गाजीपुर नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिए जिलें में करोड़ो की छात्रवृति के घोटाले का मामला सामने आया है। शिक्षा माफियाओं ने सत्र 2018-19 में सैकड़ो कालेजों के नाम पर स्कॉलरशिप का आवेदन कर धनराशि उतार ली है। दरअसल, इस घोटाले की जांच के लिए टीम गठित की गई है। लेकिन अभी तक किसी कालेज संचालक के खिलाफ कारवाई की गई है। जांच टीम सबूत जुटाने में लगी हुई है। भारत सरकार की महात्वाकांक्षी योजना नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिए जिले में 2018-19 में करोड़ो की छात्रवृति एक दूसरे कालेज से शिक्षा जगत के जालसाजो ने हड़प लिया है। उन कालेजों को इसकी जानकारी भी नहीं हो पाई। हालांकि, डीएम एवं सीडीओ छात्रवृति घोटाले को लेकर काफी सख्ती के साथ जांच कराने में लगे हुए है। सीडीओ की अध्यक्षता वाली गठित जांच टीम इस फर्जीवाड़े के तह तक जाकर पर्दाफाश करने में जुटी हुई है। जांच टीम ने 32 कालेजों को नोटिस भेजकर जवाब भी मांग चुकी है। लेकिन वह चालबाज शिक्षा माफिया को पकड़ नहीं पा रही है। बैक फे्रंचाइजी भी इस कारनामें में शामिल? गाजीपुर। शिक्षा माफियाओं का नेटवर्क खासकर बिरनो, मरदह , मनिहारी सदर, नंदगंज मुहम्मदाबाद और कासिमाबाद क्षेत्रों में फैला हुआ है। यह इस क्षेत्रों के सैकड़ो स्कूलों को अपना निशाना बनाए हुए है। जालसाज इसमें बैंक फ्रेचाइजी के माध्यम से खाता खोल क फर्जीवाड़ा किए है। इस फर्जीवाड़े में रिश्तेदारों से लेकर सगे संबंधियों के बेंकों खातो का उपयोग किया गया है। 1विभाग से मिला पासवर्ड गाजीपुर। नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिए छात्रवृति की करीब 24 स्कीम है। जिसमें विकलांग, अल्पसंख्यक वर्ग , आर्थिक रूप से गरीब सभी वर्गो सहित आदि लोगों को इस स्कीम के तहत धनराशि दी जाती है। सूत्रों के मुताबिक अल्पसंख्यक विभाग से इन जालसाजों ने पासवर्ड लिया है। जिसके आधार पर यह फर्जी छात्रों की संख्या दिखाकर बड़े स्तर पर घोटाला किए है। यह जालसाज बिना संबंधित स्कूलों की जानकारी दिए ही धोखाधड़ी से इनका पासर्वड लेकर फर्जी संख्या दिखा कर शासन को प्रस्तावित सूची भेज दिए थे। जिसमें यह चिन्हित कम्प्यूटर सेंटरो का सहारा लेते है।