गाजीपुर। महा ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन- गाजीपुर के सेवराई तहसील अध्यक्ष सत्यानंद उपाध्याय को शनिवार की रात्रि लगभग 8:00 बजे गहमर थाना के पुलिस कर्मी अंजनी राय ने फोन किया और उसने फोन पर ही धमकी भरे शब्दों में पत्रकार से गलत शब्दो का प्रयोग करते हुए खबरों को गलत ढ़ंग से लिखने का दोषारोपण किया और कहा कि नसीम खान पत्रकार का साथ छोड़ दो, वरना तुम्हे परेशानी उठाना पड़ेगा। जिस पर पत्रकार ने कहा कि श्रीमान अगर आपको लगता है की मेरे द्वारा लिखी हुई खबरें गलत हैं तो आप कोर्ट में चुनौती दीजिए उसका हम उत्तर कोर्ट में ही देंगे लेकिन आप किसी भी खबर को गलत या सही नहीं ठहरा सकते हैं क्योकि ख़बरे साक्ष्य के आधार पर होती है। और आप कौन होते है एक पत्रकार को दूसरे पत्रकार (समाचार पत्र) से अलग करने वाले। क्या आप को पता नही है कि मा. मुख्यमंत्री जी एवं डीजीपी (उ. प्र.) महोदय ने पत्रकारो से कैसे पेश आये का लिखित/मौखिक आदेश दिया है, फिर भी आप...? जबकि पुलिस कप्तान महोदय गाजीपुर हमेशा शिष्टाचार एवं शालीनता से पत्रकारों के साथ पेश आने की बातें बार-बार कहते हैं। लगता है कि आपके ऊपर जिम्मेदार अधिकारी एवं पुलिस कप्तान महोदय का अंकुश नहीं रहा, कि पत्रकारों को आप ऐसे लहजे में फोन पर धमकाते हैं। इस बाबत अन्य पत्रकारों को जब सूचना मिली तो स्थानीय पत्रकारो ने एक आपातकालीन मीटिंग (कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए) रविवार के दिन किया और उसमें तय हुआ कि ऐसा पुलिस जो 4 साल से गहमर थाने पर नियुक्त है को तत्काल हटाया जाए तथा प्रशासन उचित कार्रवाई करे। इस मामले की सूचना जब महा ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष उपेन्द्र यादव को हुई तो उन्होंने कहा कि अगर जनपद के किसी भी पत्रकार के ऊपर अत्याचार या उत्पीड़न होता है तो हमारा संगठन उस व्यक्ति के खिलाफ चाहे वह जो भो हो हम आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं और रहेंगे भी, अगर इस मामले में जिला अधिकारी महोदय एवं पुलिस कप्तान महोदय संज्ञान नहीं लेंगे तो मजबूर होकर के हम पत्रकार बंधुओं को सड़क पर उतरना पड़ सकता है।