कांग्रेस ने किया धरना प्रदर्शन ग़ाज़ीपुर के सरजू पांडेय पार्क में जिला कांग्रेस कमिटी ने धरना प्र्दशन किया। इस दौरान पूर्व मंत्री अजय राइ को झूठे मुक़दमे में फंसाये जाने पर विरोध जताया और इस झूठे केस को हटाने की मांग की। तथा राजयपाल को सम्बोधित करते हुए एक पत्र भी जारी किया गया।
किस विद्वान को भूगोल का पिता कहा जाता है ......
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गाजीपुर। विद्युत वितरण खंड द्वितीय शहरी छेत्र आमघाट में पिछले एक हफ्ते से सर्वर ठप होने से छेत्र से जुड़े आम उपभोक्ताओं को बिजली बिल जमा करने एवम बिल रिवीजन कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वही सहायक अभियंता सुधीर कुमार ने बताया कि जब से सर्वर का काम क्वेश कंपनी को 1 जनवरी से दिया गया है तब से आज तक सर्वर ठप पड़ा हुआ है जिसके वजह से आए दिन हमारे विद्युत उपभोक्ता काफी परेशान नजर आ रहे हैं, जिसमे बिजली बिल नही जमा होने से बुरी तरह राजस्व प्रभावित हो रहा है एवम विभागीय कार्य जैसे बिल वितरण,जंक डाटा, रेड पोर्टल, परमानेंट डिस्कनेक्शन, टेंपरेरी डिस्कनेक्शन सहित अन्य कार्य ठप पड़ा हुवा है। आए दिन उपभोक्ताओं से ऑफिस में कहासुनी हो रही है।
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कांग्रेसियों ने धूमधाम से मनाया सोनिया गांधी का जयंती
कामरेड नेता जफर आब्दी के निधन से शोक की लहर दुल्लहपुर गाजीपुर। जखनिया सीपीएम के कार्यालय पर आज सीपीएम के वरिष्ठ नेता जफर आब्दी एक हफ्ता पूर्व गाजीपुर में अज्ञात वाहन के धक्के से घायल हुए थे जिनको वाराणसी ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा था। जिनकी आज सुबह निधन हो गई। जफर आब्दी 65 वर्ष के हो चुके थे। जिन्होंने अपने जीते जी तमाम आंदोलनों में भाग लिए और वामपंथी दलों में भी कार्य कर चुके हैं। वर्तमान में सीपीएम के जिला कार्यकारिणी में सदस्य के रूप में थे। जिनके निधन से वामपंथी दलों में शोक की लहर है। आज जिला सचिव विजय बहादुर सिंह के नेतृत्व में 2 मिनट का मौन रखकर मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई ।इस मौके पर विनोद यादव, रामअवध मास्टर, सुरेंद्र राम, शीला देवी, पूनम देवी,गुड्डू सहित अन्य लोग रहे।
भारत का राष्ट्र गान जन गण मन कवि और नाटककार रविंद्रनाथ टैगोर के लेखन से लिया गया है भारत के राष्ट्र गान की पंक्तिया रविंद्रनाथ टैगोर के गीत भारती भाग्य विधाता से ली गई हैं मूल गाना बंगाली में लिखा गया था और पूरे गाने में 5 छंद हैं यह पहली बार 1905 में तत्व बोधिनी पत्रिका के एक अंक में प्रकाशित हुआ था इस गीत को सार्वजनिक रूप से पहली बार 27दिसंबर 1911 में कलकत्ता में भारतीय राष्टीय कांग्रेस के सत्र में गाया गया था और टैगोर ने इसे खुद गाया था टैगोर ने आपनी बंगाली गीत एक अंग्रेजी व्याख्या 28 फरवरी 1919को लिखी और इसका शीर्षक द मॉर्निग सॉन्ग ऑफ इंडिया रखा अंग्रेजी व्याख्या लिखने का अनुरोध मदनपल्ली के बेसेंट थियोसोफिकल कॉलेज के डॉक्टर कोसेंस ने तब किया था जब टैगोर मदनपाल्ली में कुछ दिन बिताने गए थे पूरे गाने के धीमी धुन और इसके राग अल्हैया बिलावल का श्रेय रविंद्रनाथ टैगोर को ही दिया गया l