विकासखंड जखनिया के दुल्लापुर क्षेत्र वासी सपा सरकार के शासनकाल से देवा पोखरे पर निर्माणाधीन पानी की टंकी का कार्य पूर्ण हो जाने के बाद भी पेयजल आपूर्ति की आस लगाए बैठे हैं परंतु कई वर्ष बीत जाने के बाद भी लोगों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति नहीं हो सकी है ऐसे में एक बार फिर लोगों के घरों में हैंड पाइप के पानी छोड़ने से हलक सूखने व जल के लिए इधर-उधर भटकने की नौबत आती दिखाई दे रही है

आए दिन दुल्लापुर क्षेत्र में विद्युत की कटौती जो कि प्रचंड गर्मी के समय दोपहर लगभग 11:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक सुचारू रूप से जारी रहती है ऐसे में दुल्लापुर क्षेत्र वासियों का जीवन जटिल हो गया है झूलसाती गर्मी और घर में हो रही तपन से लोग परेशान हैं बताया जा रहा है कि दुल्लापुर क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति बड़वा गोदाम मऊ जिले से होती है ऐसे में गाजीपुर जिले के दुल्लापुर क्षेत्र की सप्लाई में मऊ जिले के विद्युत विभाग के अधिकारियों के सौतेले व्यवहार से विद्युत व्यवस्था में सुधार हो पाना कठिन दिखाई दे रहा है जिससे लाक डाउन की समस्या से जूझ रहे लोगों की परेशानियां घटने की बजाय बढ़ती जा रही हैं

दुल्लापुर गाजीपुर स्थानीय स्तर पर नाइयों की दुकान न खुलने से क्लीन शेव कराने वाले या बालों की कटाई कराने वाले अत्यंत परेशान हैं ऐसे लोग जो दाढ़ी या बाल कटवाने के लिए सलून का सहारा लेते थे ऐसे लोगों की परेशानी लाक डाउन में बर्फी दिखाई दे रही है 21 दिनों के लिए हुए लॉक डाउन को लेकर लोगों में आस की किरण जगी थी कि 21 दिन बाद नाइयों की दुकान खुलेगी और हमारी समस्या का समाधान होगा परंतु लॉक डाउन की अवधि और बढ़ जाने से लोगों के माथे पर चिंता की लकीर खींच गई है

विकासखंड जखनिया अंतर्गत ऐसे अनेकों गांव में कुछ खास तरह के कार्ड धारकों को छोड़कर आमजन की पहुंच से निशुल्क खाद्यान्न वितरण अभी कोसों दूर है लॉक डाउन से उत्पन्न हुए संकट जिससे रोजगार धंधे बंद हो गए क्षुधा की शांति के लिए होने वाली आय पर ग्रहण लग गया परंतु 2 जून की रोटी के लिए सरकार द्वारा किया गया निशुल्क खाद्यान्न वितरण का वादा अभी पूरा नहीं हो सका है ऐसे विकासखंड जखनिया के अंतर्गत पड़ने वाले अनेकों गांव जिनमें दुल्लापुर देवा जलालाबाद भी शामिल है इन गांव के लोग आस लगाए बैठे हैं कि कब निशुल्क मिलने वाला खाद्यान्न हमें मयस्सर हो ताकि मां-बाप के साथ-साथ उनके कलेजे के टुकड़े को भूखे पेट सोने की नौबत ना आन पड़े।

दुल्लापुर गाजीपुर विकासखंड जखनिया के परिधि में आने वाले गांव के ग्रामवासी कोरोना संक्रमण के दौर में जहां व्यवसाय व रोजगार धंधे बंद हो जाने से अत्यंत द्रवित हैं वहीं एक तारीख से बैंकों के विलय से होने वाले सरवर के संचालन में व्यवधान पढ़ने से बैंकों से आवश्यकता अनुरूप पैसों के लेनदेन में भी कोरोना संकट ने इंसान को खून के आंसू रोने को मजबूर कर दिया है 1 अप्रैल से लगातार चल रही सर्वर फेल या डाउन होने की समस्या से लोग परेशान हैं वही बात करें बिजली की तो ग्रामीण क्षेत्र होने के नाते आम लोगों की पहुंच से इनवर्टर के सपने भी काफी दूर हैं ऐसे में सुबह करीब 10:00 बजे से बिजली की कटौती से लोग अपने जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं लोगों का कहना है कि ऐसी दुर्दशा चाहे बैंकों के सर्वर की समस्या हो या कोरोना लाक डाउन की उन्होंने अपने जीवन में कभी भी देखी नहीं थी हालात को कठिन बनाने में कोरोना काल में बैंकों का विलय जिससे आर्थिक संकट से जूझ रहे लोग वही कोरोना के भय से बंद हुए उद्योग धंधे व्यवसाय व रोजगार जिसने लोगों को आर्थिक दृष्टि से अत्यंत क्षीण कर दिया है साथ ही साथ बिजली के ना रहने से लोगों को घर में रहकर गर्मी का अभिशाप भी झेलना किसी लोहे के चने चबाने से कम नहीं है दोस्तों प्रकृति तो हमारे सब्र का इम्तिहान ले ही रही है परंतु इंसान द्वारा बनाई गई सरकारें भी बैंकों के विलय से सर्वर फेल होने या खराब होने और झुलसाती गर्मी में बिजली के अभाव ने आग में घी डालने का तथा कोरोना काल से अधिक लोगों को प्रताड़ित करने का काम किया है।

कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप से पूरे विश्व में मानव जाति पीड़ित है ऐसे में शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में उसके प्राकृतिक और रोग प्रतिरोधक प्रणाली की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है इस रोग में बचाव ही सबसे अच्छी चिकित्सा है सभी जानते हैं कि कोविड-19 महामारी की कोई दवा नहीं बनी है ऐसे में इस रोग से बचने के लिए शरीर की रोग से लड़ने वाली ताकत बढ़ाने के उपाय करना ही बेहतर है आइए जानते हैं इस विषय में कैसे बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता ऑडियो पर क्लिक करें और सुने

दुल्लापुर गाजीपुर रात्रि के 9:00 बजे से 9 मिनट दीपक जलाने का सिला जो शुरू हुआ मानो दीपावली सा माहौल नजर आ रहा था ऐसे में कोरोना रुपी भय को मानो 130 करोड़ की जनता दीपों से निकलने वाली दिव्य शक्ति से उखाड़ फेंकने के लिए संकल्पित नजर आ रही थी लोगों ने अनेकों तरह के प्रयोग इस 9 मिनट के लिए दीपों को जलाने में किये कहीं कहीं पटाखे भी छोड़े गए तो कहीं भारत माता की जय वंदे मातरम के साथ-साथ शंख की ध्वनि भी सुनाई दे रही थी

श्रोताओं आपको तस्वीर के माध्यम से यह दिखाना चाहेंगे की इस कोरोना कालचक्र से भयभीत व्यवसायियों ने अपनी दुकानें बंद कर दी वहीं घरों से नित्य बचे हुए खाने जो जीव जंतुओं के पेट का नेवाला बनते थे व्यवसाय बंद हो जाने से इंसान के ऊपर भूखमरी का खतरा मंडराने से बाहर जीव जंतुओं के लिए डाला जाने वाला खाना बंद हो गया है तथा मिष्ठान व होटलों के साथ-साथ खाद्य सामग्री बनाने वाली दुकानों के बंद हो जाने से जीव जंतुओं के ऊपर भी भूखमरी का खतरा दिखाई दे रहा है देखिए यह डॉगी विचारा क्या कह रहा है

मोदी जी के द्वारा आज रात 9:00 बजे 9 मिनट दीपक जलाने की अपील जो देशवासियों से की गई है इस अपील को लेकर मेरी कल्पना यूं है श्रोताओं अंको की बात करें तो संपूर्ण अंकों में शुरुआत एक से और अंत 9 है कुछ लोगों का कहना है कि यह नौ ग्रहों की शांति के लिए अपील की गई है परंतु मेरी सोच क्या कहती है तो श्रोताओं सत्यता चाहे जो भी हो परंतु आज तारीख है 5 लॉक डाउन में शेष बचे हैं 9 दिन तो यह बाकी बचे 9 दिन और दीपक जलाने का समय 9:00 मिनट और रात का समय 9:00 बजे तो श्रोताओं 9:00 बजे 9 मिनट और शेष बचे 9 दिन आज रात के 9:00 बजे और 9 मिनट को अगर जोड़कर योगिक अंक बनाया जाए तो हो जाएंगे 9 प्लस 9 बराबर अट्ठारह इसे अगर एकल अंक में तब्दील किया जाए तो अंक बनेंगे 8 प्लस 1 बराबर 9 इसी तरह से शेष बचे लाख डाउन के 9 दिन इन 9 दिनों में अगर घंटों की बात करें तो 1 दिन बराबर 24 घंटे 24 घंटे में होने वाले मिनट की संख्या होगी 1440 इसी तरह आगे बढ़ते हैं तो आने वाले 9 दिन और 9 दिनों में आने वाले मिनट होंगे 12960 यह होंगे योगिक अंक अगर इन अंको को हम आपस में जोड़ दें तो जो योगिक अंक बनेगा वह होगा अट्ठारह यानी कि एक प्लस 2 प्लस 9 प्लस 6 बराबर अट्ठारह और हम 18 को अगर एकल अंक में बदलते हैं तो अंक जो बनता है वह होता है नौ यानी कि आने वाले मिनट का अंक 9 और आज रात्रि का समय भी नौ और दीपक जलाने का समय भी 9 और शेष बचे दिन भी नौ इस तरह से समय मिनट और बाकी बचे 9 दिन और 9 दिनों में बनने वाले मिनटों की संख्या भी नौ अगर इन्हें आज रात्रि के समय दीपक जलाने का समय और लाख डाउन कि आने वाले दिनों का समय अगर जोड़ा जाए तो होता है 9 गुडे 3 = 27 27 का अगर एक कलंक बनाया जाए तो बनेंगे 7 प्लस 2 बराबर नौ इस तरह से तीनों तरफ से अगर देखा जाए तो आने वाले अंक नौ ही होंगे वहीं अगर आज रात्रि दीपक जलाने का समय 9:00 दीपक जलने का समय भी 9 मिनट और आने वाले लाख डाउन के दिन भी नौ और 9 दिनों में आने वाले मिनटों की संख्या भी एकल अंक में नौ ही होगी अगर 9 को आप 4 बराबर भागों में ही बांटते हैं तो अंक बनते हैं 36 और 36 को अगर एकल अंक बनाया जाए तो अंको की संख्या होगी 3 प्लस 6 बराबर नौ इस तरह से तीनों तरह से या चारों तरह से अगर देखा जाए तो आने वाले 9 का अंक कहीं ना कहीं से जादुई अंक समेटे लगते हैं इसलिए मेरी उम्मीद है कि हर जगह आने वाले 9 की अंक आपके जीवन से कोरोना का साया दूर करने में सहयोगी बनेंगे इसलिए आज रात्रि की बेला 9:00 बजे 9 मिनट तक दीपक को जलाना या फ्लैशलाइट जलाना या मोमबत्ती जलाना या टॉर्च जलाना आप जैसे भी चाहे इस 9:00 बजे रात्रि के 9 मिनट के 9 दिन के और आने वाले 9 दिनों के अंकों की एकल अंक 9 को और ऊर्जा प्रदान कर कोरोना रूपी दुश्मनों को दूर भगाने में सहयोग और ताकत प्रदान कर सकते हैं

कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए इन10 बातों का का हमेशा ख्याल रखें घर पर रहे आने वाले लोगों से ना मिले यदि मिलना ही है तो 1 मीटर दूरी से ही बात करें नियमित अंतराल पर चेहरा हाथ साबुन से धोएं छिकते खांसते वक्त कोहनी या टिशू पेपर लगाएं घर का पौष्टिक खाना खाएं पानी व जूस ज्यादा पिये व्यायाम करें लेकिन शरीर को बहुत अधिक न थकाये डॉक्टर द्वारा पहले से ही दवा ले रहे हैं तो नियमित समय पर लेते रहें बाहर जाने वाले सदस्यों से फोन वीडियो कॉल के माध्यम से बात कर सकते हैं आँख, घुटने जैसे सामान्य ऑपरेशन बिल्कुल ना कराएं आसपास की जगह नियमित साफ करते रहे ,बुखार जुकाम या सांस लेने में तकलीफ होने पर डॉक्टर से मिलें ,आगे आपको बताते हैं कि आपको क्या नहीं करना है बिना चेहरा नाक मुंह को ढके ,खांसे या छीकें नही , बुखार है तो नजदीकी लोगों से दूरी बनाकर रखें आंख नाक मुंह और जीभ को छूने से बचें, बीमार लोगों के पास बिल्कुल ना जाए कोई तकलीफ होने पर खुद दवा ना लें घर परिवार के किसी सदस्य को गले ना लगाएं नियमित जांच और सलाह के लिए अस्पताल जाने से बचें डॉक्टर से फोन पर ही बात करके जानकारी ले लें भीड़भाड़ वाले स्थानों जैसे पार्क ,बाजार ,थिएटर और धार्मिक स्थलों के पास एकदम जाने से बचे बाहर जाना अगर जरूरी नहीं हो तो बिल्कुल ना निकले इसी में आपकी और समाज की समझदारी है किसी भी बात को लेकर तनाव में न रहें मनपसंद की चीज सतर्कता से इस्तेमाल करें।