आपलोग हमें बताएं कि केवल परीक्षा में लाये हुए अच्छे नंबर ही एक अच्छा और सच्चा इंसान बनने का माप दंड कैसे हो सकता है? अक्सर देखा जाता है कि माता पिता अपने बच्चों के तुलना दूसरे बच्चों से करते है. क्या यह तुलना सही मायने में बच्चे को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करती है या उनके मन में नकारात्मक सोच का बीज बो देती है ? आपको क्या लगता है? इस पर आप अपनी राय, प्रतिक्रिया जरूर रिकॉर्ड करें। और हां साथियों अगर आज के विषय से जुड़ा आपके मन में किसी तरह का सवाल है तो अपने सवाल रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन नंबर 3 दबाकर। हम आपके सवालों का जवाब ढूंढ कर लाने की पूरी कोशिश करेंगे।

अब ब्रह्मांड का रहस्य भी जान सकेंगे परिषदीय विद्यालय वाले बच्चे

6विद्यालयों का किया गया विलय

1986 अभ्यर्थियों ने डीडीएलएड की परीक्षाएं

क्षेत्रीय भौगोलिक भ्रमण पर गई राजकीय की छात्राएं

पात्र छात्र-छात्राओं को मिले छात्रवृत्ति सीधी हो

जिलों में 60 विद्यालयों में होगी लर्निंग बाईडूइंग लेब होगी स्थापना

दिलदारनगर में ग्रामीण युवाओं के लिए आगाज अकादमी का शुभारंभ निशुल्क

दिव्यांग बच्चों से सीख लेने की जरूरत है

छात्रों को हेल्पलाइन नंबरों की दी गई जानकारी