यह कहानी एक लड़की की साहस और संघर्ष की है, जिसने अत्याचार को मात दिया और नये जीवन की धारा चलाई। मायके का साथ बना उसका सहारा, बेटे को बड़ा किया सच्चाई की पुकार से। उमा ने सिखाया, हिंसा से ना डरो, आगे बढ़ो, सपनों को हकीकत में बदलो। आपको लगता है कि उमा ने अपने जीवन में सही निर्णय लिया था, जब वह अपने परिवार के खिलाफ खड़ी हुई थी? उमा की कहानी आपको कैसे प्रेरित करती है और आपके विचारों में समाज में इस तरह की स्थितियों पर सहायता और बदलाव कैसे लाया जा सकता है?

मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य की अध्यक्षता में जिला बाल कल्याण संरक्षण समिति, बाल-विवाह एवं बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना की त्रैमासिक बैठक विकास भवन सभागार में सम्पन्न हुई। जिसमें समिति के सभी सदस्यगण उपस्थित थे । बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा बैठक की एजेन्डा बिन्दु को क्रमवार समिति के समक्ष पढ़कर सुनाया गया तथा मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा संबंधित को कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया। उन्होने बेटी बचाओं बेटी पढाओं की कार्य-योजना को जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी से समन्वय स्थापित कर कार्य योजना तैयार कर प्रस्तुत किये जाने का निर्देश दिया । बैठक उन्होने बेटी बचाव बेटी पढाओ योजना पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए निदेशालय महिला कल्याण द्वारा निर्धारित आनलाईन स्प्रेडशीट पर सूचना अपडेट करने , कन्या जन्मोत्सव के अवसर पर माता-पिता का सम्मान एवं बेटी के नाम पर वृक्षा रोपण, नेम प्लेट एवं दुकान का नाम बेटी के नाम पर करने हेतु जागरूकता बढाने, भ्रूण हत्या रोकने, बालिकाओ के सामने आने वाली चुनौतियो और उनके अधिकारो के संरक्षण, बाल विवाह प्रथा, लैगिंग असमानता आदि को समाप्त करने, ड्राप आउट किशारियों के चिन्हीकरण व उनके अभिभावको को उनकी शिक्षा पूरी करने हेतु अभियान चलाना एवं ड्राप आउट किशोरियों की शिक्षा को नियमित करने, सार्वजनिक स्थानो पर महिलाओ/बालिकाओं के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने व स्कूल कालेजो एवं सार्वजनिक स्थानो पर शौचालय आदि के निर्माण पर विस्तापूर्वक चर्चा करते हुए जागरूकता लाने का निर्देश दिया । ................................

मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य की अध्यक्षता में जिला बाल कल्याण संरक्षण समिति, बाल-विवाह एवं बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना की त्रैमासिक बैठक विकास भवन सभागार में सम्पन्न हुई। जिसमें समिति के सभी सदस्यगण उपस्थित थे ।

उत्तर प्रदेश राज्य के गाजीपुर जनपद जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया है कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के निर्देशानुसार तथा शासन के मंशा के अनुरूप बालको या बालिकाओं के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए जनपद के समस्त प्रबुद्धजनो से अपिल की है कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 1929, यथा संशोधित 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह करना कराना कानूनी अपराध है।

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उत्तरप्रदेश राज्य के ललितपुर ज़िला के मेहरोन से अंसुल राजा ,ग़ाज़ीपुर मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर सरकार का निर्णय सही है। पहले तो लड़कियों की शादी कम उम्र में ही हो जाती थी तो लड़कियाँ घर के काम भी नहीं जानती थी। अब लड़कियों को हर एक काम सीखने का मौका मिलेगा। जब तक लड़कियों की शादी का इच्छा न हो तब तक शादी नहीं करनी चाहिए।

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