम में 50 रुपये प्रति सिलेंडर,जबकि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार को 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी गई है. इस तरह, चुनावी गतिविधियों के कारण पेट्रोल-डीजल की दरों में संशोधन पर साढ़े चार महीने से जारी रोक खत्म हो गई.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

विश्व खुशहाली सूचकांक में भारत का खराब प्रदर्शन जारी है, लेकिन पिछले साल की तुलना में भारत की स्थिति में थोड़ा बहुत सुधार हुआ है. पिछले साल इस सूचकांक में भारत 139वें स्थान पर था, जबकि इस साल भारत 136वें स्थान पर पहुंच गया है. दक्षिण एशियाई देशों में सिर्फ तालिबान शासित अफगानिस्तान की स्थिति भारत से खराब है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

एक संसदीय समिति ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग पिछले चार वर्षों से निष्क्रिय पड़ा है और संसद में उसने एक भी रिपोर्ट पेश नहीं की है। आयोग की ओर से लंबित रिपोर्ट में आंध्र प्रदेश में इंदिरा सागर पोलावरम परियोजना के आदिवासी आबादी पर प्रभाव संबंधी आयोग द्वारा किया अध्ययन और राउरकेला स्टील प्लांट की वजह से विस्थापित हुए आदिवासियों के पुनर्वास पर एक विशेष रिपोर्ट शामिल हैं भाजपा की रमा देवी की अध्यक्षता वाली सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर गठित संसदीय समिति ने पाया कि इन रिपोर्ट्स को आयोग द्वारा अंतिम रूप दे दिया गया है लेकिन केंद्रीय जनजाति मंत्रालय के पास रुकी हुई हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

मेघालय में कोविड-19 महामारी के दौरान संक्रमण के डर से अस्पतालों में प्रसव कराने से महिलाओं के इनकार के चलते 877 नवजात शिशुओं और 61 माताओं की मौत हो गई। संक्रमण फैलने के डर से गर्भवती महिलाओं ने अस्पतालों में भर्ती होने से इनकार कर दिया था। मेघालय सरकार ने यह जानकारी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को दी है। मेघालय सरकार ने एनएचआरसी को सौंपी गई अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में इसका कारण बताया है। एनएचआरसी ने हाल ही में मेघालय में अधिक संख्या में नवजात शिशुओं और प्रसूताओं की मौत दर्ज की थी।रिपोर्ट में कहा गया है कि नवजात शिशुओं की मौत के कारणों की जांच से पता चला है कि ये मौतें चिकित्सकीय सुविधा के अभाव और देखभाल की कमी के कारण हुईं क्योंकि गर्भवती महिलाओं ने कोरोना वायरस संक्रमण के डर से स्वास्थ्य केन्द्रों में भर्ती होने से खुद ही इनकार किया था और कोविड-19 जांच कराने से भी मना कर दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक जिस समय ये मौतें हुईं, उस समय कोविड-19 और गैर-कोविड-19 मरीजों को अलग-अलग रखना अनिवार्य था।

गंगा से एकत्र गंदे पानी को साफ कर औद्योगिक इकाइयों को बेचने के साथ ही सरकार गंगा नदी की गाद से खाद बनाने के विकल्प पर भी विचार कर रही है। इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और गंगा में रसायनों के जाने से भी रोका जा सकेगा। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि फास्फोरस और पोषक तत्वों से भरपूर गंगा का ट्रीटेट जल फसलों के लिए बहुत फायदेमंद है।राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक अशोक कुमार ने प्रेट्र से कहा कि हमने पाया है कि गाद को ट्रीट कर खाद की तरह बनाया जा सकता है। अब गंगा की गाद को रासायनिक खाद के विकल्प के तौर पर तैयार करने पर विचार किया जा रहा है और पिछले दो हफ्ते में इसको लेकर कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है।

2016 से 18 की तुलना में 2017 से 19 के बीच देश के मातृ मृत्यु अनुपात में 8.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, जिसके बाद भारत में एमएमआर 103 पर पहुंच गया है. इसका मतलब है कि देश में हर लाख जीवित जन्में बच्चों पर दुर्भाग्यवश 103 माओं की मृत्यु उन्हें जन्म देते समय हो जाती है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

देश में 12 से 14 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों का कोविड-19 रोधी टीकाकरण 16 मार्च से शुरू होगा गया है. 12 से 14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को हैदराबाद स्थित ‘बायोलॉजिकल इवांस’ द्वारा निर्मित कोविड-19 रोधी ‘कोर्बेवैक्स’ टीके की खुराक दी जाएगी। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से देश में श्रमिकों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा है. ऐसे में सरकार ने इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए कई तरह की योजना की शुरुआत की है जिससे लोगों को आर्थिक मदद मिल सकें। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उसकी ओर से आगामी राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल को सफल बनाने का आहवान किया गया है क्योंकि केंद्र की ओर से देश के सबसे बड़े सेवानिवृत्त कोष के लिए नई ब्याज दर की सिफारिश की गई। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

बीते दो सालों में कोविड-19 महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था में आई मंदी के चलते देश के सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।